Punjab News: अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे जालंधर का युवक लापता, पुलिस के फूले हाथ-पांव; नहीं मिला कोई सुराग
अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटा 40 वर्षीय दविंदरजीत सिंह वीरवार सुबह से लापता है। वह सुबह 5 बजे घर से मोटरसाइकिल लेकर निकला था और देर रात तक वापस नहीं आया। पुलिस दिन भर उसका पता लगाने में जुटी रही लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। दविंदरजीत के घर से लापता होने के कारण स्थानीय प्रशासन और पुलिस के हाथ-पांव फूल गए हैं।

संवाद सहयोगी, फिल्लौर (जालंधर)। अमेरिका से डिपोर्ट होकर बुधवार रात करीब एक बजे फिल्लौर के गांव लांडरां अपने घर पहुंचा 40 वर्षीय दविंदरजीत सिंह वीरवार सुबह पांच बजे से लापता है। वह सुबह पांच बजे घर से मोटरसाइकिल लेकर निकला था और वीरवार देर रात तक वापस नहीं आया।
पुलिस दिन भर उसका पता लगाने में जुटी रही लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। दविंदरजीत के घर से लापता होने के कारण स्थानीय प्रशासन और स्थानीय पुलिस के हाथ पांव फूल गए हैं।
नायब तहसीलदार सुनीता, थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संजीव कपूर और पुलिस चौकी अपरा के प्रभारी वीरवार को दिनभर उसके घर में पता लगाने में डटे रहे। दविंदरजीत की मां बलबीर कौर ने बताया कि देर रात वह घर आया और परिवार से कोई बात नहीं की। सुबह पांच बजे बाइक लेकर घर से निकल गया।
इसके बाद से उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। उन्होंने बताया कि पलंबर का काम करने वाला उनका बेटा परिवार की गरीबी दूर करने के सपने लेकर कर्ज उठाकर पिछले साल नौ नवंबर को एजेंट के माध्यम से दुबई गया। वहां से फिर एजेंट के कहने पर 18 दिन पहले लाखों रुपये खर्च कर वह मेक्सिको के लिए निकाला।
युवक की तलाश जारी
करीब 15 दिन पहले अमेरिका पहुंचा था और वहां अवैध रूप से दाखिल होने पर पकड़ा गया। दविंदरजीत के घर में मौजूद लोगों कहना है कि वह एजेंट से बात करने के लिए घर से निकला था। एजेंट ने उसे यहां से दुबई और वहां से अमेरिका 42 लाख रुपये में भेजा था।
चर्चा यह भी है कि जिस एजेंट ने दविंदरजीत को भेजा था, उसने ही उसे गायब किया है ताकि वह किसी को कुछ बता न पाए। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संजीव कपूर का कहना लापता युवक की तलाश की जा रही है।
क्या बोले किसान नेता
बता दें कि किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रमुख सरवन सिंह पंधेर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत डिपोर्ट किए गए नौजवानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि नौजवानों को इस तरह डिपोर्ट कर स्वदेश लाया गया जैसे वे कोई अपराधी हो, अपराधियों की तरह व्यवहार करते हुए उनके हाथों व पैरों में बेड़िया डालकर उन्हें अमानवीय तरीके से यहां लाया गया है।
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