होशियारपुर में किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आई 'जेहदा खेत, ओहदी रेत' योजना, बिना परमिट रेत हटा सकेंगे लोग
होशियारपुर में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए पंजाब सरकार ने जेहदा खेत ओहदी रेत योजना शुरू की है। इसके तहत किसान 31 दिसंबर 2025 तक बिना परमिट खेतों से रेत और सिल्ट हटा सकते हैं। इस प्रक्रिया को खनन नहीं माना जाएगा जिससे किसानों को अगली फसल की तैयारी में मदद मिलेगी। जल संसाधन विभाग को योजना के प्रचार का निर्देश दिया गया है।

जागरण संवाददता, होशियारपुर। डीसी आशिका जैन ने बताया कि हाल ही में आई बाढ़ के कारण जिले के अनेक किसानों की कृषि भूमि पर सिल्ट, रेत व अन्य नदी जनित सामग्री जम गई है। जिससे उनकी अगली फसल की बुआई प्रभावित हो सकती है।
इस पर पंजाब सरकार ने किसानों के हित में जेहदा खेत, ओहदी रेत नामक विशेष, समयबद्ध योजना की घोषणा की है। जिसके तहत किसानों को अपने खेतों से रेत, सिल्ट या नदी से आई अन्य सामग्री हटाने की अनुमति दी गई है।
यह सुविधा एक बार के लिए 31 दिसंबर 2025 तक उपलब्ध रहेगी और इसके लिए किसानों को किसी प्रकार का परमिट या विभागीय अनुमति (एनओसी) लेने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि पंजाब माइनर मिनरल रूल्स, 2013 के नियम 90 के तहत यह प्रावधान लागू किया है।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी किसानों और जमींदारों को इस योजना की जानकारी व्यापक स्तर पर पहुंचाई जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि खेतों से रेत या सिल्ट हटाने की यह गतिविधि खनन की श्रेणी में नहीं मानी जाएगी।
यह कदम किसानों को अगली बुआई के लिए भूमि तैयार करने में मदद करेगा और उनकी आर्थिक स्थिति को संभालने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में पारदर्शिता, तत्परता और जिम्मेदारी से कार्य करने के निर्देश दिए।
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