विश्व के कई देशों का राष्ट्रीय खेल है Rugby, लेकिन इसके कारोबार पर है भारत का कब्जा
जालंधर की उमा इंटरनेशनल ने विश्व की सबसे बड़ी रग्बी बॉल तैयार कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। जापान में 20 सितंबर से शुरू होने वाले रग्बी विश्व कप से पहले रग्बी में विश्व का 80 फीसद कारोबार करने वाली जालंधर की खेल इंडस्ट्री ने नया मील का पत्थर स्थापित किया है। जालंधर की उमा इंटरनेशनल ने विश्व की सबसे बड़ी रग्बी बॉल तैयार कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाया है। 14 सितंबर को रग्बी बॉल विमान से इंग्लैंड पहुंचाई गई और 15 सितंबर को इसे इंग्लैंड के शहर साउथ मॉल्टन में स्थापित किया गया। इसे वर्ल्ड रग्बी बोर्ड के नियमानुसार ही इंडस्ट्री ने तैयार किया है।
उमा इंटरनेशनल के एमडी अजय महाजन ने बताया कि विश्व की सबसे बड़ी रग्बी बॉल तैयार करने में आठ महीने का समय लगा। बीस कर्मचारियों की मेहनत से इसे तैयार किया गया। यूरोपियन देशों में रग्बी अधिक खेली जाती है। सबसे बड़ी रग्बी बॉल का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने से काफी खुशी महसूस हो रही है।
वहीं, स्पोर्टिंग सिडीकेट के डायरेक्टर अलकेश कोहली ने कहा कि यूरोपियन देशों में 80 प्रतिशत रग्बी जालंधर से तैयार होकर जाती है। वल्र्ड रग्बी बोर्ड के नियम के मुताबिक ही बॉल को तैयार किया जाता है। भार का खास ख्याल रखा जाता है। रग्बी औद्योगिक इकाइयां 100 करोड़ रुपये के करीब कारोबार करती हैं। पंजाब के 20 एक्सपोर्टर रग्बी बॉल तैयार करते हैं और सालाना करीब 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता है।
पहले का विश्व रिकॉर्ड
- लंबाई 4.7 मीटर
- चौड़ाई 2.95 मीटर
नया विश्व रिकॉर्ड
- लंबाई 5.98 मीटर
- चौड़ाई 3.7 मीटर
कई देशों का राष्ट्रीय खेल है रग्बी
विश्व के कई देशों में रग्बी खेली जाती है। न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेल्स, फिजी, समोआ, टोंगा तथा मेडागास्कर देशों का तो यह राष्ट्रीय खेल है।
ऐसे बनती है रग्बी बॉल
रग्बी बॉल को तैयार करने में सिंथेटिक रबड़ का प्रयोग किया जाता है। पहले तीन-चार कपड़ों को जोड़ लिया जाता है। फिर रबड़ चढ़ाई जाती है। इसके बाद थोड़ी सी हीट में रखा जाता है। फिर उसमें ब्लैडर लगा दिया जाता है और सिलाई के बाद रग्बी बॉल तैयार हो जाती है।