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    नानक नगरी में पंगत के लिए सज गए लंगर, चहुं ओर रौनक और नूर की बारिश

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:57 AM (IST)

    550th Prakash Parv of Guru Nanakdev के लिए नानक नगरी में लंगर सज गए हैं। सुल्‍तानपुर लोधी में प्रकाश पर्व पर चहूं ओर रौनक और नूर की बारिश हो रही है।

    नानक नगरी में पंगत के लिए सज गए लंगर, चहुं ओर रौनक और नूर की बारिश

    सुल्‍तानपुर लोधी (कपूरथला), जेएनएन। गुरु नानक देव जी की कर्मस्थली सुल्तानपुर लोधी 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में संगत के स्वागत की तैयारियों के लिए एक महीने से जुटा है। मात्र 18 हजार आबादी वाले इस शहर में 70 से अधिक बड़े लंगर लग गए हैं, जहां एक समय में हजारों लोग एक साथ बैठकर खाना खा सकते हैं। इन लंगरों में पकवानों की भी कोई कमी नहीं। हर एक से एक बढ़कर एक पकवान परोसा जा रहा है। प्रकाश पर्व पर नानक नगरी में चहूं ओर रौनक और नूर की बारिश हो रही है। इन सबके बीच संगत की सेवा के लिए सैकडा़ें लोग जुटे हैं।

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    कहीं सरसों दा साग व मक्की की रोटी, तो कहीं तंदूरी रोटी व मटर पनीर। किसी में देसी घी की जलेबी तो किसी में गर्म गुलाब जामुन। गुरु का लंगर हो उसमें खीर व सेविया ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। चावल की किस्में गिनना तो मुश्किल है। चाइनीज में पिज्जा से लेकर न्यूडल व बर्गर, समोसा की भी भरमार है। पकौड़ों का तो कोई अंत नहीं।

    एक अनुमान के मुताबिक रोज डेढ से दो लाख के करीब संगत यहां अभी से पहुंचने लगी है। इनमें शायद ही कोई ऐसी संगत होगी जो इनका स्वाद न चखकर जाती हो। आने वाले दिनों में संगत के रोजाना पांच लाख से ज्यादा होने की उम्मीद है। उसी कारण लंगर स्थल पर सब्जियों व राशन के भंडार लग गए हैं। अकेले सुल्तानपुर लोधी में इतनी सब्जी पहुंच चुकी है जितनी किसी बड़े शहर की मंडी में भी नहीं पहुंचती।

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    लंगर की खूबसूरती

    12 नवंबर के नजदीक आते-आते संगत के आने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है, लेकिन कोई भी ऐसा लंगर नहीं जिसमें कोई सामान कम पड़ रहा हो।

    -बच्चे से लेकर बड़े तक हर कोई किसी न किसी तरह लंगर में सेवा निभाने में जुटा है। करीब बीस हजार लोग लंगर की सेवा में जुटे हैं।

    -छोटे से शहर में भले ही पांच दर्जन से अधिक लंगर चल रहे हैं लेकिन कहीं कोई गंदगी नहीं देखने को मिलेगी। सफाई का पूरा प्रबंध है।

    - लंगरों की मैनेजमेंंट का भी कोई जवाब नहीं। एक साथ हजारों लोग पंगत में बैठकर प्रसादा छकते हैं लेकिन किसी को भी एक-दो मिनट से ज्यादा का इंतजार नहीं करना पड़ता।

    - अधिकतर लंगर 24 घंटे चल रहे हैं, जहां संगत की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही।

    इनके लंगर सबसे खास

    बाबा कश्मीर सिंह भूरीवालों का नए बस स्टैंड के पास शानदार लंगर चल रहा है। बाबा नरिंदर सिंह व बाबा नरिंदर सिंह नांदेड़ साहिब वालों का मुख्य पंडाल के सामने सबसे विशाल लंगर रात दिन चलता है। बाबा हरबंस सिंह दिल्ली वाली की अगुवाई में मुख्य पंडाल की के पास लंगर चल रहा है, जिसमें संगत को गन्ने का रस पिलाने के लिए उत्तर प्रदेश से खास तौर पर पांच ट्राले आए है। 

    बाबा मेजर सिंह ने बताया कि इस लंगर में हर समय गर्म जलेबी उपलब्ध रहती है। एसजीपीसी की तरफ से गुरुद्वारा साहिब के अंदर नई इमारत में रात दिन लंगर चलता है। हर टेंट सिटी व हर पार्किंग में भी लंगर चल रहे है।

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