Move to Jagran APP

आखिर क्यों 10 रुपये का सिक्का लेने से कतरा रहे लोग.. दुकानदारों व ग्राहकों में हो रही बहसबाजी; जानें वजह

आम दुकानों से लेकर सब्जी मंडी आटो बस पेट्रोल पंप पर दस का सिक्का लेने और नहीं लेने को लेकर विवाद होता देखा जा सकता है। लोगों असमंजस में दिखते हैं कि सिक्का असली है या नकली। वहीं बैंक स्पष्ट कर चुके हैं कि सभी सिक्के असली हैं।

By Vikas KumarEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 08:49 AM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 05:31 PM (IST)
10 रुपये के सिक्के को लेकर यहां आम लोगों और दुकानदारों में काफी असमंजस है।

दीनानगर, [शंकर श्रेष्ठ]। दस के सिक्के को लेकर यहां आम लोगों और दुकानदारों में काफी असमंजस है। आम दुकानों से लेकर सब्जी मंडी, आटो, बस, पेट्रोल पंप पर दस का सिक्का लेने और नहीं लेने को लेकर विवाद होता देखा जा सकता है। लोग इसके अलग-अलग कारण मानते हैं। दुकानदार कहते हैं कि पूरे दिन सामान बेचने का काम है। करियाना या अन्य छोटी दुकानों पर दस रुपये का सिक्का या नोट होना जरूरी है। इन्हीं की बदौलत उनकी दुकानदारी चलती है। लेकिन ग्राहक ही दस के सिक्कों को वापस लेने से इंकार कर देते हैं। इसलिए कई जगहों पर दुकानदार इससे परहेज करते हैं।

loksabha election banner

कुछ उच्च-मध्यम वर्गीय लोग इसका कारण बताते हुए कहते हैं कि जिस तबके को दस का सिक्का प्रभावित करता है वे निम्न या मध्य तबके के लोग हैं, जो दस तो क्या एक रुपये को भी सोच समझ कर खर्च करते हैं। ये लोग इस बात से डरे रहते हैं कि कहीं 10 का सिक्का नकली तो नहीं है। इसलिए वे लेने से ही इंकार कर देते हैं। यही इंकार कहासुनी में बदल जाता है। अब सवाल यह है कि गलती किसकी है। कोई कहता है कि दस के सिक्के को बंद कर देना चाहिए तो कोई बैंकों द्वारा लोगों को जागरूक किए जाने की बात करता है।

यह भी पढ़ें - पंजाब में शर्मनाक घटनाः Facebook फ्रेंड ने हिमाचल के होटल में लड़की के साथ किया गंदा काम, फिर कर दिया जीना हराम

बैंकों में ही जमा करवाने पड़ते हैं सिक्के : अजय

दुकानदार अजय कुमार ने कहा कि हम दस का सिक्का लेते हैं, लेकिन हमें आखिरकार बैंकों में ही जाकर जमा करवाने पड़ते हैं। हम सिक्का न लें तो ग्राहक भी लड़ने लगता है और जब उन्हें देने की बारी आती है तो भी झगड़ा होता है। 

यह भी पढ़ेंः 26 मार्च को दूध व सब्जियों की सप्लाई रहेगी ठप, एक दिन पहले ही कर लें खरीदारी; जानें वजह

ग्राहकों के सिक्के नहीं लेने से आती है परेशानी : भूपिंदर

दुकानदार भूपिंदर ने कहा कि हमें सिक्के को लेकर कोई समस्या नहीं है। इसलिए हम ग्राहकों से सिक्का ले लेते हैं। लेकिन ग्राहक इन सिक्कों को वापस लेने से इंकार कर देते हैं तब हमें दिक्कत होती है। प्रशासन को किसी द्वारा सिक्का न लेने पर केस दर्ज की बात तो सही है, लेकिन इससे पहले जरूरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए।

सीमावर्ती क्षेत्र होने से दिक्कत अधिक

मेडिकल संचालक अमरजीत सिंह व शिव दयाल ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र होने से यहां दिक्कत अधिक है। बाहर कहीं नहीं है। सिक्का भी क्षेत्र में मनमुटाव पैदा कर रहा है। चाय की दुकान, सब्जी मंडी, रेहड़ी वाले, बस चालक, आटो वाले और छोटे दुकानदारों के साथ ही निम्न तबके के लोगों के लिए यह मुसीबत बन गया है। सरकार को 500 और 1000 के नोट की तरह यह दस का सिक्का भी बंद कर देना चाहिए।      

दस का सिक्का न लेने पर हो सकता है केस दर्ज

अगर आरबीआइ के निर्देश व करंसी एक्ट की बात करें तो दस का सिक्का नहीं लेने वालों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। आदेश के अनुसार सभी सिक्के भारतीय करंसी है और स्वीकार्य हैं। सरकार द्वारा बनाई गई इस करंसी को लेने से मना करना कानूनी जुर्म है। यदि कोई इसे लेने से इंकार करता है तो उस पर करंसी एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज होगी।  

यह भी पढ़ेंः Honor killing : पटियाला में प्रेमी जोड़े ने छिपाया था शादी का राज, परिवार को पता चला तो कर दी युवती की हत्या

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.