हिमाचल विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडा लगाने वाला पंजाब में दबोचा, एक साथी मौका पाकर भागा
हिमाचल पुलिस की एसआइटी के डेढ़ दर्जन कर्मचारियों की टीम ने आरोपित हरबीर को हिरासत में लिया है। पुलिस ने मौके पर वह स्कूटी भी बरामद की है जिस पर सवार ह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रूपनगर। हिमाचल प्रदेश की पुलिस की टीम ने धर्मशाला में स्थित विधानसभा भवन के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने और दीवारों पर गुरमुखी में खालिस्तान लिखने के मामले में मोरिंडा शुगर मिल रोड से एक युवक को हिरासत में लिया है। पकड़ा गया युवक हरबीर सिंह उर्फ राजू बताया गया है। उसे हिमाचल पुलिस की एसआइटी के प्रमुख विमुक्त रंजन की अगुआई में आई डेढ़ दर्जन कर्मचारियों की टीम ने हिरासत में लिया है।
पुलिस ने मौके पर वह स्कूटी भी बरामद की है, जिस पर सवार होकर हरबीर हिमाचल में धर्मशाला विधानसभा तक गया था। मौके पर हरबीर के साथ एक और युवक था जो फरार होने में सफल हो गया। हिमाचल पुलिस ने आरोपित को पकड़ने से पहले और पकड़ने के बाद थाना मोरिंडा पुलिस को थाने में जाकर सूचित किया।

आरोपित हरबीर सिंह राजू और उससे बरामद स्कूटी।
परमजीत पम्मा को पकड़ने भी गई हिमाचल पुलिस, नहीं आया काबू
हिमाचल पुलिस की एसआइटी की टीम ने इसी मामले में श्री चमकौर साहिब के गांव रुड़की हीरां में भी छापामारी की। जिस परमजीत सिंह उर्फ पम्मा को पुलिस पकड़ने गई थी वो पहले ही रफूचक्कर हो चुका था। पम्मा पर रूपनगर जिले में ही नहीं कई जिलों में चोरी के आरोप में एफआइआर दर्ज हैं।
आरोपित राजू की मां ने कहा, मेरा बेटा ऐसा नहीं कर सकता

आरोपित हरबीर सिंह उर्फ राजू की मां लाभ कौर।
दूसरी तरफ, मोरिंडा की मिल रोड पर रहने वाले हरबीर सिंह उर्फ राजू की मां लाभ कौर ने कहा कि दो दिन से हिमाचल पुलिस उनके घर के आसपास घूम रही थी। बुधवार सुबह उनके घर पुलिस ने छापामारी की। उनके घर में पुलिस ने बारीकी से जांच की। पता नहीं पुलिस वाले कौन कौन से दस्तावेज घर से ले गए हैं और अब वो पुलिस को कह रही है कि उनकी बैंक की कापी तो दे दो।
लाभ कौर ने कहा कि उसका बेटा राजू ड्राईवर है। इन दिनों कोई काम नहीं कर रहा था। वह बीमार रहती है और उसका बेटा उसकी खूब सेवा करता है। उसे समझ नहीं आ रहा कि ये कैसे हो गया। बेटा ऐसा कोई काम नहीं कर सकता। मां लाभ कौर ने कहा कि जो स्कूटी है, ये उन्होंने गिरवी ली थी। कोरोना के मरीज सुभाष चंद्र ने उन्हें दी थी और उसकी एवज में 16 हजार रुपये दिए थे। ये स्कूटी इसलिए ली थी जिससे कि उसका (मां का) अस्पताल आना जाना आसान हो जाएगा। लाभ कौर ने कहा कि बेटा राजू तीस साल का है और अविवाहित है।

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