फरीदकोट के डीएसपी लखबीर संधू को वीआइपी ट्रीटमेंट, बिना हथकड़ी निजी गाड़ी में लाया गया कोर्ट, करीबियों से भी करवाई गई मुलाकात
करीब 4 घंटे तक स्थानीय पुलिस द्वारा डीएसपी को एक कमरे में बिठाकर लंच करवाया गया। इस दौरान उसे मिलने के लिए कई लोग आते रहे। अदालत में थाना भिखीविंड के अतिरिक्त प्रभारी एसआइ पन्ना लाल व जांच अधिकारी एएसआइ चरणजीत सिंह पेश हुए और 5 दिन का रिमांड मांगा।

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। नशा तस्कर से दस लाख की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार डीएसपी लखबीर सिंह संधू को वीरवार को पट्टी की अदालत में पेश करने को लेकर पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं। संधू को अदालत में पेश करते समय न तो जीओ रेंक के किसी अधिकारी की ड्यूटी लगाई और न ही उसे हथकड़ी लगाई गई। यही नहीं, उसे दोपहर करीब 2:20 बजे निजी गाड़ी में कचहरी परिसर में लाया गया।
करीब 4 घंटे तक स्थानीय पुलिस द्वारा डीएसपी को एक कमरे में बिठाकर लंच करवाया गया। इस दौरान उसे मिलने के लिए कई लोग आते रहे। अदालत में थाना भिखीविंड के अतिरिक्त प्रभारी एसआइ पन्ना लाल व जांच अधिकारी एएसआइ चरणजीत सिंह पेश हुए और उसका 5 दिन का रिमांड मांगा।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
इसका संधू के वकील एडवोकेट दीपक अरोड़ा ने ये कहते हुए विरोध किया कि 9.97 लाख की बरामदगी एएसआइ रछपाल सिंह के भाई हीरा सिंह के घर से हुई है। वकील की दलीलों से सहमति जताते हुए पट्टी के जेएमआइसी गौरव गुप्ता की अदालत ने लखबीर सिंह संधू का रिमांड देने से मना कर दिया और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
उच्च अधिकारियों के नाम पर मांगा था रिमांड
अदालत में पुलिस ने दलील दी कि दस लाख की घूस के मामले में नशा तस्करी के धंधे से जुड़े लोगों के साथ डीएसपी लखबीर सिंह संधू का संबंध तो जगजाहिर हो ही चुका है। इस मामले में उसके साथ ओर भी कई पुलिस अधिकारी जुड़े हैं। इस बाबत पूछताछ जरूरी है, परंतु अदालत ने उक्त दलीलों को खारिज कर दिया।
वरिष्ठ अधिकारी को तफ्तीश में किया शामिल
सूत्रों की मानें तो डीएसपी लखबीर सिंह से की गई पूछताछ के आधार पर वरिष्ठ अधिकारी को तफ्तीश में शामिल किया गया है। उक्त अधिकारी का बुधवार दोपहर से मोबाइल फोन स्विच आफ आ रहा है। कहा जाता है कि पूछताछ के बाद उक्त अधिकारी को भी दस लाख की घूस के मामले में नामजद करने की तैयारी की जा रही है।
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