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कोरोना काल में संक्रमित मरीजों के लिए 'भगवान' का रूप हैं नर्स

पूरे विश्व में कोरोना कहर भरपा रहा है और अब तो देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पिछली के मुकाबले बहुत घातक हो गई है। कारण इसमें अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 03:32 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 03:32 AM (IST)
कोरोना काल में संक्रमित मरीजों के लिए 'भगवान' का रूप हैं नर्स
कोरोना काल में संक्रमित मरीजों के लिए 'भगवान' का रूप हैं नर्स

बिदु उप्पल, जगराओं : पूरे विश्व में कोरोना कहर भरपा रहा है और अब तो देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पिछली के मुकाबले बहुत घातक हो गई है। कारण, इसमें अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखरेख डाक्टरों के साथ स्टाफ नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ कर रहा है। आज कोरोना संक्रमित मरीजों को नई जिदगी देने में नर्स की भूमिका भी 'भगवान' के रूप में है। आज बुधवार को विश्व नर्स दिवस है और दैनिक जागरण इन नर्स के जज्बे को सलाम करता है, जोकि पिछले डेढ़ वर्षों से कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज व देखरेख में समर्पित भावना से काम कर रही है। मरीज के साथ संक्रमित परिवार की भी की देखभाल कर रहीं स्वर्णजीत कौर

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सिविल अस्पताल जगराओं के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करने में जुटी स्टाफ नर्स स्वर्णजीत कौर ने कहा कि हम जिस व्यवसाय से जुड़े हैं, वो मुझे बहुत प्यारा है। नर्स को भगवान का दर्जा मिला हुआ है, जोकि मरीज को नया जीवन दने में सहायक होता है। कोरोना महामारी की शुरुआत से ही उनकी ड्यूटी लेबर रूम, इमरजेंसी व आइसोलेशन वार्ड में लग रही है। इन दिनों भी उनकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अगस्त में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल के समय खुद भी कोरोना संक्रमित हुई और मेरे से पूरा परिवार पति भूपिदर सिंह व बेटी डा.कमलप्रीत कौर भी कोरोना संक्रमित हो गए थे। तब हम सभी अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करवाया। जब ठीक हो गई तो मैंने अपनी ड्यूटी पुन: आइसोलेशन वार्ड में लगवाई ताकि लोगों को बता सकूं कि इस बीमारी से कैसे लड़ना है। वे कभी इस बीमारी से डरी नहीं और यदि हम आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज दौरान डरेंगे तो मरीज हमसे डरेंगे और ठीक कैसे होंगे। उन्होंने कहा कि हम कोरोना संक्रमित मरीजों की एनर्जी बढ़ाने के लिए पारिवारिक माहौल, खुराक, एक्सरसाइज के बारे में बताते है ताकि वे जल्द ठीक हो सकें। सबसे पहले कोरोना पाजिटिव मरीज के संपर्क में आकर आइसोलेट हुई थीं तेजिदर कौर

सिविल अस्पताल लुधियाना की स्टाफ नर्स तेजिदर कौर ने बताया कि जब कोरोना महामारी का कहर शुरू हुआ था और मार्च में लुधियाना में पहला कोरोना पाजिटिव मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ था तब स्टाफ नर्स तेजिदर कौर ने बिना किसी सुरक्षा कवच के उक्त मरीज के सैंपल लिए और पूरी जांच के बाद उसको पटियाला रेफर करवाया था। जब अगले दिन उस मरीज की रिपोर्ट पाजिटिव आई तो वे पहले तो एकदम से डर गईं। फिर उन्होंने अपनी जांच करवाई। हालांकि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन एहतियात के तौर पर उन्होंने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया। तब से लेकर अब तक सिविल अस्पताल लुधियाना के आइसोलेशन वार्ड में आने वाले सभी कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल, उनकी गिनतीष एकांतवास व रेफर करवाने की ड्यूटी निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच रहने कारण परिवार से थोड़ी दूरी बनाकर ही रहती हूं ताकि सास, पति व बेटा सभी स्वस्थ रहें। कोरोना संक्रमित हो लेवल-2 आक्सीजन की कमी से निपटते हुए दोबारा ड्यूटी पर आई पूजा ठाकुर

सिविल अस्पताल लुधियाना में तैनात स्टाफ नर्स पूजा ठाकुर का कहना है कि नर्सिंग व्यवसाय के जरिए हमें मरीज की सेवा का मौका मिलता है। कोरोना काल की शुरुआत में उनकी ड्यूटी संक्रमित मरीजों की देखभाल करने की थी। इसी दौरान अगस्त में वे खुद संक्रमित हो गई। संक्रमण का स्तर लेवल-2 तक पहुंचने के कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ गई और वे पांच दिन आक्सीजन पर रहीं। इसके बाद भी डाक्टरों की टीम पांच दिन उनके इलाज में जुटी रहीं। इसके बाद दस दिन के लिए आइसोलेट रहीं। कोरोना संक्रमित होने के बाद कमजोरी आ गई थी, लेकिन फिर ड्यूटी ज्वाइन कर कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में जुट गई। जिले के कोरोना संक्रमित मरीजों के डाटा इकट्ठा करने के बाद अब उनकी ड्यूटी कोविड-19 से बचाव वैक्सीन लगाने की लगी है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग व्यवसाय से जुड़े लोगो में अब बहुत जज्बा व सहनशीलता है, जिसके चलते वे इस महामारी के समय में भी अपने काम पर डटे हैं। हम मरीजों का इलाज करते समय सोचते है कि यह भी हमारे परिवार के सदस्य है और उनको ठीक करके परिवार में खुशी-खुशी भेजना है।


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