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    अच्छी खबरः पंजाब में किसानों का रेल रोको आंदोलन खत्म, जम्मू के लिए ट्रेन सेवा बहाल करने का काम शुरू

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Tue, 28 Dec 2021 07:35 PM (IST)

    Punjab Kisan Rail Roko Andolan पंजाब में रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं किसानों ने धरना खत्म कर दिया है। जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के राज्य संगठन सचिव सुखविंदर सिंह सभरा ने इसकी घोषणा की।

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    Punjab Kisan Andolan जालंधर कैंट में रेलवे ट्रैक से धरना हटाते हुए किसान। जागरण

    जेएनएन, चंडीगढ़/जालंधर। पंजाब में 10 दिन से रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों ने धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी है। इसी के साथ पंजाब रूट पर जल्द ट्रेन ट्रैफिक बहाल होने की संभावना है। जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन से मिली जानकारी के अनुसार पहले पाथवे और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के जवान ट्रैक को चेक करेंगे। उसके बाद पायलट इंजन चलाया जाएगा। सबकुछ ठीक पाए जाने पर रेल यातायात बहाल कर दिया जाएगा। धरने के कारण रेलवे को पंजाब रूट पर ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो गई थी। रविवार को कुल 180 ट्रेनों को या तो रद्द करना पड़ा या फिर शॉर्ट टर्मिनेटेड/शॉर्ट ओरिजनेट करना पड़ा था।

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    चंडीगढ़ में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ बैठक के बाद किसानों ने ब्यास-अमृतसर रेल खंड पर जंडियाला-मानावाला के मध्य जालंधर-पठानकोट रेल खंड पर टांडा उड़मड़, अमृतसर खेमकरण रेलखंड पर तरनतारन फिरोजपुर बठिंडा रेल खंड पर फिरोजपुर यार्ड में, फिरोजपुर लुधियाना रेल खंड पर मोगा में, फाजिल्का कोटकपूरा रेलखंड पर एवं जालंधर छावनी रेलवे स्टेशन से धरना उठाना शुरू कर दिया है।

    बता दें कि पंजाब सरकार से मांगें मनवाने के लिए 20 दिसंबर को किसान मजदूर संगठन समिति ने रेल रोको आंदोलन शुरू किया था। शुरुआत में किसान-मजदूर चार स्थानों पर रेलवे ट्रैक पर बैठे थे। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शन तेज कर दिया और वे जालंधर कैंट सहित 7 स्थानों पर धरना देने लगे।

    चेतावनी- अगर मांगें नहीं मानी तो फिर देंगे धरना

    यहां कैंट रेलवे स्टेशन पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के राज्य संगठन सचिव सुखविंदर सिंह सभरा ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में भाग लेकर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम चरणजी सिंह चन्नी ने उनकी कई मांगों को मानने का आश्वासन दिया है। इसी के बाद से धरना उठाया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि धरना मुल्तवी किया जा रहा है खत्म नहीं होगा अगर मांगे नहीं मानी गई तो धरना फिर शुरू कर दिया जाएगा। 

    किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू के साथ हुई बातचीत के दौरान सीएम चन्नी ने उनसे धरना प्रदर्शन का रास्ता छोड़ने को कहा। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार उनकी मुश्किलों को लेकर संवेदनशील है। रेल रोको आंदोलन के कारण पहले ही पंजाब भर में यूरिया और डीएपी की सप्लाई प्रभावित हो चुकी है। इससे रबी सीजन में किसानों की परेशानी और बढ़ी है। 

    उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों, कर्ज माफी, किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को नौकरी, खराब हुई फसल का मुआवजा और आबादकारों (जो किसान लंबे समय से किसी जमीन पर खेती कर रहे हैं पर उसके मालिक नहीं हैं) के लिए फसल बीमा और भुगतान प्रक्रिया आसान करने जैसे मुद्दों पर गहनता से चर्चा हुई है। 

    सीएम ने कहा कि किसानों पर दर्ज केस वापस लेने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल जल्द केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेगा और उनसे दिल्ली पुलिस और आरपीएफ की ओर से किसानों पर दर्ज मामले तुरंत वापस लेने की गुहार लगाएगा। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की जान गई है उनके परिजनों को पांच लाख रुपए तक मुआवजा और एक परिजन को नौकरी देने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। किसान यूनियन की ओर से तीन उन किसानों का नाम भी सूची में शामिल करने की मांग को मुख्यमंत्री ने मान लिया है जो पहले से चल रहे संघर्ष में मारे गए थे। आबादकार किसानों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने कोलोनाइजेशन विभाग से सभी किसानों को जमीन के मालकी हक देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये लोग सालों से इन जमीनों पर खेती कर रहे हैं। इनसे बनती राशि चार किश्तों में ले ली जाए।

    मुख्यमंत्री ने किसानों को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार जल्द ही एक पालिसी लाने जा रही है, जिसमें केंद्र सरकार जिन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं देती, सरकार एमएसपी देगी। चन्नी ने किसान यूनियन की ओर से दिए गए सुझाव पर बासमती ट्रेडिंग कार्पोरेशन बनाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने इन दोनों मुद्दों पर मुख्य सचिव से विस्तृत स्टडी रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

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