बठिंडा व मानसा में नरमे पर गुलाबी सुंडी और सफेद मच्छर का हमला, किसानों ने नष्ट की 60 एकड़ फसल
किसानों का कहना है कि कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी लगातार बढ़ रही हैं जिससे फसल का बढ़ना मुश्किल हो रहा है। किसानों ने कपास पर कई कीटनाशकों का छिड़काव किया लेकिन गुलाबी सुंडी मरती नहीं दिख रही है।

जागरण संवाददाता, बठिंडा: कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी व सफेद मच्छरों का हमला हो गया है। हालांकि कृषि विभाग का दावा है कि अभी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है, लेकिन किसान बीते वर्ष में हुए नुकसान के बाद से घबराए हुए हैं। यही कारण है कि मालवा क्षेत्र के दो कपास उत्पादक जिलों बठिंडा व मानसा में गुलाबी सुंडी व सफेद मच्छरों के प्रकोप से अब तक किसानों ने लगभग 60 एकड़ कपास की फसल नष्ट कर दी है। बीते दो दिन में ही करीब 35 एकड़ कपास की फसल नष्ट की जा चुकी है।
किसानों का कहना है कि कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी लगातार बढ़ रही हैं। किसानों ने कपास पर कई कीटनाशकों का छिड़काव किया, लेकिन गुलाबी सुंडी मरती नहीं दिख रही है। सोमवार को मानसा के भालाइके गांव में किसानों ने 10 एकड़ कपास की फसल नष्ट कर दी थी। इससे पहले भी यहां फसल को किसान नष्ट कर चुके हैं। वहीं मंगलवार को पीरकोट गांव के किसान भोला सिंह ने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया।
किसान ने बताया कि उक्त जमीन को उसने 63 हजार रुपये प्रति एकड़ के ठेके पर लिया था व अब तक इस पर करीब 10 से 12 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च किया जा चुका है। इसी तरह गांव गुरथड़ी के एक किसान, संगत कलां के किसान बलराज सिंह, गुरुसर गांव के किसान गुरजीत सिंह व दारा सिंह आदि ने अपनी खड़ी फसल को नष्ट कर दिया। किसानों का कहना है कि बीते वर्ष भी नरमे की पूरी फसल को गुलाबी सुंडी ने बर्बाद कर दिया था। इस बार फिर इसके हमले के कारण खुद ही फसल नष्ट करनी पड़ रही है।
कृषि विभाग की सलाह, फसल नष्ट न करें
कृषि विभाग किसानों से लगातार संपर्क में है और उन्हें जागरूक कर रहा है कि फसल नष्ट न करें। कृषिविदों का कहना है कि गुलाबी सुंडी व सफेद मच्छरों का प्रकोप अभी भी नियंत्रण में है। वह कपास की फसल को लेकर चिंतित हैं। फिल्हाल फसल को नष्ट न किया जाए। विभाग किसानों के साथ है और इसका हल निकाला जाएगा।
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