Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विवाह से पहले लड़का और लड़की का 'स्वास्थ्य राशिफल' मिलाना न भूलें, यह थैलेसीमिया की रोकथाम का अचूक उपाय

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Wed, 11 May 2022 03:16 PM (IST)

    भारत में 4 करोड़ थैलेसीमिक माइनर हैं। जब दो थैलेसीमिक माइनर का विवाह हो जाता है तो उनकी संतानों के थैलेसेमिक मेजर होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए ...और पढ़ें

    Hero Image
    थैलेसीमिया की रोकथाम के लिए विवाह से पहले से लड़का और लड़की का एचबीए-2 टेस्ट अवश्य कराएं। सांकेतिक चित्र।

    जागरण संवाददाता, नवांशहर। थैलेसीमिया माता-पिता से उनके अजन्मे बच्चों में फैलता है। यदि जोड़ों का विवाह पूर्व रक्त एचबीए -2 परीक्षण किया जाए तो उनकी थैलेसीमिया स्थिति का पता लगाकर इस रोग से बचाव किया जा सकता है। बुधवार को इसे लेकर एसएमओ डा. मनदीप कमल के नेतृत्व में जिला अस्पताल नवांशहर में ममता दिवस समारोह करवाया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं होता 

    इसमें थैलेसीमिया को समझने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। साथ ही, आम जनता को रोकथाम, कारण, लक्षण और उपचार प्रबंधन पर स्वास्थ्य शिक्षा दी गई। उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें पीड़ित का शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बंद कर देता है और शरीर एनीमिक हो जाता है। इस बीमारी में पीड़ित को हर 15-20 दिन में खून चढ़ाना पड़ता है। इस बीमारी के बढ़ने का मुख्य कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। शादी से पहले 'स्वास्थ्य राशिफल' का मिलान करना थैलेसीमिया की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है।

    भारत में 4 करोड़ महिला और पुरुष थैलेसीमिक माइनर

    उन्होंने बताया कि देश में थैलेसीमिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में 4 करोड़ से अधिक पुरुष और महिला थैलेसीमिक माइनर हैं जो माइनर थैलेसीमिक जीन कैरियर बन सकते हैं। जब दो थैलेसीमिक माइनर का विवाह हो जाता है तो उनकी संतानों के 'थैलेसेमिक मेजर' होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए इसे रोकने के लिए विवाह से पहले जांच जैसी जागरूकता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर माता-पिता में से एक या दोनों में थैलेसीमिया के लक्षण हैं तो यह बीमारी बच्चे को हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि शादी से पहले बच्चे का टेस्ट कराएं या एचबीए-2 टेस्ट कराएं।

    ये हैं थैलेसीमिया के प्रमुख लक्षण

    डा. कमल ने कहा कि थैलेसीमिया के प्रमुख लक्षणों में वृद्धि और विकास में देरी, अत्यधिक कमजोरी और थकान, चेहरे की विशेषताओं में बदलाव, त्वचा का पीलापन, मूत्र का मोटा होना और यकृत और प्लीहा का बढ़ना शामिल हैं। 

    यह भी पढ़ें - हिमाचल विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडा लगाने वाला पंजाब में दबोचा, एक साथी मौका पाकर भागा