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    Air Pollution In Punjab: पराली जलाने के मामलाें में आई कमी, 200 से नीचे आया कई शहराें का एक्यूआइ

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 11:36 AM (IST)

    Air Pollution In Punjab पंजाब में पराली जलाने के मामलाें में कमी देखने काे मिल रही है। हालांकि साेमवार काे भी कई जिलाें में पराली जलाने से आसमान में धुआं उठ रहा है। राज्य में पराली जलाने के सबसे ज्यादा 130 मामले मानसा में सामने आए हैं।

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    Air Pollution In Punjab: पंजाब में एयर पाल्यूशन बढ़ा। (फाइल फाेटाे)

    आनलाइन डेस्क, लुधियाना/पटियाला। Air Pollution In Punjab: पंजाब में किसान बेखाैफ हाेकर पराली काे आग लगा रहे हैं। राज्य में अब पराली जलाने के कम मामले सामने आए हैं। रविवार को 599 जगह पराली काे आग के हवाले किया गया। इस सीजन के दौरान राज्य में पराली जलाने के कुल मामले 29,999 हो गए हैं। इसके चलते पिछले कुछ दिनाें से एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा हाे रहा है। हालांकि साेमवार काे एक्यूआइ में गिरावट आई है। राज्य के अस्पतालाें में सांस के राेगियाें की तादाद लगातार बढ़ रही है।

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    हर बार पराली जलने की घटनाएं रोकने के बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जब घटनाएं बढ़ने लगती हैं, तो राज्य सरकार केंद्र पर निशाना साधती है और केंद्र राज्यों को जिम्मेदार ठहराती है। सीएम भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में ही सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं।

    रविवार को पंजाब में 599 जगह जली पराली

    पंजाब में पराली जलाने का क्रम जारी है। इस क्रम में इनमें सबसे ज्यादा 130 मामले मानसा में सामने आए हैं, जबकि 108 संगरूर, 54 पटियाला, 41 बरनाला, 36 बठिंडा, 18 फतेहगढ़ साहिब, 40 फाजिल्का, 29 फिरोजपुर, 27 लुधियाना, 31 मलेरकोटला, 12 मोगा, 43 मामले मुक्तसर से संबंधित हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के चेयरमैन ने कहा कि रविवार को पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। उम्मीद है कि अगले दिनों में पराली जलाने के मामले कम होंगे।

    पराली संकट से निपटने में पंजाब सरकार पूरी तरह नाकाम

    पंजाब सरकार पराली संकट से निपटने में किस तरह नाकाम हुई है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि धान की खेती का रकबा कम करने के दावे पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। इसके विपरीत इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले राज्य में धान का रकबा 1.45 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है। पिछली बार यह 30 लाख हेक्टेयर था, जो इस बार 31.45 लाख हेक्टेयर हो गया है। बढ़े हुए क्षेत्र के कारण एक लाख टन ज्यादा पराली का उत्पादन होगा। यही नहीं अब ताे किसान कार्रवाई करने पहुंचने वाले कृषि अधिकारियाें का बंधक बनाने लगे हैं।

    पंजाब के बड़े शहराें का एक्यूआइ

    • अमृतसर................164
    • बठिंडा...................204
    • जालंधर..................141
    • लुधियाना................206
    • मंडी गोबिंदगढ़........128
    • पटियाला................129

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