Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हत्या का प्रयास, रेप और धर्मांतरण... जेल से शुरू हुई थी पादरी बजिंदर की कहानी, फिर ऐसे खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य

    पादरी बजिंदर सिंह (Pastor Bajinder Singh) की कहानी एक झगड़ालू युवक से ईसाई धर्म अपनाने और विशाल साम्राज्य खड़ा करने तक की है। लेकिन उनकी वासना ने उन्हें पतन के गर्त में गिरा दिया। हाल ही में उन्हें एक महिला से दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस आर्टिकल में हम आपको पादरी बजिंदर सिंह की पूरी कहानी बताने वाले हैं।

    By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Thu, 03 Apr 2025 09:55 AM (IST)
    Hero Image
    पादरी बजिंदर सिंह ने पंजाब सहित कई राज्यों व विदेश तक फैलाया अपना साम्राज्य।

    जागरण संवाददाता, जालंधर। Punjab News: यह कहानी है एक झगड़ालू युवक की आवेश में आकर हत्या करने, जेल जाने, जेल से बाहर आकर ईसाई धर्म अपनाने, पादरी (पास्टर) का चोला पहनकर चमत्कार से इलाज करके विशाल साम्राज्य खड़ा करने और बड़े-बड़े उपदेश देने के बावजूद अपनी वासना में अंधे होकर उन्हें ही शिकार बनाकर पतन की गर्त में गिरने की, जिन्होंने उस पर आंख बंद कर विश्वास किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां बात हो रही है पास्टर बजिंदर सिंह की, जिसने हरियाणा की जेल से निकलकर मतांतरण का ऐसा खेल शुरू किया कि कुछ ही वर्षों में उसने पंजाब सहित कई राज्यों व विदेश में अनेक हिंदुओं व सिखों को ईसाई बना डाला।

    पूरे देश में मौजूद हैं 22 केंद्र

    बजिंदर के देश भर में 22 केंद्र हैं। इनमें मुख्य रूप से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, त्रिपुरा, हरियाणा, गुजरात, झारखंड व ओडिशा शामिल हैं। इसके अलावा, उसके 12 केंद्र अमेरिका, ब्रिटेन, दुबई, मारीशस, मलेशिया, आस्ट्रेलिया, इजरायल, न्यूजीलैंड, फिजी व रवांडा में भी हैं। पास्टर बजिंदर सिंह ने लोगों की सबसे बड़ी कमजोरी को अपने मतांतरण मिशन का आधार बनाया।

    यह भी पढ़ें- रेप केस में पादरी बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा, मोहाली की अदालत का फैसला

    उसने यह दावा करना शुरू किया कि वह प्रभु यीशू से प्रार्थना करके किसी भी लाइलाज बीमारी का इलाज कर सकता है। लोगों को उसका चमत्कार से उपचार करना इतना पसंद आया कि लोग इलाज कराने रात-दिन उसकी ओर उमड़ पड़े और अपना मूल धर्म छोड़कर ईसाई बन बैठे। इस समय बजिंदर के ईसाई अनुयायियों की संख्या कई लाख है।

    मूल रूप से यूपी के शामली का रहने वाला है पास्टर बजिंदर

    पास्टर बजिंदर सिंह उर्फ सवि का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला शामली के गांव गंदेवड़ा का है। उसके पिता जगदीश चंद रोडवेज से सेवानिवृत्त होकर हरियाणा के यमुनानगर के विकास नगर कॉलोनी में रहते थे, परंतु सजा की घटना के बाद से वह वहां नहीं हैं। बताते हैं अपना दो मंजिला मकान जगदीश चंद ने लोन लेकर बनाया था, पर बाद में जब बजिंदर पास्टर बन गया तो उनका रहन-सहन बदल गया।

    महत्वाकांक्षी बजिंदर के पिता से शुरुआत में संबंध अच्छे नहीं रहे। उसे तत्कालीन सत्तापक्ष का संरक्षण प्राप्त था, जिसके दम पर वह किसी से भी झगड़ा कर लेता था। पुलिस में उस पर सात केस दर्ज हैं। बजिंदर सिंह इस समय न्यू चंडीगढ़ में परिवार के साथ रह रहा था। बजिंदर सिंह के दो भाई और हैं रविंदर उर्फ रवि व पंकज।

