पंजाब में Adani का Silo Plant बंद हाेने से शेलर मालिकों पर पड़ेगी मार, बढ़ेगा ढुलाई व ट्रांसपोर्टेशन का खर्च
Punjab Adani Silo Closure पंजाब के फिराेजपुर में अदाणी ग्रुप का साइलाे प्लांट बंद हाेने से श्रमिकाें के साथ-साथ किसानाें और शेलराें की परेशानी भी बढ़ गई है। अब किसानों को मंडियों में जाकर ही धान बेचना पड़ेगा। इससे उनका ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी बढ़ जाएगा।
फिरोजपुर, [संजय वर्मा]। Punjab Adani Silo Closure: किसानों की जिद के कारण फिरोजपुर के वां गांव में अदाणी ग्रुप का साइलो प्लांट बंद होने से 400 श्रमिक तो बेरोजगार हो ही चुके हैं, लेकिन अब किसान व शेलर मालिक भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं रहेंगे। आगामी सीजन में उन्हें धान बेचने में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उनका ढुलाई व बारदाने का खर्च बढ़ जाएगा। इस साइलो प्लांट में चावल का भंडारण किया जाता है। इसकी क्षमता सात हजार टन है। वर्ष 2018 में शुरू हुए प्लांट पर 700 करोड़ रुपये की लागत आई थी।
प्लांट के बाहर किसान सात माह से धरने पर बैठे हैं, लिहाजा अदाणी ग्रुप ने इसे बंद करना ही उचित समझा। किसान सीधे उन शेलर मालिकों को धान बेचते थे, जिनसे प्लांट चावल खरीदता है। शेलर मालिक अच्छी किस्म के बासमती धान के लिए किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव दे देते हैं, लेकिन अब किसानों को मंडियों में जाकर ही धान बेचना पड़ेगा। इससे उनका ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी बढ़ जाएगा। क्योंकि शेलर मालिक ट्रालियों में धान खरीद लेते हैं, जबकि मंडी में इसे बोरियों में बेचना पड़ता है। इससे बारदाने और ढुलाई का काम बढ़ जाता है।
साइलो प्लांट बनने से पहले फिरोजपुर, गुरुहरसहाय, फाजिल्का, जलालाबाद, फरीदकोट, तरनतारन और अमृतसर के शेलर मालिक अपना बासमती चावल करनाल और तरावड़ी (हरियाणा) भेजते थे। एक ट्रक का किराया करीब 24 हजार रुपये पड़ता है। यदि शेलर मालिक 10 गाड़ियां भेजते हैं, तो उन्हें 2.40 लाख रुपये चुकाने पड़ते थे। साइलो प्लांट नजदीक होने के कारण उनका यह पैसा बच जाता था। अभी प्लांट में 53 हजार टन बासमती और 9 हजार टन परमल चावल स्टोर है। दूसरी तरफ धरने पर बैठे किसान नेताओं का कहना है कि प्लांट के गेट नहीं खुलने दिए जाएंगे। जिला प्रशासन की तरफ से अधिकारी आए थे, उन्हें सारी स्थिति से अवगत करवा दिया गया है।
150 शेलर मालिक जुड़े हैं प्लांट से
अदाणी साइलो प्लांट शेलर मालिकों से बड़े पैमाने पर चावल खरीदता है। करीब 150 शेलर मालिक इस प्लांट को चावल बेचते हैं। अब किसान आंदोलन के कारण उनका काम भी प्रभावित होगा। शेलर मालिक खुल कर किसानों का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन उनका कहना है कि सिर्फ फिरोजपुर ही नहीं कई और जिलों में भी शेलर मालिकों का काम एक चौथाई रह गया है। प्लांट के साथ ही शेलर चला रहे प्रवीण मंगल ने बताया कि प्लांट के साथ कई तरह का कारोबार चलता था। हम सीधे किसानों से धान खरीदते थे और उनको बासमती के एमएसपी से अधिक दाम देते थे, लेकिन अब जरूरत के मुताबिक ही धान खरीदते हैं।
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रोजगार छिनने से बढ़ीं मुश्किलें
फिरोजपुर के शहजादी गांव के मनदीप सिंह ने बताया कि वह सात माह से यहां काम कर रहा था। अब नौकरी चली गई है। परिवार के पास थोड़ी सी जमीन है। परिवार में पत्नी, बेटा व बेटी है। बढ़ती महंगाई में बच्चों की परवरिश और पढ़ाई मुश्किल है। अभी खेतीबाड़ी से परिवार का गुजारा चला रहा हूं। गौरतलब है कि इससे पहले लुधियाना में अदाणी ग्रुप का लाजिस्टिक पार्क बंद होने से भी 400 लोग बेरोजगार हो गए थे। वां गांव में चल रहीं दुकानों का काम भी प्रभावित हुआ है।