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    अमेरिका से डिपोर्ट हुए 11 लोगों को ED ने भेजा समन, जालंधर ऑफिस में होंगे पेश; डंकी रूट से जुड़ा है मामला

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध अप्रवास मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका से निर्वासित 11 लोगों को समन जारी किया है। इनमें से एक हरियाणा और अन्य पंजाब से संबंधित हैं। उन्हें अलग-अलग तारीखों पर ईडी के जालंधर कार्यालय में पेश होने को कहा गया है। यह समन अप्रवास को सुविधाजनक बनाने में शामिल ट्रैवल एजेंटों को लक्षित करने वाली जांच के हिस्से के रूप में जारी किया गया है।

    By Manupal Sharma Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 06 Mar 2025 10:52 PM (IST)
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    एक्शन में पंजाब पुलिस, ट्रैवल एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करेगी ईडी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, जालंधर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) से निर्वासित 11 लोगों को समन जारी किया है। ईडी ने अमेरिका से निर्वासित जिन 11 लोगों को समन भेजा है, उनमें से एक हरियाणा से और अन्य पंजाब से संबंधित हैं।

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    इन निर्वासितों को अलग-अलग तारीखों पर ईडी के जालंधर कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है। निर्वासितों को समन की तारीख पर अपने सभी दस्तावेज और बैंक खाता विवरण लाने के लिए कहा गया है। शुरुआती चरण में 11 निर्वासितों को ही तलब किया गया है।

    बड़े नेटवर्क से जुड़े लिंक की जांच

    हालांकि, अब तक पंजाब के कुल 131 निर्वासित लोग चार उड़ानों के माध्यम से वापस लौट चुके हैं। यह समन तथाकथित डंकी रूट के माध्यम से अवैध अप्रवास को सुविधाजनक बनाने में शामिल ट्रैवल एजेंटों को लक्षित करने वाली जांच के हिस्से के रूप में जारी किया गया है।

    ईडी ने पहले ही इस मामले में एक इंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है, जो कि पंजाब पुलिस द्वारा राज्यभर में प्रवासियों की ओर से दर्ज कराई गई 19 प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर तैयार की गई है।

    केंद्रीय एजेंसी इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत करेगी और पैसों की लेन-देन की कड़ी को ट्रैक कर इस बड़े नेटवर्क से जुड़े विभिन्न लिंक की जांच करेगी।

    अमेरिकी दूतावास की शिकायत पर मामला दर्ज

    अधिकारियों ने पहले ही पुलिस पोर्टलों से सभी एफआईआर डाउनलोड कर ली हैं। निर्वासितों द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर, जिसमें उन्होंने 45 लाख से 55 लाख रुपए तक की राशि चुकाने की बात कही थी। हालांकि, निर्वासितों का मामला इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच से जुड़ा नहीं है।

    कंपनियों के खिलाफ मामला अमेरिकी दूतावास की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप था कि वह शैक्षिक योग्यता, कार्य अनुभव और वित्तीय दस्तावेजों से संबंधित जालसाजी करने में मदद कर रहे थे। इस जालसाजी के जरिए अयोग्य आवेदक वीजा प्राप्त करने के लिए कंपनियों को भारी रकम दे रहे थे।

    प्राप्त जानकारी के मुताबिक कार्यालय ने उस राशि के आधार पर निर्वासितों को चुना है, जो उन्होंने अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए दी थी। एक बार जब उनसे पर्याप्त जानकारी जुटा ली जाएगी तो अन्य निर्वासितों को भी समन भेजा जा सकता है।

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