रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ और पेंशन में देरी पर देना होगा 18 प्रतिशत ब्याज; राज्य सरकार की अपील खारिज
रिटायरमेंट के बाद सरकार ने अगर छह महीने के अंदर पेंशन लीव इनकैशमेंट और ग्रेजुएटी नहीं दी तो 18 प्रतिशत ब्याज देना होगा। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट के आधार पर राज्य सरकार को 18 प्रतिशत ब्याज लाभार्थी को देने का फैसला किया तो फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा सेशन कोर्ट जालंधर में दायर अपील खारिज कर दी है।
जालंधर, जागरण संवाददाता: रिटायर होने के बाद सरकार ने अगर छह महीने के अंदर पेंशन, लीव इनकैशमेंट और ग्रेजुएटी नहीं दी तो 18 प्रतिशत ब्याज देना होगा। इससे पहले पंजाब सरकार भुगतान में छह महीने की देरी पर 10 प्रतिशत ब्याज देती है।
जालंधर की नीचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट के आधार पर राज्य सरकार को 18 प्रतिशत ब्याज लाभार्थी को देने का फैसला किया तो फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार ने सेशन कोर्ट जालंधर में अपील दायर की। अतिरिक्त सेशन जज ने सरकार की अपील खारिज करते हुए पुराने फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट के इस फैसले से उन सैंकड़ों रिटायर मुलाजिमों को लाभ मिल सकता है जिनको भुगतान देरी से हुआ।
पंजाब में हर साल सैंकड़ों मुलाजिम रिटायर होते है और उनको रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ देरी से दिए जाते है। जानकारी की कमी के कारण मुलाजिम अपने अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ते लेकिन जालंधर के नौगजा के एनिमल हसबेंडरी सिविल अस्पताल के वेटनेरी आफिसर डा. अरूणेश भट्टी की मौत के बाद उनकी पत्नी नवनीत को सभी लाभ देरी से मिले तो उन्होंने ब्याज के लिए कोर्ट में अपील की।
अपील में उन्होंने कहा उनके पति की 29 दिसंबर 2016 को इलाज के दौरान मौत हुई और उनको विभाग से मिलने वाले लाभ जुलाई 2017 को मिले। एडवोकेट दर्शन सिंह ने कहा ब्याज को लेकर वे याचिकाकर्ता के लिए कोर्ट में गए।
हालांकि राज्य सरकार देरी से हुए भुगतान पर 10 प्रतिशत ब्याज देती है लेकिन उनकी मांग 18 प्रतिशत ब्याज की थी। कोर्ट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट पेश की। एक विजय एल मल्हौत्रा बनाम स्टेट आफ उत्तर प्रदेश, दूसरी केवल वासुदेवा बनाम स्टेट आफ पंजाब, तीसरी दियोकिनानदन प्रसाद बनाम स्टेट आफ बिहार इन मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को देरी से किए गए भुगतानों पर 18 प्रतिशत ब्याज देने के आदेश दिए है।
पंजाब सरकार को 18 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला
कोर्ट ने दलीले सुन 11 जुलाई 2022 को पंजाब सरकार को 18 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला सुनाया। इस फैसले को राज्य सरकार ने सेशन कोर्ट जालंधर में चुनौती दी। अतिरिक्त सेशन जज धरमिंदर पाल सिंगला ने पंजाब सरकार के तर्क से सहमत न होने हुए उनकी अपील खारिज कर दी।
समय पर लाभ दे तो आर्थिक नुकसान से बच सकती है सरकार
कोर्ट के इस फैसले से कई उन रिटायर मुलाजिमों को लाभ मिल सकता है जिनको भुगतान देरी से किया गया। एडवोकेट दर्शन सिंह ने कहा रिटायर होने वाले मुलाजिम को समय पर लाभ दे तो सरकार आर्थिक नुकसान से बच सकती है।
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