पंजाब में दशहरा उत्सव पर समय से पहले भगवान के चरणों में धराशायी हुआ अहंकार, पढ़ें क्या हुआ
पंजाब के कई जिलों में वीरवार सुबह तेज हवा और बारिश ने दशहरा उत्सव की तैयारियों को प्रभावित किया। जालंधर में रावण मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को काफी नुकसान पहुंचा कुछ पुतले टूट गए। कार्यक्रम स्थलों पर क्रेन बुलाई गई हैं ताकि रावण दहन समारोह समय पर हो सके।

जागरण संवाददाता, जालंधर। आज तक कहते सुना था कि अहंकार को हवा का झोंका या एक तिनका भी मिटा सकता है। इस तरह का संदेश दहशरा उत्सव के दिन पंजाब में मिला। वीरवार सुबह हवा के झोंके से रावण और मेघनाद के पुतले भगवान श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्ति के सामने गिर गए। मानो बुराई ने समय से पहले हार मान ली हो।
पंजाब में दशहरा उत्सव की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थी। शाम को भगवान श्रीराम और रावण का युद्ध होना था। इससे पहले ही कई जिलों में वीरवार सुबह तेज हवा के साथ वर्षा ने दशहरा उत्सव की तैयारियों पर पानी फेर दिया। जालंधर में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को काफी नुकसान पहुंचा। कोई पुतला गर्दन से टूट गया तो किसी की गर्दन झुक गई।
मॉडल हाउस में रावण और कुंभकरण के पुतले जमीन पर गिर गए। इतना ही नहीं, बस्ती शेख में मेघनाद के पुतले की गर्दन टूट गई। पुतलों को ठीक करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर क्रेन बुलाई गई हैं, ताकि पारंपरिक रावण दहन समारोह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संपन्न हो सके।
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