Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुरदासपुर में डेंगू से महिला की मौत, 42 केस आए सामने

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 03:38 PM (IST)

    गुरदासपुर में डेंगू से पहली मौत का मामला सामने आया है जिससे स्वास्थ्य विभाग में चिंता बढ़ गई है। एक महिला की डेंगू से संदिग्ध मौत हुई है हालांकि अभी पुष्टि होनी बाकी है। जिले में अब तक 42 डेंगू के मामले पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें मच्छरों के प्रजनन को रोकने और लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।

    Hero Image
    गुरदासपुर में डेंगू का कहर, पहली मौत से मचा हड़कंप।

    जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। जिले में धीरे-धीरे डेंगू अपने पांव पसारता जा रहा है। सोमवार को शहर में डेंगू के कारण पहली मौत का मामला सामने आया है। डेंगू के कारण पिंकी गुप्ता निवासी इंप्रूवमेंट ट्रस्ट स्कीम नंबर-7 की मौत हो गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्वजन के अनुसार पिंकी को तीन दिन पहले बुखार हुआ था। इसके बाद उनके सैल लगातार कम होते गए और उनकी मौत हो गई। हालांकि जिला एप्डीमालोजिस्ट डॉ. गुरप्रीत कौर का कहना है कि मामला उनके ध्यान में आ गया है।

    हालांकि, अभी यह बात कंफर्म नहीं है कि महिला की मौत डेंगू के कारण हुई है। मंगलवार को सेहत विभाग की टीम को इलाके में भेजा जाएगा। वहीं अब तक जिले में डेंगू के 42 पाजिटिव केस सामने आ चुके हैं। फिलहाल महिला की मौत ने सेहत विभाग की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि सेहत विभाग डेंगू को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है।

    जिला एपिडमियोलाजिस्ट डॉ. गुरप्रीत कौर ने बताया कि बरसात का मौसम डेंगू के मच्छरों के लिए अनुकूल होता है, क्योंकि इस दौरान पानी जमा होने से मच्छरों की ब्रीडिंग बढ़ जाती है। विभाग की टीमें लगातार घर-घर जाकर जांच कर रही हैं। जहां भी लारवा मिलता है, उसे तुरंत नष्ट किया जा रहा है। साथ ही, मच्छरों को मारने के लिए दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है।

    डॉ. कौर ने लोगों से अपील की कि वे अपने आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि डेंगू का मच्छर साफ और रुके हुए पानी में पनपता है। सेहत विभाग की विशेष टीमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में ब्रीडिंग की जांच कर रही हैं। इन टीमों का मुख्य लक्ष्य मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करना और लोगों को जागरूक करना है। शहरी क्षेत्रों में पानी की टंकियों, कूलरों, और अन्य स्थानों पर जमा पानी लारवा पनपने का प्रमुख कारण बन रहा है।

    ग्रामीण क्षेत्रों में भी, हालांकि स्थिति कम गंभीर है, लेकिन कुछ स्थानों पर पुराने टायरों और अन्य कंटेनरों में जमा पानी में लारवा पाया गया है। डॉ. कौर ने बताया कि डेंगू एडीस मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए, सेहत विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।

    विभाग ने जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, जिसमें लोगों को साफ-सफाई रखने, कूलरों का पानी नियमित रूप से बदलने, और मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। सरकारी अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। डॉ. कौर ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है।

    उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों को साफ रखें। छोटी-छोटी सावधानियां डेंगू को रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। सेहत विभाग ने यह भी अपील की है कि अगर किसी को बुखार या डेंगू जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। विभाग का कहना है कि समय पर इलाज से डेंगू को गंभीर होने से रोका जा सकता है। जिले में डेंगू के खिलाफ जंग तेज हो चुकी है, और सेहत विभाग की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।