बाघा अस्पताल में भ्रूण जांच का स्टिंग आपरेशन, सेहत विभाग ने मारा छापा; डाक्टर फरार
शुक्रवार शाम को सेहत विभाग की टीम ने कार्रवाई से पहले पूरा होमवर्क किया। शाम साढ़े छह बजे पहले सेहत विभाग की चंडीगढ़ से आई मिशन डिस्कवरी डिटेक्टिव सर्विस तथा डाक्टरों की टीम ने पठानकोट चौक स्थित बाघा अस्पताल एवं मैटरनटी होम में स्टिंग आपरेशन किया।
जालंधर, जेएनएन। गर्भ में भ्रूण जांच के मामले को लेकर एक माह के भीतर जालंधर में शुक्रवार शाम को दूसरी बार सेहत विभाग ने छापामारी की। टीम ने मौके पर अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग मशीन व रिकार्ड सील किया। इसके साथ ही लिंग निर्धारण व गर्भपात के लिए डाक्टर को दिए हुए पैसे भी बरामद कर लिए। सेहत विभाग ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवा दी है। टीम ने करीब छह घटे तक रिकार्ड खंगाला। अस्पताल में रात साढ़े 12 बजे तक कार्रवाई चलती रही।
शुक्रवार शाम को सिविल सर्जन डा. गुरिंदर कौर चावला की अगुआई में सेहत विभाग की टीम ने कार्रवाई से पहले पूरा होमवर्क किया। शाम साढ़े छह बजे पहले सेहत विभाग की चंडीगढ़ से आई मिशन डिस्कवरी डिटेक्टिव सर्विस तथा डाक्टरों की टीम ने पठानकोट चौक स्थित बाघा अस्पताल एवं मैटरनटी होम में स्टिंग आपरेशन किया। शाम साढ़े छह से सात बजे तक चले स्टिंग आपरेशन के बाद सेहत विभाग के अधिकारियों को हरी झंडी दी गई, जिसके बाद सात बजे दूसरी टीम ने अस्पताल में छापामारी कर दी।
सिविल सर्जन डा. गुरिंदर कौर चावला ने बताया कि मिशन डिस्कवरी डिटेक्टिव सर्विस के प्रभारी विकास पुरी, जिला परिवार कल्याण अधिकारी नवाशहर डा. सुखविंदर सिंह, जिला परिवार कल्याण अधिकारी लुधियाना डा. एसपी सिंह, जिला परिवार कल्याण अधिकारी जालंधर डा. रमन गुप्ता, डिस्ट्रिक प्रोग्राम अफसर जीएस रंधावा तथा जिला अटार्नी डा. सतपाल के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची। डिटेक्टिव कंपनी ने गर्भवती महिला को फर्जी मरीज बनाकर अस्पताल के डा. हरजीत सिंह कंग के पास भ्रूण जाच के लिए भेजा।
गर्भपात के लिए दलाल के माध्यम से 20 हजार रुपये में बात हुई। अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग करवाने के बाद डाक्टर को 19 हजार 600 रुपये दे दिए गए। इसी दौरान टीम मौके पर पहुंच गई और कार्रवाई शुरू कर दी। मौका पाकर भ्रूण जांच करने वाला डाक्टर फरार हो गया। टीम ने 16 हजार रुपये बरामद कर लिए। डा. चावला ने बताया कि विभाग की ओर से मौके पर पुलिस बुलाकर अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग मशीन, अस्पताल का रिकार्ड तथा बरामद हुए पैसे पुलिस को सौंप दिए गए।
डा. हरजीत सिंह कंग लिंग जांच के आरोपों में पहले हो चुका हैं गिरफ्तार, दर्ज हैं तीन केस
बाघा अस्पताल पठानकोट चौक तथा भोगपुर में भ्रूण निर्धारण करने के कारण डा. हरजीत सिंह कंग काफी चर्चा में रह चुका है। इस संबंध में उसके खिलाफ तीन मामले चल रहे हैं। इसे पहले गिरफ्तार भी किया जा चुका है। साल 2018 में अंबाला पुलिस की ओर से छापामारी की गई थी। तब सेहत विभाग की टीम इसकी अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग मशीन सील करके ले गई थी। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोपों में उस समय तैनात रहे सिविल सर्जन तथा जिला परिवार कल्याण अधिकारी को हरियाणा की टीम को सहयोग न देने पर ट्रासफर कर दिया गया था।
सामने आई सेहत विभाग की कमजोरी
डिस्कवरी डिटेक्टिव एजेंसी की ओर से की गई छापामारी में वीडियो रिकार्डिंग या कोई ऐसा पुख्ता सुबूत नहीं जुटाए जा सके हैं। इससे पहले रतन अस्पताल में भी स्टिंग आपरेशन किया गया था और टीम की स्टिंग आपरेशन के दौरान कई कमजोरियों के चलते मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया है। बाघा अस्पताल में भी डाक्टर मौके पर फरार हो गया है। टीम को मौके पर 19600 में से केवल 16 हजार रुपये ही बरामद हुए हैं।
पुलिस को मिले पुख्ता सुबूत, केस दर्ज
बाघा अस्पताल में हुई छापामारी के मामले में थाना आठ के प्रभारी कमलजीत सिंह का कहना था कि उनके पास शिकायत आई थी कि निजी अस्पताल में भ्रूण जांच किया जा रहा है। सेहत विभाग की टीम और मिशन डिस्कवरी डिटेक्टिव की टीम अस्पताल में पहुंची थी। टीम को वहा से पुख्ता सुबूत मिले हैं। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है।