    बजिंदर ऐसे बना ईसाई

    बजिंदर की प्रारंभिक पढ़ाई यमुनानगर में हुई। बाद में इसने दामला पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज बीच में छोड़ दिया। उसके कॉलेज में भी कई बार झगड़े हुए। लगभग 18 वर्ष पहले उसने शामली के वर्कशाप रोड स्थित चावला चिकन सेंटर पर नारंग नामक व्यक्ति को गोली मार दी थी, जिसमें उस पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज हुआ था। वह लगभग डेढ़ वर्ष तक जेल में रहा।

    जेल से बाहर आकर उसने अपने केस में समझौता किया और कोर्ट से बरी हो गया। बताते हैं कि अक्सर वह शराब के नशे में झगड़े करता था। जब वह डेढ़ वर्ष तक जेल में रहा तो उसकी शराब की आदत छूट गई। इस बीच वह इसाई धर्म के लोगों के संपर्क में आ गया। प्रभावित होकर कांसापुर में एक चर्च में आने-जाने लगा और इसाई धर्म अपना लिया। बाद में वहां के पादरी को हटाकर खुद उस चर्च का पादरी बन गया।

    मतांतरण तक के आरोप लगे। इसके बाद यहां से लगभग 14 वर्ष पहले बजिंदर चंडीगढ़ चला गया और जालंधर व चंडीगढ़ की चर्चों में मुख्य पास्टर बन गया। 12 वर्ष पहले उसकी राजस्थान की रहने वाली ईसाई युवती से शादी हुई। इस शादी से दो बेटी व एक बेटा है।

    पीड़िता ने दुष्कर्म के वीडियो को नहीं बनने दिया पास्टर का हथियार

    दुष्कर्म की घटनाओं में, अधिकतर मामलों में महिलाएं आगे नहीं आती हैं। वे समाज के डर या विभिन्न कारणों से घुट-घुटकर जीने को तैयार हो जाती हैं, परंतु अपना मुंह नहीं खोलतीं। ईसाई पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कठोर कारावास की सजा दिलवाने वाली मोहाली की पीड़िता डरपोक और चुप रह जाने वालों में से नहीं थी।

    दुष्कर्म की जो वीडियो दिखाकर पास्टर उसे मुंह बंद रखने की धमकियां देता था, पीड़िता ने उसे उसका हथियार नहीं बनने दिया। यह उसका दुष्कर्म के खिलाफ उठ खड़ा होने का साहस ही है, जिसने दुष्कर्मी पास्टर को अंतिम सांस तक जेल की सलाखों के पीछे धकेलवा दिया। पीड़िता के बयान के अनुसार महिला की पास्टर बजिंदर सिंह से मुलाकात सड़क किनारे एक ढाबे पर हुई थी। सितंबर 2017 में उसने उसे विदेश यात्रा पर भेजने के बहाने जीरकपुर के एक रेस्तरां में बुलाया। फिर उसे अपने फ्लैट में ले गया जहां नशीला पदार्थ देकर उससे दुष्कर्म किया।

    पतन

    • बड़े-बड़े उपदेश देने के बावजूद अपनी वासना पर नहीं कर पाया नियंत्रण, विश्वास करने वालों से धोखे पर जाना पड़ा जेल।
    • हरियाणा की जेल से निकलकर मतांतरण का ऐसा खेल शुरू किया कि कुछ ही वर्षों में अनेक हिंदुओं व सिखों को ईसाई बना डाला।
    • उत्तर प्रदेश के शामली के गांव गंदेवड़ा का है बजिंदर सिंह, जेल में शराब छूटी, ईसाइयत का रंग चढ़ा।
    • 18 वर्ष पहले गोली चलाकर जा चुका जेल, लौटकर बना ईसाई, पादरी को भगाकर खुद बन गया पास्टर।
    • जालंधर-मोहाली से लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, दुबई, मारीशस, मलेशिया, आस्ट्रेलिया तक 12 केंद्र बनाए।

