NIT प्रोफेसर के बेटे ने आठवीं मंजिल से कूदकर दी जान, डिप्रेशन में था मृतक; माता-पिता का हो चुका है तलाक
पंजाब (Punjab News) के जालंधर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) के प्रोफेसर के 17 वर्षीय बेटे रजत आर्या ने आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। रजत कुछ सालों से डिप्रेशन से जूझ रहा था और उसका इलाज चल रहा था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रतज के माता-पिता का तलाक हो चुका है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। Punjab News: राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राज कुमार आर्या के 17 वर्षीय बेटे रजत आर्या ने शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे एनआईटी के अंदर बने फ्लैट्स की आठवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी।
पिछले कुछ साल से डिप्रेशन में था रजत
रजत पिछले कुछ साल से डिप्रेशन में था। पंजाब मेडिकल इंस्टीट्यूट (पिम्स) अस्पताल से उसकी दवाई चल रही थी। डॉ. राज कुमार आर्या मूल रूप से उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मिल्क पार्कल (डाकघर सिंघपुर सैनी) के रहने वाले हैं। रजत का शव सिविल अस्पताल जालंधर की मोर्चरी में रखा गया है। मुंबई से उसकी मां के आने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा।
डॉ. राज कुमार आर्या करीब सात साल से एनआईटी जालंधर में सेवाएं दे रहे हैं। उनका पत्नी से तलाक हो चुका है। पत्नी अब मुंबई में रहती हैं। डॉ. राज कुमार एनआईटी परिसर में ही एक फ्लैट में रहते थे। 17 वर्षीय रजत और 14 वर्षीय छोटा बेटा उनके साथ ही रहते थे।
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17 अप्रैल को एनआईटी ले गए थे रजत को
रजत नाभा (पटियाला) स्थित करियर डिफेंस अकादमी में पढ़ाई कर रहा था। 16 अप्रैल को अकादमी की ओर से डॉ. राज कुमार को कॉल किया गया कि रजत उनके पास जाने की जिद कर रहा है। वह 17 अप्रैल को रजत को वहां से अपने पास एनआईटी ले आए। 18 अप्रैल, शुक्रवार को उन्हें रजत को लेकर पिम्स अस्पताल जांच के लिए जाना था।
शुक्रवार सुबह वह अस्पताल जाने के लिए तैयार हो रहे थे, इस बीच रजत ने आठवीं मंजिल से छलांग लगा दी। गंभीर हालत में उसे पहले मकसूदां स्थित सेकेर्ड हार्ट अस्पताल ले जाया गया। उसके बाद सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
लंबे समय से चल रही थी दवाई
पिम्स अस्पताल के डॉ. हिमांशु सरीन ने बताया कि रजत डिप्रेशन से पीड़ित था। उसकी काफी समय से दवाई चल रही थी। वह पहले भी कई बार दवा की ओवरडोज ले लेता था। इसलिए अब उसे दवाई किसी की सुपरविजन में ही दी जाती थी।
जहां वह पढ़ रहा था, वहां भी उसकी दवाई वॉर्डन के पास ही दी थी। उन्हें शुक्रवार सुबह कॉल आई थी, लेकिन वह उस दिन छुट्टी पर थे। उन्हें पता चला था कि रजत ने दवाई की ओवरडोज ले ली है, जिससे उसकी स्थिति बिगड़ी हुई है।
अकादमी से रजत के पिता को फोन आया कि रजत जिद बहुत कर रहा है। इसी कारण एनआईटी में प्रोफेसर उसे अपने पास एनआईटी में ले आए। पुलिस मुताबिक रजत की डिप्रेशन की मेडिसिन चल रही थी। रजत ने शुक्रवार को एनआईटी की इमारत 8वीं मंजिल से छलांग लगा दी। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में रख दिया है तथा पुलिस जांच कर रही है।
राजस्थान के कोटा में भी लिया था दाखिला
बताया जा रहा है कि रजत ने कोटा स्थित एक अकादमी में भी दाखिला लिया था। रजत का वहां मन नहीं लगने और परेशान रहने की बात सामने आने पिता वहां से भी उसे वापस ले आए थे।
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