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    Punjab Politics: खन्ना में कांग्रेस और शिअद को बड़ा झटका, दोनों पार्टियों के 2-2 पार्षद AAP में शामिल

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Sun, 11 Sep 2022 06:11 PM (IST)

    Punjab Politics पंजाब में आगामी नगर निगम चुनाव काे लेकर दलबदल का खेल जारी है। रविवार काे खन्ना में 4 पार्षद आम आदमी पार्टी में शामिल हाे गए। खन्ना के विधायक तरुनप्रीत सिंह सौन्द ने सभी का पार्टी में स्वागत किया।

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    कांग्रेस और अकाली दल के कई पार्षद आप में शामिल। (जागरण)

    सचिन आनंद, खन्ना (लुधियाना। Punjab Politics: पंजाब में कांग्रेस और अकाली दल काे रविवार काे बड़ा झटका लगा है। खन्ना की सियासत में रविवार का दिन धमाके वाला रहा। आम आदमी पार्टी के लिए जश्न की बात रही और शिरोमणि अकाली दल व कांग्रेस के लिए झटका रहा। दोनों दलों के 2-2 पार्षद आप में शामिल ही गए। हालांकि, कांग्रेस शासित नगर कौंसिल पर संख्या गणित के हिसाब से अभी कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन बताया जाता है कि झटकों का सिलसिला इसके बाद भी चलता रहेगा।

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    आप में रविवार को शामिल होने वालों में कांग्रेस के पूर्व ब्लाक प्रधान और खन्ना नगर कौंसिल के पूर्व उप प्रधान जतिंदर पाठक (वार्ड 30 से पार्षद) , कांग्रेस की वार्ड 27 की पार्षद दलजीत कौर, शिअद के वार्ड 16 से पार्षद परमप्रीत सिंह पोम्पी, वार्ड 5 से महिला पार्षद रीटा रानी शामिल हैं। खन्ना के विधायक तरुनप्रीत सिंह सौन्द ने पार्षदों का स्वागत सिरोपा पहना कर किया।

    खन्ना नगर कौंसिल में भ्रष्टाचार का आराेप

    सौन्द ने कहा कि खन्ना नगर कौंसिल में भ्रष्टाचार फैला है। शहर के विकास के काम रुके हुए हैं। ऐसे में पार्षद बहुत दुखी हैं। वे अपने वार्डों का विकास चाहते हैं। कांग्रेस विकास रोक रही है। यही हाल शिअद का है। वे विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रहे। इसलिए परेशान पार्षद आप में आ रहे हैं।गाैरतलब है कि नगर निगम चुनाव से पहले दूसरे दलाें के बड़े नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हाे रहे हैं।

    शनिवार काे जालंधर में कई भाजपाइयाें ने छाेड़ी थी पार्टी

    इससे पहले शनिवार काे जालंधर में कई मंडल और वार्ड स्तरीय नेताओं ने भाजपा से इस्तीफे की घोषणा की थी। इसके अलावा वार्ड 77 की महिला मोर्चा की पूरी टीम ने भी इस्तीफा दे दिया था। सभी का आरोप है कि पार्टी में जमीन से जुड़े नेताओं को पहले जैसा मान सम्मान नहीं मिल रहा है और वह सभी दुखी मन से पार्टी छोड़ने को मजबूर हैं।

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