रूसी सेना में भर्ती 10 भारतीयों की मौत की पुष्टि, पंजाब के 3 युवा भी शामिल; चार अभी भी लापता
रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना में भर्ती हुए 10 भारतीयों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें पंजाब के तीन युवा शामिल हैं। जगदीप सिंह ने रूस जाकर इन मौतों ...और पढ़ें
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रूसी सेना में भर्ती पंजाब के 3 युवाओं की मौत
जागरण संवाददाता, कपूरथला। रोजी-रोटी कमाने के लिए विदेश गए भारतीय युवा जो रूस की सेना में भर्ती हो गए थे, उनमें से 10 की मौत हो गई है। रूस की सेना में यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ते हुए अपनी जान गंवाने वालों में पंजाब के तीन युवा भी शामिल हैं। बाकी 7 युवा उत्तर प्रदेश और जम्मू से संबंधित थे।
सलामती की दुआ काम नहीं आई
इन युवाओं को ढूंढने के लिए पंजाब से रूस गए युवा जगदीप सिंह ने मॉस्को समेत अन्य स्थानों पर भारतीय सैनिकों की खोज की, जो रूस की सेना में भर्ती हुए थे, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल रहा था। वापस लौटे युवा जगदीप कुमार ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के दफ्तर पहुंचकर उन सभी दस्तावेजों को दिखाया, जिनमें रूसी सेना ने इन युवाओं के मरने की पुष्टि की थी।
हैरानी की बात यह है कि इन मृतकों के माता-पिता अपने बेटों की सलामती का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें लंबे समय बाद यह जानकारी मिली कि उनके बेटे यूक्रेन-रूस युद्ध में मारे गए हैं।
पंजाब के 3 युवाओं के मौत की खबर
जगदीप के मुताबिक, जो 10 भारतीय रूस की सेना में मारे गए हैं, उनमें अमृतसर के तेजपाल सिंह, यूपी के अरविंद कुमार, धीरेंद्र कुमार, विनोद यादव और योगेंद्र यादव समेत 5 अन्य व्यक्ति शामिल हैं। जिन चार भारतीयों को लापता बताया जा रहा है, उनमें दीपक, योगेश्वर प्रसाद, अजहरुद्दीन खान और रामचंद्र शामिल हैं।
जगदीप ने बताया कि उनकी संत सीचेवाल से पहली मुलाकात 29 जून 2024 को हुई थी, इस दौरान उन्होंने अपने भाई मनदीप समेत रूस की सेना में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए एक मांग पत्र सौंपा था। इसके बाद संत सीचेवाल ने विदेश मंत्री से मुलाकात कर रूस की सेना में फंसे युवाओं की सुरक्षित वापसी के लिए पत्र लिखा।
भाई को ढूंढने रूस गए थे जगदीप
जगदीप ने कहा कि संत सीचेवाल इस मामले में पहले दिन से पीड़ित परिवारों की मदद कर रहे हैं। संत सीचेवाल द्वारा की गई कार्रवाई के कारण कई भारतीय बच्चे सुरक्षित अपने परिवारों के पास लौट चुके हैं। जगदीप ने आगे बताया कि जब उन्हें अपने भाई मनदीप के बारे में कुछ भी पता नहीं चला, तो उन्होंने रूस जाने का फैसला किया। रूस जाने के लिए राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल ने उन्हें टिकट भी दिलवाए और एक पत्र भी दिया, ताकि रूस में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। वह दो बार रूस जा चुके हैं।
पहली बार वह 21 दिनों तक वहां रहे और इस दौरान उन्होंने फंसे भारतीय और खासकर पंजाबी युवाओं की तलाश की। हालांकि, रूसी भाषा की समस्या के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दूसरी बार वह दो महीने वहां रहे और बहुत सारी जानकारी इकट्ठी की।
केंद्र सरकार से मदद की अपील
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह ने भारत सरकार से अपील की है कि वह अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर रूस की सेना में भर्ती हो रहे भारतीय युवाओं पर पूरी तरह से रोक लगाए। उन्होंने विदेश मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि रूस की सेना में मारे गए भारतीय युवाओं के शव उनके परिवारों तक पहुंचाने में मदद की जाए, जिससे कि दुखी परिवार अपने बच्चों का अंतिम संस्कार अपनी परंपराओं के मुताबिक कर सकें।
उन्होंने यह भी मांग की कि जो ट्रैवल एजेंट युवाओं को झांसा देकर सेना में भर्ती करवा रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। संत सीचेवाल ने कहा कि इस दुख की घड़ी में वह पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।

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