लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल, पंधेर बोले- कॉरपोरेट के कब्जे में नहीं जाने देंगे अपनी जमीन
लुधियाना में किसान मजदूर मोर्चा ने लैंड पूलिंग पालिसी के विरोध में बैठक की। किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर ने सरकार पर किसान विरोधी नीतियां लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कॉरपोरेट घरानों द्वारा जमीनों पर कब्जे की कोशिशों का विरोध किया और किसानों को एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। मोर्चे ने संयुक्त किसान मोर्चा को भी मीटिंग के लिए आमंत्रित किया है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) की ओर से रविवार शाम को जालंधर बाईपास स्थित अंबेदकर भवन में मीटिंग बुलाई गई। जिसमें पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग पालिसी सहित किसानों से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर संघर्ष करने को लेकर चर्चा हुई।
मीटिंग में किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर, मनजीत सिंह राय, गुरअमनीत सिंह मांगट, दिलबाग सिंह गिल, लखबीर सििंह दोधर सहित अन्य शामिल हुए। मीटिंग को संबोधित करते हुए स्वर्ण सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब व केंद्र सरकार किसान विरोधी नीतियां लागू कर रही है।
लैंड पूलिंग पालिसी भी पूरी तरह पंजाब व किसान विरोधी है।पंजाब की जमीनों पर कारपोरेट घराने किसी न किसी ढंग से कब्जा करना चाहते हैं। पंजाब के किसान किसी भी कीमत पर अपनी जमीनें कारपोरेट के कब्जे में जाने नहीं देंगी।
किसान अपनी जमीनें बचाने के लिए संघर्ष करेंगे। इसके लिए किसान जत्थेबंदियों को एकजुट किया जाएगा।हालांकि, सरकार किसानी मोर्चे को कमजाेर करने के लिए राजनीति कर रही है। किसान मजदूर मोर्चा की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को एक पत्र लिखा है।
जिसमें उन्हें 26 अगस्त को किसान भवन चंडीगढ़ में मीटिंग के लिए निमंत्रण दिया गया है। पंजाब के किसान भी यही चाहते हैं कि सभी यूनियनें एकत्रित हो, जिससे कि जमीन, रोजगार व ग्रामीण पहचान की रक्षा की जा सके।आम आदमी पार्टी के नेता झूठी बयानबाजी करकेक किासनों व लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
उनहोंने कहा कि लैंड पूलिंग पालिसी के खिलाफ सांझा मोर्चा खोला जााएगा। पंधेर ने कहा कि पांच अगस्त को जालंधर में किसान मजदूर मोर्चा की बड़ी मीटिंग करने जा रहा है। जिसमें आगे के संघर्षाें को लेकर रणनीति तैयार होगी।
11 अगस्त को पूरे पंजाब में मोर्चा की ओर से मोटरसाइकिल मार्च निकाला जाएगा। यह एतिहासिक मोटरसाइकिल मार्च होगा। लुधियाना की किसान यूनियनें भी इस मार्च में शामिल होंगी।
इसके बाद जालंधर में 20 अगस्त को पुड्डा के हैड आफिस के बाहर धरना दिया जाएगा। कोशिश होगी कि इस धरने में लाखों की संख्या में किसान शामिल हो। किसानों को एकजुट किया जाएगा। इसके लिए मीटिंगें होंगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।