    अपनी बीमार पत्नी और अपनी टांग का इलाज नहीं कर पाया बजिंदर

    विगत दिनों अदालत में सुनवाई में पास्टर बजिंदर ने व्यक्तिगत कठिनाइयों का हवाला देते हुए दया याचिका दायर की थी। उसने गुहार लगाई थी कि उसके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं और उसकी पत्नी रीढ़ की बीमारी से ग्रस्त है जबकि उसकी अपनी टांग में रॉड पड़ी हुई है।

    बजिंदर की याचिका ने उसके यीशू के चमत्कार से हीलिंग (रोग निवारण) करने के दावों की पोल खोल दी है। प्रश्न उठता है कि यदि उसके पास वास्तव में चमत्कारिक उपचार की शक्तियां हैं, तो वह अपनी बीमार पत्नी या अपनी टांग का इलाज क्यों नहीं कर पाया?

    पास्टर बजिंदर सिंह कुछ और विवाद

    2022: दिल्ली के एक परिवार से पैसे ऐंठने का आरोप लगा, जो अपनी बीमार बेटी का इलाज कराने आया था, लेकिन उनकी बेटी बचाई नहीं जा सकी।

    2023: आयकर विभाग ने पादरी बजिंदर सिंह के ठिकाने पर छापे मारे।

    2025: बजिंदर सिंह के खिलाफ 21 वर्षीय युवती के बयानों पर 28 फरवरी को कपूरथला में छेड़छाड़ व यौन शोषण के आरोप में केस दर्ज हुआ। कपूरथला के आदर्श नगर की युवती कभी पास्टर बजिंदर के पास स्वयंसेवक थी।

    आपबीती: युवती ने बताया कि वह पास्टर के पास छह वर्ष से काम कर रही थी। उसके माता-पिता 2017 से चर्च जाने लगे थे। वह भी साथ जाती थी। पास्टर ने उसके मोबाइल पर मैसेज भेजने शुरू कर दिए। विरोध करने पर धमकी देता कि उसे व उसके परिवार को मार देगा।

    2025: हाल ही में, एक वायरल वीडियो में बजिंदर एक पुरुष व एक महिला, जो एक बच्चे को गोद में लिए हुए थी, पर हमला करते हुए देखा गया। उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

    आपबीती: महिला ने बताया कि वह कई वर्षों तक बजिंदर सिंह के चर्च में काम कर चुकी है पर इस घटना के बाद उसने इस्तीफा दे दिया। उसने आरोप लगाया कि चर्च में स्वयंसेवा करने वाली युवा महिलाओं व लड़कियों का पीछा किया जाता था और उन्हें परेशान किया जाता था तथा जो लोग आवाज उठाते थे, बजिंदर उनसे बुरा व्यवहार करता था। जब वह वहां मौजूद एक व्यक्ति पर हमले को रोकने की कोशिश कर रही थी, तो पास्टर भड़क गया और मुझे अपने हाथ में ली हुई नोटबुक दे मारी।

    गंभीर आरोपों में जेल जा चुके हैं कई प्रमुख बाबा

    दुष्कर्म अथवा हत्या के गंभीर आरोपों में कई प्रमुख धार्मिक नेताओं को सजा सुनाई गई है, जिससे समाज में धार्मिक नेताओं की छवि पर गहरा असर पड़ा है। इनमें डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम, रामपाल, आसाराम, और जलेबी बाबा जैसे नाम शामिल हैं।

    ‘चमत्कारी चिकित्सा सेवाओं’ से संकट दूर कराने चर्च आते हैं लोग

    मोहाली के माजरी व जालंधर के ताजपुर में पास्टर बजिंदर की ‘विजडम एंड ग्लोरी मिनिस्ट्री’ चर्च नारों व विज्ञापनों के साथ संकट में पड़े लोगों के लिए पूजास्थल बन चुकी हैं।

    हजारों लोग ईश्वरीय हस्तक्षेप की उम्मीद और पास्टर द्वारा दी जाने वाली ‘चमत्कारी चिकित्सा सेवाओं’ के लिए आकर्षित होकर यहां आते हैं। स्वयंसेवकों का कहना है कि चर्च की आय दान, तेल, साबुन व ‘चिकित्सा जल’ जैसे उत्पादों की बिक्री से आती है।

    यह भी पढ़ें- 'चर्च में गलत तरीके से छूता...', NCW के सामने महिला ने बताई 'यशू-यशू' वाले पादरी बजिंदर की करतूत