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क्‍या सीएम चन्नी का अंदाज देख खुद को 'अनसेफ' महसूस करने लगे थे सिद्धू, जानें क्‍यों खफा हुए 'गुरु'

Navjot Singh Sidhu resigns as Punjab Congress chief पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्‍तीफे के कारण को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। बड़ा सवाल है कि क्‍या सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी के खास अंदाज से सिद्धू खुद केा सियासी से असुरक्षित महसूस करने लगे थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 06:02 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 08:55 PM (IST)
क्‍या सीएम चन्नी का अंदाज देख खुद को 'अनसेफ' महसूस करने लगे थे सिद्धू, जानें क्‍यों खफा हुए 'गुरु'
अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ एक टी स्‍टाल पर चाय पीते सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी। (जागरण)

जालंधर, [ मनोज त्रिपाठी]। Navjot singh Sidhu Resigns: नवजाेत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफे के बाद इसके कारणों को लेकर अटकलबाजियों का दौर जारी है। 'गुरु' सिद्धू ने बुधवार को वीडियो जारी कर इस बारे में अपना पक्ष रखा है। लेकिन, इन सबके बीच सबसे बड़ी बात यह सामने आ रहा है कि सिद्धू काे सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी का आम लोगों से जुड़ने का अनोखा अंदाज व बढ़ता कद कहीं न कहीं अखर रहा था। जानकारों का कहना है कि सिद्धू इससे खुद काे सियासी रूप से 'अनसेफ' महसूस करने लगे थे।

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मुख्यमंत्री बनने के पहले दिन से ही चरणजीत सिंह चन्नी पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अलग हटकर अनोखे अंदाज में सूबे की जनता को संदेश देने में जुटे हैं कि अब राजा का नहीं सेवक का राज है। उनका यह अंदाज लोगों को भले ही खूब पसंद आ रहा हो, लेकिन कैप्टन का तख्तापलट करने में अहम भूमिका निभाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू शायद इसे पचा नहीं पा रहे। विपक्ष तो सीधे तौर पर कह रहा है कि सिद्धू एससी समुदाय के व्यक्ति से सीएम बनने से खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्हें भय है कि 2022 में सिद्धू नहीं, बल्कि चन्नी की चेहरा होंगे।

शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल और आप के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि सिद्धू चन्नी को अपने हिसाब से चलाना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा। इसलिए, उन्होंने इस्तीफे का ड्रामा रचा है। अमृतसर दौरे में मुख्यमंत्री के कंधे पर हाथ रखने और उन्हें हाथ पकड़ कर दरबार साहिब ले जाने की इंटरनेट मीडिया पर काफी आलोचना हुई थी। इसके बाद से संभवत: चन्नी को भी एहसास हुआ कि उन्हें मुख्यमंत्री पद की गरिमा को बरकरार रखने के लिए अपने दम पर कड़े फैसले लेने होंगे, ताकि उन्हें रबड़ स्टैम्प न समझा जाए।

कपूरथला में इंज‍ीनियरिंग कालेज के समारोह में विद्यार्थियों के साथ भंगड़ा करते सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी।

इसके बाद चन्नी ने कुछ ऐसे फैसले लिए जिससे सिद्धू को भी लगने लगा कि चन्नी उनके 'कंट्रोल' से बाहर जा रहे हैं। इन फैसलों में डीजीपी व एडवोकेट जनरल की नियुक्ति प्रमुख रही। इन दोनों पदों पर चन्नी ने उन लोगों को नियुक्त किया, जिन्हें सिद्धू नहीं चाहते थे। इसके बाद मंत्रिमंडल के गठन में भी सिद्धू की ज्यादा नहीं चली। उनके पसंद के खिलाफ राणा गुरजीत को कैबिनेट में जगह दे दी गई। मंत्रिमंडल गठन के दौरान दिल्ली में हुई बैठकों में सिर्फ चन्नी को ही बुलाया जाना सिद्धू को अखर गया।

बताया जाता है कि मंत्रियों के विभाग के आवंटन में भी सिद्धू अपनी बात नहीं मनवा सके। इसके बाद सिद्धू का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने मंत्रियों के विभाग संभालने के दिन पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पंजाब की राजनीति में धमाका कर दिया। ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो संदेश में उनका यह कहना, 'मैं अड़ूंगा और लड़ूंगा, सब जाता है तो जाए' कहीं न कहीं इस बात का संकेत है कि वे शांत नहीं बैठेंगे।

लोगों में चर्चा का विषय बना चन्नी का जुदा अंदाज

मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अपने दौरों के जरिए चन्नी कुछ ऐसा करना चाह रहे हैं, जिससे उनके साथ पार्टी की छवि भी सुधरे और लोगों तक यह संदेश पहुंचे कि अब पंजाब में किसी राजा का नहीं, बल्कि सेवक का राज है। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अमृतसर पहुंचे चन्नी ने श्री दरबार साहिब में माथा टेकने के बाद एक टी स्टाल पर बैठकर चाय की चुस्कियां ली। इस दौरान सिद्धू भी उनके साथ थे।

बठिंडा में एक किसान के घर खाना खाते सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी।

इस दौरान उन्होंने एक शेर कहा, हमसे मिलना कभी, यह पंजाब दिखाएंगे तुम्हे. नींद से जागो, नए ख्वाब दिखाएंगे तुम्हें..। उनका मकसद यह संदेश देना था, उनका अंदाज अभी तक के मुख्यमंत्रियों से अलग रहने वाला है। जालंधर के एक धाíमक स्थल में जाने से पहले चन्नी डीएवी यूनिवर्सिटी में हेलिकाप्टर से उतरे और सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए युवाओं के साथ न केवल मुलाकात की, बल्कि खुलकर हाथ भी मिलाया।

बठिंडा के एक गांव में कपास की फसल को बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे तो अपने काफिले को रुकवा कर एक बरात में शामिल होकर वधू को आशीर्वाद और शगुन दिया। एक महिला ने सिर पर मिठाई की भरी परात रखी थी। चन्नी ने वह उतरवाई और उसमें से खुद मिठाई निकालकर खाने लगे।

 बठिंडा के एक गांव में बरात में पहुंचकर वर-वधू से मिलते सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी।

रविवार को जब वह बठिंडा के एक मृतक किसान सुखपाल सिंह के घर पहुंचे तो उसके परिवार के साथ ही खाना खाया। सुखपाल के भाई नत्था सिंह के कंधे पर हाथ रख कर उससे बात की और नौकरी का नियुक्ति पत्र भी सौंपा। इस तरह के अंदाज से पंजाब में उनकी लोगों के बीच खास इमेज बन रही है।

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