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    फगवाड़ा में अवैध कॉल सेंटर से रोजाना होती थी 17 लाख की कमाई, कोलकाता का शेन है मास्टरमाइंड; चुटकी में बैंक खाते साफ

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 11:31 PM (IST)

    कपूरथला में फगवाड़ा में पकड़े गए अवैध अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा हुआ। यह सेंटर प्रतिदिन 20 हजार अमेरिकी डॉलर कमाता था। यहाँ से गिरफ्तार 38 युवा आईटी एक्सपर्ट हैं जिन्हें दिल्ली के करोल बाग से भर्ती किया गया था। कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड शेन है जिसकी तलाश जारी है। पुलिस जांच में दुबई दिल्ली एनसीआर कोलकाता और बैंगलोर जैसे शहरों के लिंक मिले हैं।

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    फगवाड़ा में अवैध कॉल सेंटर से रोजाना होती थी 17 लाख की कमाई। फोटो जागरण

    महेश कुमार/अमित ओहरी, कपूरथला। फगवाड़ा में पकड़ा गया अवैध अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर बड़े मुनाफे का अड्डा था। इस काल सेंटर की एक दिन की कमाई 20 हजार अमेरिकी डालर थी जो भारतीय करंसी में 17,61,900 रुपये के बराबर है। काल सेंटर एक कारपोरेट कंपनी की तरह चलाया जा रहा था। सेंटर से पकड़े गए सभी 38 युवा आइटी एक्सपर्ट हैं।

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    आइटी व इंग्लिश लैंग्वेज में दक्षता रखने वाले इन युवाओं की भर्ती दिल्ली के करोल बाग के आनलाइन जाब कंसल्टेंट ने की थी। यह काल सेंटर तीन महीने ही चल पाया कि पुलिस वहां पहुंच गई।

    काल सेंटर का मास्टरमाइंड कोलकाता का शेन है। इस मामले में कुछ पुलिस अफसरों की संलिप्तता की बात भी सामने आई है। कपूरथला के एसएसपी गौरव तूरा ने शनिवार को पुलिस लाइन में प्रेस कान्फ्रेंस में अब तक की जांच के निष्कर्ष से अवगत कराते हुए बताया कि जांच में बैकवर्ड लिंक दुबई, दिल्ली एनसीआर, कोलकाता व बैंगलोर जैसे महानगरों के निकले हैं।

    उन्होंने बताया कि फगवाड़ा के होटल के किराए पर लिए गए हाल में प्रतिदिन जब सायं सात बजे (भारतीय समय के अनुसार) अमेरिका व कनाडा में सुबह होती थी तो काल सेंटर में बने केबिनों में बैठे तथाकथित कंसल्टेंट्स इन देशों में कालिंग शुरू कर देते थे।

    कालिंग देर रात डेढ़ बजे तक चलती थी। पूरा नेटवर्क तीन फेज में चलता था। पहले फेज में साफ्टवेयर साल्यूशन, वायरस आने या फिर किसी और बहाने से काल की जाती थी। 20 में से औसत एक काल हिट हो जाती थी।

    काल लेने वाले को कुछ लिंक भेजकर एप डाउनलोड करवाया जाता था और फिर उससे स्क्रीन शेयर करवाकर दूसरे फेज में बैठे आइटी एक्सपर्ट के पास भेज दिया जाता था जहां वह उस व्यक्ति के बैंक, एटीएम आदि से संबंधित जानकारी चेक करने के बहाने पासवर्ड ले लेता था।

    पासवर्ड आगे तीसरे फेज में बैठे असली साइबर ठग के पास भेज दिया जाता था जो मोबाइल हैक करके ‘ग्राहक’ के खातों से रकम निकाल लेता था।

    डरा-धमकाकर भी रकम उगाही की जाती थी। सेंटर में विशेषज्ञ के जिम्मे था अलग-अलग आपरेशन का काम एसएसपी के अनुसार मास्टरमाइंड शेन की तलाश में पुलिस टीमें कोलकाता रवाना हो गई हैं। इस मामले में चार और आरोपियों की पहचान की गई है जिनमें एक लुधियाना का रहने वाला है।

    पकड़ा गया साजन पूरा मैनेजमेंट व आपरेशन देखता था। जसप्रीत सिंह (दिल्ली) भर्ती किए गए युवाओं को साइबर ठगी की ट्रेनिंग देता था। वरुण टेक्निकल व सिस्टम संभालता तथा रोहन मैनेजर के रूप में प्रतिदिन के आपरेशन हैंडल करता था।

    उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में किसी को भी नहीं छोड़ा है, सभी 38 लोग पुलिस की हिरासत में हैं। पकड़े गए 38 लोगों को स्थानीय अदालत में पेश करके दो दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है जिसमें कई और खुलासे होने की संभावना है।

    बिटकाइन, गिफ्ट वाचर व हवाला से होते हुए पहुंचता था कैश एसएसपी गौरव तूरा ने बताया कि काल सेंटर से प्रतिदिन अर्जित होने वाली 20 हजार यूएस डालर की कमाई को पहले डालर से क्रिप्टो काइन बिटकाइन में कंवर्ट किया जाता था या गिफ्ट वाउचर के रूप में हासिल जाता था। आगे इस राशि को हवाला राशि से नकद के रूप में प्राप्त कर लिया जाता था।