नन्हे 'बार्डर' का पासपोर्ट तैयार, आज अटारी सीमा से पाकिस्तान के लिए रवाना होगा परिवार
पाकिस्तानी निंबो बाई ने 2 दिसंबर को बच्चे को जन्म दिया था। 6 दिसंबर को जब वह पति और बच्चों के साथ पाकिस्तान जाने लगी तो रेंजर्स उस पर झल्ला उठे। रेंजर्स ने कहा हम कैसे मान लें कि यह तुम्हारा बच्चा है। इसके बाद परिवार को लौटा दिया गया।
नितिन धीमान, अमृतसर। सरहद पर जन्मे नन्हें 'बार्डर' को पाकिस्तान भेजने की औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने तत्काल में 'बार्डर' का पासपोर्ट जारी कर दिया है। शुक्रवार को 'बार्डर' राम अपने परिवार के साथ अटारी बार्डर पार करेगा। वतन वापसी की राह मिलने पर बार्डर की मां निंबो बाई व पिता बालम राम खुशी से सराबोर हैं। 2 दिसंबर को अटारी सीमा पर जन्मे इस बच्चे का नाम परिजनों ने बार्डर राम रखा था, पर जन्म प्रमाणपत्र न होने की वजह से पाकिस्तान ने बच्चे को लेने से इंकार कर दिया। सिविल सर्जन अमृतसर डा. चरणजीत सिंह ने एक दिन में ही बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया। इस पर उसका नाम बार्डर राम लिखा गया है। अब उसका पासपोर्ट भी बन गया है।
दरअसल, 2 दिसंबर को अटारी सीमा पर जन्मे बार्डर को 7 दिसंबर को अटारी सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने लेने से इंकार कर दिया था। रेंजर्स का कहना था कि वह कैसे मान लें कि यह बच्चा पाकिस्तानी नागरिक निंबो बाई व बालम राम की संतान है। रेंजर्स ने 'बार्डर' का जन्म प्रमाण पत्र और पासपोर्ट मांगा था। यह भी कहा कि बार्डर को छोड़कर परिवार के शेष सभी सदस्य पाकिस्तान जा सकते हैं। हालांकि बच्चे के लिए यह दंपती पुन: अटारी स्थित रैनबसेरे में लौट आया। बार्डर के दस्तावेज तैयार करवाने के लिए भाजपा नेता अनुज भंडारी ने अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने बीते बुधवार को इस परिवार को बस से दिल्ल स्थित पाकिस्तानी दूतावास भेजा। दूतावास के अधिकारी से बात कर तत्काल पासपोर्ट जारी करने की अपील की। दूतावास ने अविलंब बार्डर का पासपोर्ट तैयार किया। वीरवार देर रात यह परिवार दिल्ली से अमृतसर पहुंचा। शुक्रवार सुबह इन्हें पाकिसतान भेजा जाएगा।
पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी ने दिए दस हजार
अपनों की सकुशल वतन वापसी के लिए पाकिस्तानी दूतावास ने जहां तत्काल पासपोर्ट जारी किया, वहीं एक अधिकारी ने बालम राम को दस हजार रुपये भी दिए।
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