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Honeypreet Insan Bail जेल से निकल सीधे डेरा सच्‍चा सौदा पहुंची गुरमीत की राजदार, समर्थकों ने की आतिशबाजी

Honeypreet Insan Bail डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की करीबी हनीप्रीत को बड़ी राहत मिली है और वह जेल से बाहर आ गई है। उसे पंचकूला की अदालत से जमानत मिली।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 04:20 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 10:54 AM (IST)
Honeypreet Insan Bail जेल से निकल सीधे डेरा सच्‍चा सौदा पहुंची गुरमीत की राजदार, समर्थकों ने की आतिशबाजी
Honeypreet Insan Bail जेल से निकल सीधे डेरा सच्‍चा सौदा पहुंची गुरमीत की राजदार, समर्थकों ने की आतिशबाजी

पंचकूला/सिरसा, जेएनएन। Honeypreet Insan Bail डेरा सच्‍चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गाेद ली बेटी हनीप्रीत जमानत पर अंबाला सेंट्रल जेल स रिहा होने के बाद सीधे सिरसा के डेरा सच्‍चा सौदा पहुंची। हनीप्रीत के डेरा पहुंचने के बाद डेरा में समर्थकों ने जमकर जश्‍न मनाया और आतिशबाजी की। पंचकूला की अदालत ने हनीप्रीत को जमानत दी । इससे हरियाणा पुलिस को बड़ा झटका लगा है।

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हनीप्रीत  बुधवार को देर रात 15 वाहनों के काफिले के साथ डेरा सच्चा सौदा में पहुंची। यहां पहले से ही डेरा समर्थक उनका इंतजार कर रहे थे और उनके आगमन के साथ ही डेरे में आतिशबाजी शुरू हो गई। हनीप्रीत के पहुंचने पर डेरे के अंदर समर्थकों ने धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा के नारे लगाए। हनीप्रीत का काफिला सीधे डेरा प्रमुख की गुफा 'तेरा आवास' के बाहर पहुंचा। यहां हनीप्रीत ने श्रद्धा में शीश झुकाया।

इसके बाद हनीप्रीत ने डेरा प्रमुख की माता नसीब कौर से भी मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि हनीप्रीत फिलहाल डेरा में ही रुकी है। अवतार माह के चलते डेरे में पहले ही लाइटिंग की गई थी। अब हनीप्रीत के पहुंचने पर आतिशबाजी  भी की गई है। डेरा समर्थकोंं ने आज के दिन को छोटी दिवाली बताया।

बता दें कि हनीप्रीत अगस्‍त 2017 में गुरमीत राम रहीम को अगस्‍त 2017 में दो साध्वियों से दुष्‍कर्म के मामले में दोषी करार देने के बाद पंचकूला में हुए दंगा व हिंसा मामले की मुख्य आरोपित है। हनीप्रीत को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत मिली है। हनीप्रीत करीब 6.25 बजे अंबाला सेंट्रल जेल से बाहर एक कार में निकली। बताया जाता है कि कार में उसके परिजन भी थे।

एक लाख रुपये के मुचलके पर हनीप्रीत को मिली जमानत, देर शाम तक अंबाला जेल से बाहर आई

पंचकूला सीजेएम रोहित वत्स की कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया। अदालत ने आज सुनवाई के बाद हनीप्रीत की जमानत याचिका मंजूर कर ली। राम रहीम की सबसे बड़ी राजदार हनीप्रीत के वकील ने आज उसकी जमानत याचिका लगाई थी। ऐसे में हनीप्रीत के जमानत पर जेल से बाहर आने का रास्‍ता साफ हो गया। देशद्रोह की धारा हटाए जाने के बाद जमानती धाराओं के आरोप तय किए गए हैं। पिछली सुनवाई में सभी आरोपियों पर आरोप तय किए गए थे।

 

जमानत पर रिहा होने के बाद अंबाला सेंट्रल जेल से कार में जाती हनीप्रीत।

इससे पहले हनीप्रीत के वकील आर एस चौहान ने बताया कि जमानत एक लाख रुपये के मुचलके पर मिली है। उन्‍होंने कहा कि सभी औपारिकताओं के बाद हनीप्रीत के आज देर शाम जेल से बाहर आने की संभावना है। इसके बाद देर शाम करीब 6.25 बजे हनीप्रीत अंबाला सेंट्रल जेल से बाहर आ गई। वह एक कार में बाहर निकली और उसके साथ कुछ पारिवारिक सदस्‍य भी थे। कार में वह बेहद खुश दिखाई दे रही थी।

