फाइलों में 25 ब्लैक स्पॉट, सड़क पर निकले तो कदम-कदम पर खतरा; पिछले साल हादसों का डरावना आंकड़ा
जालंधर जिले की सड़कों पर ब्लैक स्पॉट लोगों की जान का खतरा बने हुए हैं। सरकारी आंकड़ों की मानें तो पूरे जालंधर में 25 ब्लैक स्पॉट हैं लेकिन दैनिक जागरण की टीम ने जायजा लिया तो सामने आया कि सड़कों पर कई ऐसे अवैध कट हैं जो किसी ब्लैक स्पॉट से कम नहीं हैं। कई भारी वाहन डिवाइडर तोड़ कर सड़क पार करते रहते हैं।
संजय वर्मा, जालंधर। जिले की सड़कों से ब्लैक स्पॉट कम नहीं हो रहे, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में 25 ब्लैक स्पॉट है लेकिन सड़कों पर चले तो कदम-कदम पर खतरा है। सड़कों पर अवैध कट सरकारी आंकड़ों में शामिल नहीं है।
ब्लैक स्पॉट घोषित करने के लिए बनाए गए नियम हर जगह लागू तो नहीं होते लेकिन हादसे भी कम नहीं हो रहे। यातायात नियमों की अनदेखी और सड़क सुरक्षा के प्रबंधों की कमी कारण पिछले साल सड़क हादसों में तीस से अधिक लोगों की जान गई।
सड़क सुरक्षा की मीटिंग में जिले के ब्लैक स्पॉट दूर करने पर विचार तो किया लेकिन योजना को धरातल पर कैसे लागू करें अभी तय नहीं है। डिप्टी कमिश्नर जालंधर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा ब्लैक स्पॉट दूर करने के लिए विभागों को निर्देश दिए है।
दैनिक जागरण की टीम ने लिया जायजा
शुक्रवार को जिला प्रशासन की बैठक में सड़क सुरक्षा पर विचार किया गया। बैठक में ब्लैक स्पॉट खत्म करने के निर्देश दिए गए। बैठक के एक दिन बाद दैनिक जागरण की टीम ने जिले की सड़कों के ब्लैक स्पॉट का जायजा लिया तो नजर आया कि सरकारी तौर पर घोषित ब्लैक स्पॉट के अलावा सड़कों पर ऐसे कई अवैध कट बने है जो ब्लैक स्पॉट से कम नहीं।
ये अवैध कट जानलेवा साबित तो सकते है। सड़कों के जायजे में पचास से अधिक ऐसे स्पॉट मिले जहां लापरवाही के चलते राहगीरों की जान जा सकती है। पिछले दो सालों में ब्लैक स्पॉट में सुधार तो नहीं हुआ लेकिन अवैध कट की संख्या जरूर बढ़ी है। जालंधर-कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट हाइवे पर कई स्पॉट जोखिम भरे है।
डिवाडर तोड़ निकल रहे भारी वाहन
सड़कों के जायजे में देखने को मिला जालंधर फठानकोट, होशियारपुर, कपूरथला हाइवे पर अवैध कटों की भरमार है। जालंधर कपूरथला हाइवे पर तो विभाग ने की गैर जरूरी कटों को भर दिया है लेकिन बेरिडेट्स लगा कर बंद किए रास्तों से राहगीर जुगाड़ लगा सड़कें लांघ रहे है।
सड़कों पर तेज रफ्तार से दौड़ते वाहन इन अवैध रास्तों से निकलने वालों के लिए काल बन सकते है। खतरों का आभास होते हुए भी लोग लापरवाह है और शॉर्ट कट का इस्तेमाल कर रहे है।
हाईवे लांघ रहे पैदल राहगीर
जालंधर अमृतसर हाईवे पर समय और रास्ता बचाने के चक्कर में पैदल राहगीर डिवाइडर फांद कर सड़कें लांघ रहे है। इस हाइवे पर वाहनों की रफ्तार तेज होती है और अचानक किसी के आगे आने से वाहन संतुलन खो सकता है।
कई जगह पर डिवाइडर पर लगी रेलिंग तोड़ कर रास्ता बनाया गया है। ऐसे अवैध रास्ते धुंध के समय में और भी घातक साबित हो सकते है। लेकिन राहगीर रास्ता बचाने के लिुए जोखिम उठा रहे है।
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क्या है ब्लैक स्पॉट
किसी सड़क पर पिछले तीन सालों में पांच या इससे अधिक सड़क हादसे होने, इन हादसों में राहगीरों की मौतें या गंभीर रूप से घायल होने पर उस सड़क के प्वाइंट को ब्लैक स्पॉट घोषित किया जाता है।
ब्लैक स्पॉट सड़क का वो हिस्सा होता है जहां बार-बार हादसे होते हैं। सड़कों पर 500 मीटर लंबे ऐसे रास्ते को ब्लैक स्पॉट घोषित किया जाता है जहां बार-बार हादसे और जान हानि होती है।
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