Punjab: पंचायतों को भंग करने का मामला, यू-टर्न के फैसले पर बोले विजय सांपला- 'फजीहत करवाकर ही मानी मान सरकार'
सांपला ने कहा कि तानाशाही प्रवृत्ति वाले AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल ही इस तरह की अलोकतंत्रिक सलाह दे सकते हैं। उन्होंने पंचायतें भंग करने संबंधी 10 अगस्त की अधिसूचना को पूरी तरह से अवैध मनमानी और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। इससे पहले पंचायतें भंग करने की अधिसूचना गैर कानूनी थी। इसे अब अदालत में फजीहत करवाने के बाद मान सरकार वापस लेने को विवश हुई।
संवाद सहयोगी, फगवाड़ा (कपूरथला): पंजाब सरकार द्वारा पंचायतें भंग करने के फैसले पर यू-टर्न लिए जाने के तुरंत बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने कहा कि पंचायतें भंग करने की अधिसूचना वापस लेने के मामले में भगवंत मान सरकार फजीहत करवार ही मानी है।
मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कामेडी से नहीं बल्कि कमिटमेंट से चलती है। उन्होंने कहा कि इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि निर्वाचित पंचायतों को समय से पहले भंग करने का नादिरशाही फरमान रद करवाने के लिए सरपंचों को अदालत की शरण लेनी पड़ी।
केजरीवाल पर भी निशाना
उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि पंचायतों को कार्यकाल पूरा होने से पहले भंग करने का नोटिफिकेशन आखिर किसके इशारे पर जारी किया था। सांपला ने कहा कि तानाशाही प्रवृत्ति वाले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ही इस तरह की अलोकतंत्रिक सलाह दे सकते हैं।
उन्होंने पंचायतें भंग करने संबंधी 10 अगस्त की अधिसूचना को पूरी तरह से अवैध, मनमानी और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। इससे पहले पंचायतें भंग करने की अधिसूचना गैर कानूनी थी। इसे अब अदालत में फजीहत करवाने के बाद भगवंत मान सरकार वापस लेने को विवश हुई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।