Jalandhar में बच्चों के प्रिय Nikku Park के बिगड़े हालात, रखरखाव के अभाव में टूटने लगे झूले; दुर्घटना का खतरा
जालंधर में बच्चों के पसंदीदा मनोरंजन स्थल निक्कू पार्क की हालत बेहद खराब हो गई है। दरअसल रखरखाव के अभाव में यहां झूले टूटने लगे हैं। डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह का कहना है कि जल्द झूले बदल दिए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, जालंधर: शहर में लोगों के पसंदीदा निक्कू पार्क के हालात बिगड़ने लगे हैं। यहां पर कई झूले खराब हो गए हैं। इस वजह से दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है। निक्कू पार्क की जिम्मेदारी तीन साल से जिला प्रशासन पर है। लाखों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद भी हालात नहीं सुधर रहे हैं।
निक्कू पार्क में कई झूले इसी वजह से बंद करने पड़े हैं। करीब तीन साल पहले जिला प्रशासन ने निक्कू पार्क की कई साल से संभाल कर रही सोसाइटी का लीज बढ़ाने से इंकार कर दिया था और खुद इसका चार्ज ले लिया। जिला प्रशासन के चार्ज लेने के बाद निक्कू पार्क की हालत बिगड़ती गई। इस बीच जब कोरोना संक्रमण फैला तो कई महीनों के लिए निक्कू पार्क को बंद कर दिया गया। निक्कू पार्क के स्टाफ को सैलरी भी नहीं दी गई।
कई महीनों बाद इसे दोबारा खोला गया तो झूले खराब हो गए थे। निक्कू पार्क में आए बलवीर कौर और राजेश ने कहा कि शहर के आम वर्ग के मनोरंजन के लिए निक्कू पार्क एक बेहतरीन साधन है। पिछले तीन साल में रखरखाव के अभाव में यहां पर हालात बिगड़ रहे हैं। इसलिए इसके प्रबंधन में कहीं भी कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। झूलों की हालत देखकर तरस भी आता है क्योंकि यहां पर कभी ऐसे हालात नहीं देखे।
खराब झूलों को तुरंत बदलने की जरूरत है क्योंकि इससे दुर्घटना हो सकती है। सनद रहे कि निक्कू पार्क की स्थापना 1984 में हुई और यह जल्द ही लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया। निक्कू पार्क चिल्ड्रेन वेलफेयर सोसायटी के नाम पर 20 सालों तक लीज रही जो 17 सितंबर 2019 को खत्म हो गई।
पार्क को लेकर दैनिक जागरण ने छेड़ी थी मुहिम
पार्क को बचाने के लिए दैनिक जागरण ने बड़ी मुहिम छेड़ी थी और जनता के सहयोग से मुद्दे को उठाया था। तब जिला प्रशासन ने निक्कू पार्क के रखरखाव के लिए ग्रांट जारी की थी। लाखों रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन अब यह फिजूल साबित हो रहे हैं क्योंकि यहां झूलों की संभाल नहीं हो पा रही है।
खराब झूले जल्द बदलेंगे
डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह का कहना है कि पूरा मामला ध्यान में है और खराब झूलों को बदलने के निर्देश दिए गए हैं। जो झूले खराब हालत में उन्हें चलाया भी नहीं जा रहा। कोई कमी नहीं रहने देंगे।
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