शिक्षा सुधार: पंजाब में अब विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी पढ़ेंगे
पंजाब में शिक्षकों की अंग्रेजी सुधारने के लिए उनको बच्चों के साथ पढ़ाया जाएगा। इसके लिए पंजाब सरकार ने एक कार्यक्रम शुरू किया है।
जालंधर, [कुसुम अग्निहोत्री]। पंजाब में सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों का स्तर का बुरा हाल है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछली सरकार के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री जी की टेस्ट क्लास में इन शिक्षकों द्वारा लिखे गए 150 शब्दों के पैरा में 60 गलतियां मिली थीं। सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी की कमजाेर पढ़ाई का असर इस बार दसवीं और 12वीं की पढ़ाई में भी देखने को मिला है। इसके बाद अब सरकारी स्कूलों के अंग्रेजी शिक्षकों को अब विद्यार्थियों के साथ अंग्रेजी का पाठ पढ़ाया जाएगा।
पंजाब सरकार ने अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआइएफ) ट्रस्ट के साथ मिलकर राज्य के 10 जिलों के 500 अपर प्राइमरी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों व अध्यापकों को अंग्रेजी में दक्ष करने का फैसला किया है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों की अंग्रेजी भी सुधारी जाएगी।
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बता दें कि पिछले साल पिछली सरकार में तत्कालीन शिक्षामंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की क्लास लेकर उनके टेस्ट लिए तो बड़ी संख्या में शिक्षकों की अंग्रेजी में पकड़ कमजोर पाई गई। यहां तक की अंग्रेजी विषय के शिक्षकों ने एक वाक्य में कई शाब्दिक गलतियां कीं। क्वेश्चन को क्वेस्टिन, इंपॉटेंट को इंपोटेंट और सिलेबस को सिल्बस लिखा गया।
अब उनकी अंग्रेजी में सुधार विद्यार्थियों के अंग्रेजी सुधार के साथ होगा। फाउंडेशन ने अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों की अध्यापन कुशलता बढ़ाने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया है। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक प्रदीप कुमार के अनुसार, पंजाब सरकार ने इस नए प्रोग्राम का नाम 'इंग्लिश हेल्पर' रखा है। इससे विद्यार्थियों को अंग्रेजी में माहिर बनाने के लिए कोर्स शुरू होगा, जो शिक्षकों पर भी लागू होगा।
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'इंग्लिश हेल्पर' कार्यक्रम को लागू करने के लिए संबंधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (सेकेंडरी) को पत्र लिखा गया है। इसके लिए प्रशिक्षण 'रीड टू मी' साफ्टवेयर से दिया जाएगा। छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को 'रीड टू मी' सॉफ्टवेयर द्वारा पाठ्यक्रम आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यार्थियों को अंग्रेजी सुनने, बोलने, पढ़ने और लिखने में कुशल बनाने समेत अंग्रेजी पढ़ाने वाले अध्यापकों की अध्यापन कुशलता बढ़ाने के लिए इस सॉफ्टवेयर का सहारा लिया जाएगा।एआइएफ ट्रस्ट अंग्रेजी विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों को इस सिस्टम की ट्रेनिंग भी देगी।
1.47 लाख विद्यार्थी अंग्रेजी में फेल
इस साल 10वीं व 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा में एक लाख 47 हजार 457 विद्यार्थियों का फेल होना अंग्रेजी विषय की पढ़ाई की पोल खोलता है। इसमें अधिकतर बच्चे अंग्रेजी विषय में फेल हुए हैं। यह कारण भी है कि पंजाब सरकार ने यह कदम उठाया है।
इन जिलों में शुरू होगा प्रोग्राम
राज्य में पहले चरण में इस कार्यक्रम के लिए 10 जिलों के 500 स्कूलों को चुना गया है। इनमें सबसे ज्यादा 81 स्कूल रोपड़ जिले के हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के जिले पटियाला के 78 स्कूल, जालंधर के 56 स्कूल, लुधियाना के 53 स्कूल, बरनाला और संगरूर के 50-50 स्कूल, अमृतसर के 48 स्कूल, मानसा और मोहाली जिले के 30-30 स्कूल और फिरोजपुर के 25 स्कूलों को इसके लिए चुना गया है।
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