Punjab: इलेक्ट्रिकल वाहनों के लिए सरकार ने नहीं बनाई कोई पालिसी, चंडीगढ़ का रूख कर रहे खरीदार
पंजाब में इलेक्ट्रिकल वाहनों के लिए सरकार ने कोई पुख्ता नीति नहीं बनाई है। अब खरीदार इलेक्ट्रिकल वाहनों के लिए चंडीगढ़ का रूख कर रहे हैं। क्योंकि पंजाब में इलेक्ट्रिकल कार को रजिस्ट्रेशन करने के लिए 12 प्रतिशत पैसा देना पड़ता है।

वरिंदर राणा, लुधियाना। पंजाब में इलेक्ट्रिकल व्हीकल के लिए सरकार की पुख्ता नीति नहीं होने का नतीजा है कि लोग इलेक्ट्रिकल व्हीकल लेने के लिए चंडीगढ़ का रूख कर रहे है। क्योंकि चंडीगढ़ के मुकाबले पंजाब में इलेक्ट्रिकल कार 1.50 लाख रुपये लेकर तीन लाख रुपये तक महंगी पड़ती है। क्योंकि पंजाब में इलेक्ट्रिकल कार को रजिस्ट्रेशन करने के लिए 12 प्रतिशत पैसा देना पड़ता है।
जबकि चंडीगढ़ में महज 25 सौ रुपये में रजिस्ट्रेशन का काम होता है। यही कारण है कि इलेक्ट्रिकल कार लेने चाह्वन चंडीगढ़ में गाड़ियां खरीदने के लिए जा रहे है। इसका सबसे बड़ा नुकसान यहां के कार डीलर्स को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि उनके यहां लोग सिर्फ कीमत पूछने के लिए जा रहे है। अगर पंजाब में भी इलेक्ट्रिकल वाहन के लिए सरकार कोई पालिसी लेकर आए तो यहां पर भी वाहन ज्यादा बिकना शुरू होंगे।
गौरतलब है कि पंजाब में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई योजनाएं बना रही है। लेकिन वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कोई पुख्ता योजना नहीं है। इस समय वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल एक बड़ा विकल्प बनते जा रहे है। परंतु यहां पर इलेक्ट्रिकल वाहनों का रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार ने कोई राहत नहीं दी है।
इलेक्ट्रिकल कारों को सामान्य कारों की तरफ से 12 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी पड़ रही है। इससे इलेक्ट्रिकल कार खरीदने वाले ग्राहक को 1.50 लाख रुपये तीन लाख रुपये अतिरिक्त चुकाना पड़ता है। इसके अलावा टू व्हीकल या फिर आटो रिक्शा के लिए भी कोई राहत नहीं दी गई है। ऐसे में लोग इलेक्ट्रिकल वाहन खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है।
सरकार को देना चाहिए राहत
इलेक्ट्रिकल कार को हर व्यक्ति चाह रहा है, क्योंकि इससे प्रदूषण तो कम होता है। वहीं इसका खर्च भी सबसे कम है। हमारे यहां पर इलेक्ट्रिकल कार को खरीदने से लोग गुरेज कर रहे है। इसका कारण है कि यहां पर कार चंडीगढ़ के मुकाबले महंगी पड़ रही है। टाटा मोटर्स की विभिन्न श्रेणी में नौ कारें आती है। लुधियाना के मुकाबले चंडीगढ़ में यह कार खरीदने पर 1.50 से तीन लाख रुपये महंगी पड़ती है। इसलिए लुधियाना में लोग गाड़ियां कम खरीद रहे है। सरकार को चाहिए कि रजिस्ट्रेशन फीस अन्य जगह की तरह खत्म की जाए। इससे लोग ज्यादा मात्रा में गाड़ियां खरीदेंगे, वहीं वायु प्रदूषण भी कम होगा।
-गगनदीप बराड़, जनरल मैनेजर एस्पायर मोटर्स।
इलेक्ट्रिकल वाहन पर योजना जरूरी
पंजाब में दिन व दिन वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वाहन भी है। अगर लुधियाना की बात करे तो यहां की सड़कों पर 20 लाख से ज्यादा वाहन दौड़ रहे है। इसमें कई वाहन की लाइफ भी खत्म हो चुकी है। इसलिए सरकार को इलेक्ट्रिकल वाहन खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए योजना लानी जरूरी है। इस समय लोग चंडीगढ़ से इलेक्ट्रिकल कार खरीद रहे है क्योंकि लुधियाना से वहां 1.50 से तीन लाख रुपये सस्ते मिलते है। पंजाब में सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। ताकी यहां पर भी लोगों को राहत मिल सके।
-राहुल वर्मा, ट्रैफिक विशेषज्ञ।
इलेक्ट्रिकल कार के लिए चार्जिंग स्टेशन की कमी
महानगर लुधियाना में इलेक्टिकल कारों को चार्ज करने के लिए अभी तक बड़े स्टेशन नहीं बने है। सिर्फ दिल्ली रोड पर चार चार्जिंगस्टेशन है। इसके अलावा शहर के फिरोजपुर रोड, चंडीगढ़ रोड सहित अन्य किसी सड़क पर चार्जिंग स्टेशन नहीं बना है। ऐसे में लोगों को वाहन चार्जिंग करने के लिए अपने घरों में इंतजाम करना पड़ा रहा है।
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