Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Punjab Crime: फरीदकोट जेल से चल रहा था ड्रग तस्करी और हथियारों की सप्लाई का धंधा, दो कैदियों सहित 11 लोग गिरफ्तार

    Updated: Sat, 03 May 2025 12:56 PM (IST)

    पंजाब पुलिस ने फरीदकोट से चल रहे ड्रग तस्करी के धंधे का पर्दाफाश किया है। इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो जेल के कैदी भी शामिल हैं। आरोपितों में दो युवतियां भी शामिल हैं। सप्लाई की सूचना लोकेशन के जरिए साझा की जाती थी।

    Hero Image
    फरीदकोट जेल से डल रहे ड्रग तस्करी के धंधे का पर्दाफाश

    संवाद सूत्र, खन्ना (लुधियाना)। पुलिस ने अंतरराज्यीय ड्रग तस्करी व अवैध हथियार सप्लाई करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह रैकेट फरीदकोट जेल से चलाया जा रहा था। पुलिस ने जेल में बैठे दो कैदियों सहित 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों दो युवतियां भी शामिल हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एसएसपी डॉ ज्योति यादव ने बताया कि 25 अप्रैल को हेडों चौकी के पास फार्च्यूनर में सवार जगप्रीत सिंह उर्फ जग्गा, गुरसेवक सिंह, जगरूप सिंह और जज सिंह को 10 ग्राम हेरोइन सहित पकड़ा गया था। चारों मोगा व फिरोजपुर जिले के रहने वाले हैं। बाद में जगप्रीत सिंह की निशानदेही पर पिस्तौल और एक मैगजीन बरामद हुई थी। आरोपित जेल में बंद अपराधियों के संपर्क में थे। इनके बीच वाट्सएप के माध्यम से हथियारों डिलीवरी तय होती थी।

    पूछताछ में हुए कई खुलासे

    पूछताछ में जगप्रीत सिंह ने बताया कि वह नशे की सप्लाई के लिए अवैध हथियार खरीदता था और हेरोइन की तस्करी करता था। हरदीप सिंह उर्फ दीपा निवासी फिरोजपुर व गुरलाल सिंह निवासी करनाल (हरियाणा) भी इस काम में संलिप्त थे। हरदीप व गुरलाल फरीदकोट जेल में बंद हैं जिन्हें पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लाई है।

    गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आया कि प्रकाश गुप्ता निवासी खरड़, मोहम्मद यासीन निवासी संभल (उत्तर प्रदेश), वंशिका ठाकुर उर्फ महक निवासी खरड़, तनु निवासी धर्मकोट, लवप्रीत सिंह निवासी घरिंडा (अमृतसर) भी इस रैकेट में शामिल हैं। सभी मोहाली के खरड़ क्षेत्र में किराये के फ्लैटों में रहते थे। फ्लैटों का किराया जगप्रीत सिंह ही देता था। यह गिरोह विदेशी नंबरों और वाट्सएप के माध्यम से आपस में संपर्क करता था।

    लोकेशन के जरिए साझा की जाती था सप्लाई की सूचना

    सप्लाई की सूचना लोकेशन के जरिए साझा की जाती थी और नशे की खेप पहुंचाने के बाद गूगल-पे से पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। बैंक खातों की जांच से पता चला है कि आरोपितों के खाते में हर माह 3 से 9 लाख रुपये तक की लेन-देन होता थी।

    यह भी पढ़ें- Ground Report: न कहीं खौफ, न अफरा-तफरी... पाकिस्तान से सटे पंजाब के इलाकों में बेखौफ ग्रामीण, BSF पर पूरा भरोसा