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    सिटी सेंटर घोटाले में कैप्टन को विजिलेंस से राहत, पर ईडी हो सकता है सख्त

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sun, 20 Aug 2017 10:05 AM (IST)

    लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले में विजीलेंस ने भले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को राहत दे दी हो, लेकिन मामले में ईडी सख्ती दिखा सकती है।

    सिटी सेंटर घोटाले में कैप्टन को विजिलेंस से राहत, पर ईडी हो सकता है सख्त

    जालंधर [सुरजीत सिंह सैणी]। पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद भले ही विजिलेंस ने बहुचर्चित लुधियाना सिटी सेंटर घोटाले की क्लोजर रिपोर्ट अदालत में लगा दी है, परंतु इस मामले में ईडी सख्ती दिखा सकता है। इस मामले को कांग्रेस के सत्ता में आने बाद खत्म करने की शुरू हो चुकी थी। लेकिन इसके साथ ही ईडी भी लगातार सरगर्म रहा।

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    अब पंजाब विजिलेंस की ओर से लुधियाना के सेशन कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह,  उनके बेटे रणइंद्र सिंह और दामाद रामिंदर सिंह समेत सभी आरोपियों को राहत मिली है। ये मामला 20 मार्च, 2007 को दर्ज किया गया था। वहीं इस मामले के चालान की कापी लेने के लिए ईडी भी लगातार कोशिश करता रहा है लेकिन ईडी को 2013 से अब तक चालान की कॉपी ही नहीं मिल सकी है।

    मुख्यमंत्री सहित अन्य आरोपियों को क्लीन चिट देने के मामले में ईडी के डिप्टी डायरेक्टर गिरीश बाली का कहना है कि ईडी को अब तक विजिलेंस की ओर से अदालत में पेश किए गए चालान की कॉपी ही नहीं मिली है, विजिलेंस की ओर से अदालत में पेश की रिपोर्ट का ईडी से कोई लेना देना नहीं है। चालान की कॉपी मिलने के बाद ही ईडी तय किया जाएगा कि इस मामले में आगे क्या किया जाना है। ईडी अपना काम करता रहेगा।

    ईडी के अधिकारियों के अनुसार 2013 में ईडी ने सिटी सेंटर घोटाले में मनी लांडिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। पंजाब विजिलेंस से अदालत में पेश किए गए चालान की कॉपी मांगी गई थी, लेकिन विजिलेंस से कॉपी देने से मना कर दिया और कहा कि कॉपी अदालत से ही ली जा सकती है। अदालत से भी कॉपी नहीं मिली। 2013 से फरवरी मार्च, 2017 तक ईडी को चालान की कॉपी नहीं मिली तो ईडी ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में रिट दायर कर दी। मार्च, 2017 में कांग्रेस की सरकार बनी और अमरिंदर सिंह फिर से मुख्यमंत्री बन गए।

    20 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया कि ईडी को चालान की कॉपी उपलब्ध कराई जाए, लेकिन अब तक भी ईडी को कॉपी नहीं मिल पाई।

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की सरकार बनने और हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले को खत्म करने के लिए सरकार ने तेजी से प्रकिया शुरू कर दी। इसका नतीजा है कि सरकार बनने के पांच महीने बाद ही विजिलेंस ने मुख्यमंत्री सहित अन्यों को क्लीन चिट देने के लिए अदालत में रिपोर्ट पेश कर दी। यह भी खास है कि विजिलेंस विभाग मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के पास ही है।

    उधर सूत्रों का कहना है कि इस मामले में केंद्रीय एजेंसी ईडी आसानी से पीछे नहीं हटेगा। विजिलेंस ने बेशक क्लीन चिट के लिए रिपोर्ट पेश कर दी है, लेकिन ईडी ने रुख का साफ कर दिया है कि चालान की कॉपी मिलने के बाद अगली कार्रवाई तय की जाएगी। कैप्टन सहित इस मामले के अन्य आरोपियों को क्लीन चिट मिलने और अदालत का फैसला आने से ईडी का संबंध नहीं है, इसलिए ईडी अपने स्तर पर काम करेगा।

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