पंजाब में कोरोना से 43 मौतें, सात दिन में गई 314 की जान, रिपोर्ट में देरी से बढ़ रही लोगों की परेशानी
पंजाब में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक दिन में 2700 की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। जालंधर में सर्वाधिक 413 व लुधियाना में 340 केस सामने आए। पिछले 24 घंटों में राज्य में 43 लोगों की जान कोरोना से गई।
जेएनएन, जालंधर/चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना ने वीरवार को एक बार फिर बड़ी छलांग लगाई है। 24 घंटे में 43 लोगों की मौत हुई, जबकि 2700 नए मामले सामने आए हैैं। जालंधर में कोरोना की स्थिति काफी चिंताजनक हो चुकी है। वीरवार को यहां लगातार दूसरे दिन 11 लोगों की मौत हुई, जबकि सबसे ज्यादा 413 नए मामले भी सामने आए। पिछले एक सप्ताह की बात करें राज्य में 314 लोग कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैंं। एक दिन में सबसे ज्यादा 58 मौतें 22 मार्च को हुईं। इन्हीं सात दिनों के दौरान कोरोना के 17673 नए मामले सामने आए।
सेहत विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वीरवार को जालंधर में 11, नवांशहर में आठ, लुधियाना में सात, होशियारपुर में छह, अमृतसर, पटियाला, तरनतारन व मोहाली में दो-दो और संगरूर, फिरोजपुर व गुरदासपुर में एक-एक कोरोना मरीज की मौत हुई। पंजाब में कोरोना से मौत का आंकड़ा 6517 हो गया है।
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वहीं, 24 घंटे में सामने आए 2700 नए मामलों में से 2052 मामले केवल सात जिलों में सामने आए हैैं। इनमें से जालंधर में 413, लुधियाना में 340, मोहाली में 321, अमृतसर में 297, गुरदासपुर में 233, पटियाला में 231 और होशियारपुर में 217 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 21405 हो गई है। इनमें से 296 मरीज आक्सीजन और 25 मरीज वेंटीलेटर सपोर्ट पर हैैं। वहीं, 24 घंटे में 1735 लोगों ने कोरोना को मात भी दी।
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कोरोना रिपोर्ट में देरी से लोगों की परेशानी बढ़ी, समय पर नहीं आ रहे मैसेज
पंजाब में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यूके वैरिएंट ने स्वास्थ विभाग की चुनौती बढ़ा दी है। इस बीच कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट देरी से आने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों को मोबाइल पर मैसेज भी समय पर नहीं मिल रहे। इससे टेस्ट करवाने वाले लोगों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है। ज्यादातर जिलों में रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन का समय लग रहा है। जालंधर में तीन से चार दिन लग रहे हैं।
लुधियाना में टेस्ट करवाने वाले लोगों ने बताया कि रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लग रहे हैं। वहीं, कई लोगों का टेस्ट पाजिटिव आने के बावजूद रिपोर्ट का मैसेज नहीं आ रहा है। उन्हें जांच केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। रूपनगर से सैंपल मोहाली भेजे जा रहे हैं। यहां से भी रिपोर्ट आने में तीन दिन लग रहे हैं। बठिंडा में अब केवल आरटीपीसीआर कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं। यह सैंपल फरीदकोट मेडिकल कालेज भेजे जाते हैं। इसमें समय लग रहा है। सरकारी अस्पताल रैपिड टेस्ट केवल इमरजेंसी केसों में किए जा रहे है।
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बठिंडा में रोज एक हजार कोरोना टेस्ट का टारगेट है, लेकिन 700 से 800 के बीच ही टेस्ट हो पा रहे हैं। ज्यादातर जिलों में टेस्टिंग की रफ्तार धीमी है। फिरोजपुर में भी टारगेट पूरा नहीं हो रहा। गुरदासपुर में रोज तीन हजार का टारगेट है, जबकि 2000 से 2500 के बीच ही टेस्ट हो रहे हैं। रूपनगर में एक हजार का लक्ष्य है, लेकिन 700 से 800 सैंपल ही लिए जा रहे हैं। संगरूर में 1500 के करीब सैंपल लिए जा रहे हैं, जबकि दो हजार का लक्ष्य निर्धारित है। गुरदासपुर, पठानकोट, संगरूर, फाजिल्का, फरीदकोट व मोगा में भी रिपोर्ट दो-तीन से दिन में आ रही है।
अमृतसर में बढ़ा टेस्टिंग का बोझ
अमृतसर स्थित सरकारी मेडिकल कालेज में इन दिनों सैंपलों का बोझ बढ़ गया है। यहां छह जिलों से सैंपल भेजे जाते हैं। यहां रोज करीब 12 हजार सैंपल आ रहे हैं। इनमें अमृतसर के सैंपल 3000 से अधिक हैं। यहां भी दो दिन बाद ही रिपोर्ट मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग बढ़ा दी है। यहां स्टाफ व आरटीपीसीआर मशीनें कम हैं। लोग बार-बार लैब के चक्कर काट रहे हैं।
यहां 24 घंटे में रिपोर्ट
फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, होशियारपुर, नवांशहर और बरनाला में 24 घंटे में रिपोर्ट मिल रही है। हालांकि यहां भी लोगों ने मोबाइल पर मैसेज न आने की शिकायत की है।
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