महिंदर के छोले-भटूरे के मुरीद हैं पटियालवी, सुबह आठ बजे से लग जाती स्वाद के शौकीनों की लाइन
पटियाला आएं तो यहां के शेरां वाला गेट पर स्थित 1969 से चल रही मशहूर महिंदर के छोले भटूरों की दुकान में आकर स्वाद जरूर चखें। यकीनन आप यहां से छोले भटूरों के मुरीद हो जाएंगे। यहां सुबह आठ बजे से दस बजे तक लंबी लाइनें रहती हैं।
गौरव सूद, पटियाला। पंजाबियों को खाने का शौकीन कहा जाता है। यहां के लोग जितना मेहनती हैं, उतने ही स्वाद के दीवाने हैं। छोले भटूरे पंजाबियों की पसंदीदा डिश है। अगर आप पटियाला में रहते हैं और आपको छोले भटूरे नहीं पसंद हैं तो यकीनन आपने यहां के छोले भटूरे का स्वाद अब तक ठीक से नहीं लिया है।
अगर आप ऐसे ही चटपटे छोलों के साथ गर्म-गर्म भटूरे खाने का बेहतर तजुर्बा करना चाहते हैं तो पटियाला के शेरां वाला गेट पर स्थित 1969 से चल रही मशहूर महिंदर के छोले भटूरों की दुकान में आकर स्वाद जरूर चखें। यकीनन आप यहां से छोले भटूरों के मुरीद हो जाएंगे। इसका पता इसी से चल जाता है कि यहां हमेशा लाइनें लगी रहती हैं। आसपास के जिलों व राज्यों से भी लोग जब यहां आते हैं तो यहां के छोले भटूरे खाने के साथ साथ लौटते समय अपने रिश्तेदारों के लिए पैक करवाना नहीं भूलते।
छोले भटूरे की प्लेट में ये है शामिल
छोले भटूरे की प्लेट में खीरा, प्याज सलाद, इमली की चटनी, आलू की सब्जी और दो भटूरे शामिल होते हैं। सुबह साढ़े पांच बजे से ही सैर करने आए लोग दुकान पर आना शुरू हो जाते हैं। जोकि समय के साथ-साथ बढ़ते जाते हैं। सुबह आठ बजे से दस बजे तक लंबी लाइनें रहती हैं और लोगों को अपनी बारी के लिए इंतजार करना पड़ता हैं। इसके अलावा यहां आलू के नान भी उपलब्ध हैं, जोकि छोले की सब्जी के साथ परोसे जाते हैं।
दो रुपये से 50 रुपये तक का सफर
दुकान के मालिक संतोष बताते हैं 1969 में दुकान शुरू करते समय दो रुपये में प्लेट मिल जाती थी। जो कि 53 साल बाद बढ़कर 50 रुपये की हो गई है। बढ़ती महंगाई के साथ भटूरों के दाम जरूर बढ़े हैं, लेकिन क्वालिटी में किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया गया। यही कारण है कि खाने के शौकीन करीब 53 साल भी लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं।
हर बार रिश्तेदार छोले भटूरों की करते हैं डिमांड
तवक्कली मोड़ निवासी अमित वर्मा ने बताया कि उनके रिश्तेदार दिल्ली में रहते हैं और जब भी वह दिल्ली से पटियाला आते हैं तो महिंदर के छोले भटूरों के साथ ही ब्रेकफास्ट करते हैं। अमित के अनुसार उनके रिश्तेदार का कहना है कि यह छोले भटूरे दिल्ली के पहाड़गंज के छोले भटूरों को भी मात देते हैं। जिस कारण उनकी कोशिश रहती है कि वह जब भी पटियाला आएं तो छोले भटूरे जरूर खाएं।
छोले की सब्जी का है खास जायका
भटूरों के साथ छोलों की सब्जी का जायका खास है। जो लोग सेहत के मद्देनजर तला हुआ भोजन नहीं खा सकते, वह केवल छोलों की सब्जी को टेस्ट करके मन पूरा कर लेते हैं। ज्यादातर सुबह सैर करने आए लोग केवल छोलों की सब्जी लेकर जाते हैं और उसके साथ ब्रेकफास्ट करना पसंद करते हैं।
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