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    स्वामी अनंता गिरि: पति की मौत के बाद बेटे को सौंपा कारोबार, खुद बन गईं संन्यासी; महाकुंभ में सिखा रही हैं योग

    जालंधर की रहने वाली अनंता गिरि (Ananta Giri) ने अपना सफल कारोबार अपने बेटे को सौंपकर आध्यात्मिकता का मार्ग अपना लिया है। वर्तमान में वे प्रयागराज में महाकुंभ में हैं और बच्चों को स्वर योग साधना की शिक्षा दे रही हैं। अनंता गिरि का मानना है कि युवाओं को सनातन धर्म का सही ज्ञान मिलना चाहिए ताकि वे समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।

    By Kamal Kishore Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 03 Feb 2025 12:11 PM (IST)
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    बिजनेस वुमन से साध्वी बनीं अनंता गिरि

    कमल किशोर, जालंधर। शहर की सिल्वर हाइट्स कालोनी की रहने वाली सफल बिजनेस वूमन रहीं 50 वर्षीय अनंता गिरि ने कारोबार बेटे को सौंप आध्यात्मिकता का मार्ग अपना लिया है। वे इस समय प्रयागराज में महाकुंभ (MahaKumbh Prayagraj) में मौजूद हैं और वहां बच्चों को स्वर योग साधना की शिक्षा दे रही हैं।

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    स्वामी अनंता गिरि की शादी वर्ष 1996 में हुई थी। उनके पति का फोकल प्वाइंट में परफ्यूम का कारोबार है, लेकिन 2012 में उनके निधन के बाद अनंता की जिंदगी पूरी तरह बदल गई।

    बेटे को बिजनेस सौंप पकड़ ली साधना की राह

    उस समय उनका बेटा संचित चोपड़ा छोटा था, तो उन्होंने पति का बिजनेस संभाला और सफल बिजनेस वूमन बनीं। बेटा संचित 20 वर्ष का हुआ, तो उन्होंने पूरा बिजनेस उसे सौंप दिया और आध्यात्मिक साधना की राह पकड़ ली।

    पति के निधन के बाद अनंता गिरि की मुलाकात गुरु स्वामी सत्यास्वरूपानंद से हुई। गुरु ने उन्हें आत्मबल बढ़ाने और आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी। इसके बाद वे पूरी तरह ध्यान और साधना में लग गईं।

    साल 2019 में ली थीं स्वर विज्ञान की दीक्षा

    वर्ष 2019 में उनकी भेंट गुरु श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी चरणाश्रित गिरि जी महाराज से हुई। उनसे स्वर विज्ञान की दीक्षा ली और श्री विद्या साधना प्रारंभ की। अनंता गिरि बताती हैं कि स्वर विज्ञान की विद्या भगवान शिव और माता पार्वती के संवादों से प्रेरित है।

    इस विद्या के माध्यम से वे युवाओं को आत्मजागृति, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति की कला सिखा रही हैं। वे गायत्री मंत्र, अग्निहोत्र और सांसों की साधना के माध्यम से युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

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    सनातन धर्म के प्रचार को समर्पित हैं अनंता गिरि

    अनंता गिरि का उद्देश्य उत्तर भारत में सनातन धर्म का प्रचार करना है। वे घर-घर जाकर हवन-यज्ञ करने और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान बांटने की योजना पर कार्य कर रही हैं। महाकुंभ में वे सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से बच्चों को स्वर योग साधना सिखा रही हैं।

    अनंता गिरि का मानना है कि यदि युवाओं को सनातन धर्म का सही ज्ञान मिलेगा, तो वे समाज में सकारात्मक योगदान दे सकेंगे। उन्होंने 600 से अधिक युवाओं को नशे से दूर कर आध्यात्मिक जीवन की ओर मोड़ा है। वे स्कूलों और कालेजों में जाकर विद्यार्थियों को मेडिटेशन सिखाने और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही हैं।

    अब वे स्वर विज्ञान, श्री विद्या साधना और ध्यान के माध्यम से हजारों लोगों तक इस ज्ञान को पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अनंता गिरि सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में जुटी हुईं है। वे युवाओं को आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ने के लिए लगातार प्रेरित कर रहीं है।

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