Fauja Singh Death: आरोपी ड्राइवर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, 3 साल पहले ही ब्रिटेन से वापस आए थे फौजा सिंह
दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह की जालंधर में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। 114 वर्षीय फौजा सिंह को एक तेज रफ्तार SUV ने टक्कर मार दी। पुलिस ने अमृतपाल सिंह ढिल्लों नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो कनाडा से आया था। आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पीटीआई, जालंधर। दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक 114 साल के फौजा सिंह की एक तेज रफ्तार SUV की टक्कर से मौत हो गई। यह हादसा पंजाब के जालंधर जिले में उनके पैतृक गांव ब्यास के पास जालंधर-पठानकोट हाईवे पर हुआ।
पुलिस ने इस मामले में कनाडा से आए 26 साल के अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया है। उसे मंगलवार रात उसके करतारपुर स्थित घर से पकड़ा गया और बुधवार को जालंधर की अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
कब हुआ था हादसा?
पुलिस के अनुसार, फौजा सिंह दोपहर में अपने घर के पास टहलने निकले थे। दोपहर करीब 3:08 बजे जब वे हाईवे पार कर रहे थे, तभी तेज रफ्तार टोयोटा फॉर्च्यूनर ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि फौजा सिंह 5-7 फीट हवा में उछल गए। कुछ राहगीरों और परिजनों ने उन्हें तुरंत जालंधर के अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
कौन है आरोपी ड्राइवर?
जालंधर ग्रामीण के एसएसपी हरविंदर सिंह ने बताया कि अमृतपाल सिंह ढिल्लों करतारपुर का रहने वाला है और तीन हफ्ते पहले ही कनाडा से भारत आया था। वह कनाडा में मजदूरी करता है और 2027 तक का वर्क परमिट रखता है।
पुलिस ने बताया कि ढिल्लों ने पूछताछ में कहा कि वह किसी काम के लिए जल्दी में था, इसलिए तेज गाड़ी चला रहा था। हादसे के बाद उसे डर लग गया और वह गाड़ी नहीं रोका। उसने गांवों के रास्ते घर वापस जाकर अपनी गाड़ी का एक टायर भी बदल लिया।
पुलिस ने कैसे पकड़ा?
पुलिस ने इस मामले को चुनौती के रूप में लिया और 30 घंटे में केस सुलझा लिया। हादसे की जगह से मिले हेडलाइट के टुकड़े और CCTV फुटेज से गाड़ी की पहचान हुई। फुटेज में गाड़ी का नंबर साफ दिखा, जिससे ढिल्लों तक पहुंचना आसान हुआ। गाड़ी पंजाब में रजिस्टर्ड टोयोटा फॉर्च्यूनर थी, जिसके मालिक पहले कई बार बदल चुके थे।
बेटे ने क्या कहा?
फौजा सिंह के बेटे हरविंदर सिंह ने कहा, "अगर ड्राइवर गाड़ी रोककर पिताजी को अस्पताल ले जाता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी। अगर वह नहीं भागता, तो हम उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते।"
कनाडा और भारत के ड्राइविंग नियमों का फर्क
एसएसपी ने बताया कि ढिल्लों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। कनाडा में दाईं ओर ड्राइविंग होती है, जबकि भारत में बाईं ओर। इस फर्क की वजह से उसे भारत में ड्राइविंग में दिक्कत हो सकती थी। हादसे के वक्त वह गाड़ी में अकेला था।
3 साल पहले ही ब्रिटेन से आए थे वापस
फौजा सिंह ने 89 साल की उम्र में मैराथन दौड़ना शुरू किया था और 100 साल की उम्र में वे दुनिया के पहले सेंटेनारियन (100 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति) बने, जिन्होंने मैराथन पूरी की। उन्हें 'टर्बनड टॉरनेडो' के नाम से जाना जाता था।
उन्होंने लंदन, न्यूयॉर्क और हॉन्गकॉन्ग जैसे बड़े मैराथन में हिस्सा लिया और अपनी उम्र के हिसाब से कई रिकॉर्ड बनाए। 1911 में जन्मे फौजा सिंह ने कमजोर पैरों के बावजूद अपनी हिम्मत और लगन से पूरी दुनिया में नाम कमाया।
तीन साल पहले वे ब्रिटेन से अपने गांव लौटे थे। पिछले साल उन्होंने पंजाब के गवर्नर के साथ नशे के खिलाफ जागरूकता के लिए वॉकथॉन में भी हिस्सा लिया था।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने फौजा सिंह की मौत पर शोक जताया। पीएम ने कहा कि उनकी फिटनेस और अनोखी शख्सियत ने भारत के युवाओं को प्रेरित किया। वहीं, एसएसपी हरविंदर सिंह ने कहा, "फौजा सिंह का इस तरह जाना बहुत दुखद है। उन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमाया, और हमें उन पर गर्व है।"
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।