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    क्या होता है आइस नशा? पंजाब में आया पहला मामला, कनाडा से आदी होकर लौटा अमृतसर का युवक; चपेट में भारतीय छात्र

    Updated: Sat, 19 Apr 2025 11:55 PM (IST)

    कनाडा से लौटा 24 वर्षीय युवक आइस नामक केमिकल ड्रग की लत से जूझ रहा है। वह अब गुरदासपुर के रेडक्रॉस नशा छुड़ाओ केंद्र में भर्ती है। युवक ने बताया कि विदेश में हेरोइन के साथ-साथ आइस की एक डोज मुफ्त में दी जाती है जिससे नशा करने वाले की आंखें 72 घंटे तक खुली रहती हैं। पंजाब में आया पहला मामला।

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    क्या होता है आइस नशा? पंजाब में आया पहला मामला। फाइल फोटो

    सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर। अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए किसी भी सीमा तक जाने को तैयार अभिभावकों को कनाडा से लौटे अमृतसर निवासी 24 वर्षीय युवक की बातें एक बार जरूर सुननी चाहिए जो वहां केमिकल नशा (आइस) का आदी हो गया है और अब रेडक्रॉस नशा छुड़ाओ केंद्र गुरदासपुर में भर्ती हुआ है।

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    इस युवक ने बताया कि उसके माता-पिता व भाई-भाभी का कनाडा में पीआर है। वह अपने दादा-दादी के पास अमृतसर में रहता था जिसके चलते उसे रोकने-टोकने वाला कोई नहीं था।

    यही कारण था कि वह नशे के जाल में फंस गया। उसने पंजाब में 15-16 वर्ष की आयु में ही बीयर व उसके बाद अफीम जैसे नशे लेने शुरू कर दिए थे। बाद में 10 वर्ष का मल्टीपल वीजा लगने पर वह अपने माता-पिता के पास कुछ महीने पहले कनाडा चला गया था।

    वहां कुछ समय तक तो उसने कोई नशा नहीं किया पर एक दिन सरी से आए उसके एक दोस्त ने उसे हेरोइन दी जिसके बाद उसकी नशे की लत फिर से शुरू हो गई। युवक ने बताया कि जब युवा हेरोइन का नशा करते हैं तो उन्हें बहुत अधिक नींद आती है जिसके चलते विदेश में अब नशेड़ी युवकों को कैमिकल नशा ‘आइस’ दिया जा रहा है।

    विदेश जाने वाले युवा आने को तैयार नहीं

    उसने बताया कि हेरोइन के साथ-साथ आइस की एक डोज मुफ्त में दी जाती है जिसे लेने के बाद लगभग 72 घंटे तक नशा करने वाले की आंखें खुली रहती हैं। यही कारण है कि विदेश में ट्रक चलाने वाले और पूरा वर्ष पढ़ाई करने की बजाए अंतिम महीनों में लगातार पढ़ने वाले युवा आसानी से इस नशे की चपेट में आ रहे हैं। विदेश में अधिक आसानी से मिल जाता है ड्रग युवक ने बताया कि एक बार विदेश जाने वाले अधिकतर युवा वापस आने को तैयार नहीं है।

    पंजाब में आइस नशा का पहला मामला

    इसके पीछा एक बड़ा कारण उनका नशे का आदी होना और वहां आसानी से नशा मिल जाना है। उसने बताया कि वह खुद हेरोइन व आइस के लिए संबंधित लोगों को आनलाइन पैसे ट्रांसफर करता था जिसके बाद वे लोग बताई गई लोकेशन पर वृक्षों से नशीले पदार्थ बांध जाते थे।

    पंजाब में भी आइस सप्लाई कर रहा पाक रेडक्रास नशा छुड़ाओ केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोमेश महाजन ने बताया कि वैसे तो पंजाब में और उनके सेंटर में आइस का यह पहला ही मामला सामने आया है, पर सूचना है कि पाकिस्तान की ओर से पंजाब में जो हेरोइन भेजी जा रही है, उसके साथ आइस की सप्लाई भी की जा रही है जो बहुत ही भयानक संकेत है।