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    Punjab News: पराली की सब्सिडी नहीं देने का मुद्दा गर्माया, मंत्री धालीवाल ने मोदी सरकार काे घेरा; लगाए यह आराेप

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Sun, 11 Sep 2022 04:50 PM (IST)

    केंद्र सरकार पंजाब के किसानाें के साथ साैतेला व्यवहार कर रही है। यह आराेप पंजाब के ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह ने लगाए। वह रविवार काे लुधियाना के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता काे संबाेधित कर रहे थे।

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    Stubble Burning: केंद्र सरकार पर पंजाब के किसानाें के साथ साैतेला व्यवहार करने का लगाया आराेप। (जागरण)

    जागरण संवाददाता लुधियाना। Stubble Burning: केंद्र सरकार पंजाब के किसानाें के साथ साैतेला व्यवहार कर रही है। यह आराेप  पंजाब के ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह ने लगाए। वह रविवार काे लुधियाना के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता काे संबाेधित कर रहे थे। धालीवाल का आराेप है कि मोदी सरकार ने पराली की सब्सिडी के लिए पैसे देने से मना कर किसानाें से कुठाराघात किया है। धालीवाल का कहना है कि किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। पंजाब सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

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    माेदी सरकार से 1500 रुपये प्रति एकड़ की थी मुआवजे की मांग

    पंजाब के ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह ने कहा है कि उनकी तरफ से केंद्र सरकार से 1500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों के लिए मुआवजे की मांग की थी ताकि बाकी पैसे डाल कर 2500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को पराली का निवारण करने के लिए सब्सिडी दी जा सके जिसे केंद्र सरकार ने नामंजूर कर दिया है।

    केंद्र सरकार किसान और पंजाब हितैषी नहीं

    इससे फिर साफ हो गया है कि केंद्र सरकार किसान और पंजाब हितैषी नहीं है। उनका कहना है कि पंजाब सरकार की तरफ से किसानों के लिए हर संभव सहायता की जाएगी इसके लिए बेहद सस्ते दाम पर किसानों को मशीनरी मुहैया करवा रहे हैं। 15 सितंबर से पंजाब के कृषि विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी किसानों की सहायता के लिए गांव में जाएंगे। इससे पहले भी कई मुद्दाें पर माेदी सरकार और पंजाब सरकार में टकराव काे देखने काे मिला था।

    अक्टूबर और नवंबर में पराली जलाने से बढ़ता है प्रदूषण

    पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना राष्ट्रीय राजधानी में अक्टूबर और नवंबर में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के कारणों में से एक है। इसके चलते देशभर में बीमारियां बढ़ जाती है। सुप्रीम काेर्ट भी कई बार पराली जलाने काे लेकर आपत्ति जता चुका है।

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