जालंधर के सिटी रेलवे स्टेशन पर कोच इंडिकेटर पड़े बंद, यात्रियों की बढ़ी परेशानी, सामान के साथ भटकने को मजबूर
सिटी रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर मेल व एक्सप्रेस सहित 90 ट्रेनों का आवागमन होता है। रोजाना रेलवे स्टेशन पर 25 से 30 हजार यात्रियों का आना जाना है। डिसप्ले ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जालंधर। सिटी रेलवे स्टेशन के प्रत्येक प्लेटफार्म पर यात्रियों की सुविधा के लिए कोच इंडिकेटर डिसप्ले लगाए गए थे, ताकि उन्हें ट्रेन का कोच तलाशने में दिक्कत न हो। जैसे ही ट्रेन की स्टेशन पर अनाउंसमेंट होती थी, तभी कोच इंडिकेटर पर संबंधित गाड़ी का नंबर व उसके कोच के सही स्थान पर आने की जानकारी डिसप्ले होने लग जाती थी। मगर मौजूदा समय में यह कोच इंडिकेटर बंद पड़े हुए हैं। इस वजह से महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों समेत सामान व बच्चों के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों की परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सिटी रेलवे स्टेशन पर 90 ट्रेनों का होता है आवागमन
बता दें कि, सिटी रेलवे स्टेशन पर लगभग पैसेंजर, मेल व एक्सप्रेस सहित 90 ट्रेनों का आवागमन होता है। रोजाना रेलवे स्टेशन पर 25 से 30 हजार यात्रियों का आना जाना है। डिसप्ले बोर्ड न चलने संबंधी गंभीर समस्या की जानकारी रेल अधिकारियों को भी है, मगर इस संबंधी कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा है। हालात ये बन गए हैं कि यात्रियों को कोच ढूंढने के लिए या तो इधर-उधर भटकना पड़ता है।
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कोच तलाशने के लिए करनी पड़ती है मेहनत
व्यापारी नरेश कुमार का कहना है कि वे अक्सर शताब्दी एक्सप्रेस के जरिए दिल्ली आते-जाते रहते हैं। रेलवे की तरफ से यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर लगाए गए कोच इंडिकेटर डिसप्ले बेहद कारगर साबित हुए हैं। मगर अब लंबे समय से स्टेशनों पर कोच इंडिकेटर डिसप्ले बोर्ड नहीं चल रहे हैं। जिस वजह से कोच तलाशने के लिए इधर से उधर भागना पड़ता है।
सुविधा शुरू की तो सुचारू रूप से चलाएं
उन्होंने कहा कि शताब्दी जैसी ट्रेनों का स्टापेज तो महज दो से तीन मिनट का ही है। ऐसे में कोच की सही जानकारी न होने से यात्रियों की समस्या कई गुणा बढ़ जाती है, क्योंकि ट्रेन में भीड़ होगी तो सामान उठाकर एक से दूसरे कोच में जाने में ही समय निकल जाएगा। रेलवे अधिकारियों को इस संबंध में सोचना चाहिए कि सुविधा शुरू की तो उसे सुचारू रूप से चलाएं।
यात्री चंदन शर्मा कहते हैं कि कोच इंडिकेटर डिसप्ले बोर्ड चलेंगे तो उनका फायदा ही है। शताब्दी एक्सप्रेस के सभी कोच इंटर-कनेक्ट होते हैं, जिस वजह से यात्री सामान लेकर किसी भी कोच में दाखिल हो सकते हैं। मगर कोच के अंदर भी भीड़ होने की वजह से यात्रियों को खजल खराब होना पड़ता है।

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