कोर्ट की सुनवाई के बारे में जानकारी देते हनीप्रीत के वकील।

हनीप्रीत सहित सभी आरोपियों पर पंचकूला हिंसा मामले में आज की सुनवाई हुई पूरी। पंचकूला कोर्ट में  हनीप्रीत सहित सभी आरोपितों को पंचकूला कोर्ट में पेश किया गया। हनीप्रीत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए अंबाला जेल से पेशी हुई। पंचकूला हिंसा मामले में पहले ही उससे देशद्रोह की धारा अदालत ने हटा दी थी। पिछली सुनवाई में हनीप्रीत सहित सभी आरोपियों पर से देशद्रोह की धारा हटाई गई थी। 

हनीप्रीत व अन्य आरोपियों से भादसं की धारा 121 व 121ए हटाई गई थी। अब आरोपियों पर IPC की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत है आरोप तय किए गए हैं। बता दें कि पंचकूला की अदालत द्वारा 25 अगस्त 2017 को गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से दुष्‍कर्म के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में दंगों फैल गया था। इसमें भारी हिंसा और आगजनी हुई थी। हिंसा में 40 से अधिक लोग मारे गए थे। इस संबंध में एफआइआर नंबर 345 दर्ज किया गया था। 

मुख्य एफआइआर नंबर 345 में हनीप्रीत सहित अन्य आरोपितों को धारा 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध की कोशिश) और 121ए (अपराधिक षड्यंत्र) से मुक्त कर दिया गया था। अतिरिक्त सेशन जज संजय संधीर की अदालत ने शनिवार को आरोपों पर लंबी बहस के बाद इन दोनों धाराओं से आरोपितों को मुक्त कर दिया था और अन्य धाराओं के तहत केस चलाने के लिए फाइल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास भेज दी थी। अब हनीप्रीत सहित अन्य आरोपितों पर 145, 146, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत केस चलेगा। मामले की सुनवाई के दौरान हनीप्रीत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये और अन्य आरोपित प्रत्यक्ष रुप से कोर्ट में पेश हुए। मामले में आरोपितों पर आरोप तय करने के लिये कई दिनों से बहस चल रही थी। आज बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने हनीप्रीत को जमानत भी दे दी।

पुलिस ने दी थी यह दलील

पुलिस की ओर से कोर्ट में बहस के दौरान कई दलीलें और गवाहों की लिस्ट दी गई थी। हरियाणा पुलिस के वकील ने कहा गया था कि 17 अगस्त 2017 को डेरा सच्चा सौदा के 'तेरावास' में मीटिंग की और गुरमीत राम रहीम खिलाफ फैसला आने पर पंचकूला उपद्रव करवाने एवं डेरा प्रमुख को पुलिस हिरासत से भगाने की साजिश रची गई। इसके साथ ही साजिश रची गई कि 25 अगस्त को डेरा प्रमुख के खिलाफ फैसला आने पर इशारा करके अभिजीत उर्फ बब्लू के माध्यम से पंचकूला में इक्ट्ठी हुई संगत को भडक़ा और उकसा कर आगजनी, तोडफ़ोड़ करवाई और सुरक्षा बलों पर हमले करवाया जाए। अपनी दलीलों को पुख्ता करने के लिए पुलिस ने राम रहीम के अंगरक्षक विकास का शपथ पत्र, गवाह राजेश कुमार, अनिल कुमार के बयान लगाए। इसके साथ ही आरोपितों की मोबाइल फोन लोकेशन की सीडीआर भी लगाई थी।

नहीं टिकी पुलिस की दलीलें

बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि हनीप्रीत 25 अगस्त, 2017 को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी, तब वह डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी। डेरा प्रमुख को सजा होने के बाद वे राम रहीम के साथ पंचकूला से सीधा सुनारिया जेल रोहतक चली गईं। हिंसा में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उनका नाम भी बाद में एफआईआर में डाला गया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि वह खुद 3 अक्टूबर, 2017 को आत्मसमर्पण करने के लिए आई थी। हनीप्रीत को जबरन मामले में फंसाया जा रहा है।

बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि हनीप्रीत से पुलिस द्वारा कोई रिकवरी नहीं की गई, न ही कोई ऐसा सामान रिकवर हुआ जो हिंसा के लिए प्रयोग किया गया। उसका नाम भी एफआईआर में बाद जोड़ दिया गया। बचाव पक्ष के वकील सुरेश रोहिला ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने हनीप्रीत सहित अन्य आरोपितों को देशद्रोह और षड्यंत्र रचने की धाराओं से मुक्त कर दिया था।

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इन धाराओं में चलेगा केस

145 (गैरकानूनी इक्ट्ठे होना), 146 (दंगे करना), 150 (अवैध तौर पर लोगों को एक जगह बुलाना), 151 (पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के इक्ट्ठा करके दंगा फैलाने की आज्ञा), 152 (लोकसेवक के उपद्रव/दंगे आदि को दबाने के प्रयास में हमला करना या बाधा डालना) 153 (दंगा भडक़ाने के इरादे से जानबूझकर उकसावा देना)। यह सभी धाराएं जमानती हैं। इसी कारण हनीप्रीत को जमानत मिली है।

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