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    Farmers Protest: किसानों के समर्थन में अमृतसर में सिख संगठनों का प्रदर्शन, कृषि सुधार कानून वापस लेने की मांग

    अमृतसर में सिख यूथ ऑफ पंजाब सिख यूथ पावर ऑफ पंजाब दमदमी टकसाल और सिख यूथ फेडरेशन भिंडरावाला के वर्करों ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि सुधार कानून रद करने की मांग की।

    By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Mon, 22 Feb 2021 01:48 PM (IST)
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    सोमवार को किसानों के समर्थन में अमृतसर में प्रदर्शन करते हुए सिख संगठनों के सदस्य।

    अमृतसर, जेएनएन। यहां सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से पारित कृषि सुधार कानून रद करवाने के लिए अलग-अलग सिख संगठनों ने रोष प्रदर्शन किया है। भंडारी पुल पर किए गए विरोध प्रदर्शन में पहले सिख संगठनों के सदस्यों ने अरदास की। इसके बाद उन्होंने हाथ में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानून रद करने की मांग की। सिख संगठनों ने केंद्र सरकार की ओर से सिखों के जत्था को ननकाना साहिब (पाकिस्तान) जाने के लिए वीसा देने से इन्कार करने का भी विरोध किया। उन्होंने केंद्र पर धार्मिक मसलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।

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    प्रदर्शनकारियों में सिख यूथ ऑफ पंजाब, सिख यूथ पावर ऑफ पंजाब, दमदमी टकसाल, और सिख यूथ फेडरेशन भिंडरावाला के वर्करों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व परमजीत सिंह खालसा, परमजीत सिंह अकाली और रंजीत सिंह दमदमी टकसाल ने किया। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान जहां दिल्ली बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं हम उनका अमृतसर में रहकर पूरा साथ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक तीनों कृषि सुधार कानून रद नहीं हो जाते।

    यह भी पढ़ें - कृषि कानूनों पर रोक की मियाद बढ़ाने के अमरिंदर के बयान से पंजाब में तेज हुई सियासी हलचल

    कैप्टन कर चुके हैं किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील

    बता दें कि पंजाब के किसान पिछले कई महीने से दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर कृषि सुधार कानून वापस लिए जाने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें वार्ता का न्योता दिया हुआ है पर किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं। इसे लेकर गत 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली की थी। इस दौरान हुई हिंसा के बाद पूरा आंदोलन विवादों में घिर गया है। इससे पहले रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी किसानों से आंदोलन छोड़ वार्ता का रास्ता अख्तियार करने की अपील कर चुके हैं।