गुरदासपुर में सड़क हादसों के हैरान कर देने वाले आंकड़ें, पिछले 4 साल में 584 लोगों की हुई मौत
पिछले चार सालों में गुरदासपुर जिले में सड़क हादसों में 584 लोगों की मौत हो गई है। लापरवाह ड्राइविंग और ट्रैफिक नियमों का पालन न करना इन हादसों के प्रमुख कारण हैं। लगातार होते हादसों के बाद भी इन्हें रोकने के उपायों पर चर्चा नहीं की जा रही है। जिसके वजह से आए दिन कहीं ना कहीं सड़क हादसे हो रहे हैं।
गगनदीप सिंह बावा, गुरदासपुर। जिले में सड़क दुर्घटनाओं में पिछले सालों में लगातार वृद्धि हो रही है। वाहन दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो हर साल सड़क हादसों में मरने वाले लोगों का ग्राफ बढ़ा है।
सड़क हादसों में पिछले चार साल में 584 लोगों की मौत
जिले में पिछले चार साल में ही 584 लोगों को सड़क हादसों में जान से हाथ धोना पड़ा है। सड़क हादसों की बढ़ती संख्या की तह में जाने पर साफ तौर पर पता चलता है कि ये हादसे लापरवाही से वाहन चलाने से बढ़ रहे हैं।
लगातार होते हादसों के बाद भी इन्हें रोकने के उपायों पर पहल नहीं की जा रही है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि आए दिन कहीं ना कहीं सड़क हादसे हो रहे हैं। सड़क हादसों में न-केवल लोगों की जान जा रही है, बल्कि कई लोग अपाहिजों का जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं।
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- ग्रामीण इलाकों में 59 फीसदी हादसे।
- शहरी इलाकों में 41 फीसदी हादसे।
- ज्यादा हादसे अक्टूबर और नवंबर माह में।
- 20.7 फीसदी हादसे शाम छह से रात नौ बजे के बीच।
- सबसे कम 6.8 फीसदी हादसे रात 12 बजे से तीन बजे के बीच।
- 83 फीसदी पुरुष होते हैं हादसों का शिकार।
- 17 फीसदी महिलाएं होती हैं हादसों का शिकार।
साल 2021 से लेकर 2023 तक हादसों में हुई मौतें
महीने | साल 2021 | साल 2022 | साल 2023 |
जनवरी | 09 | 11 | 08 |
फरवरी | 14 | 15 | 09 |
मार्च | 11 | 10 | 11 |
अप्रैल | 16 | 17 | 12 |
मई | 12 | 10 | 07 |
जून | 09 | 13 | 10 |
जुलाई | 11 | 14 | 08 |
अगस्त | 08 | 09 | 07 |
सितंबर | 20 | 19 | 12 |
अक्टूबर | 28 | 29 | 13 |
नवंबर | 25 | 27 | 11 |
दिसंबर | 09 | 12 | 14 |
कुल | 172 | 186 | 122 |
साल 2024 में हादसों में हुई मौतें
महीना | मौतें |
जनवरी | 06 |
फरवरी | 09 |
मार्च | 05 |
अप्रैल | 08 |
मई | 11 |
जून | 07 |
जुलाई | 08 |
अगस्त | 10 |
सितंबर | 12 |
अक्टूबर | 13 |
नवंबर | 07 |
दिसंबर | 08 |
कुल | 104 |
नियमों का पालन करें, हादसों से बचें
- प्रत्येक वाहन चालक को अपने वाहन को वाहन पार्किंग के लिए निर्धारित स्थान पर ही पार्क करना चाहिए। इससे ना सिर्फ आपका वाहन सुरक्षित रहेगा अपितु अन्य वाहन चालकों को असुविधा नहीं होगी।
- हमेशा अपने निर्धारित लेन में ही वाहन चलाना चाहिए। शॉर्टकट या जल्दबाजी के चक्कर में लेन बदलने से दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है।
- सड़क पर अक्सर दूसरे वाहन को जल्दबाजी के चक्कर में ओवरटेक करने का प्रयास होता है। ऐसा करने से दुर्घटना होने की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है। अधिकतर दुपहिया वाहनों की दुर्घटना का कारण अनावश्यक ओवरटेक करना ही है, ऐसे में ओवरटेक से दूरी बनाए रखना ही बेहतर विकल्प है।
- रोड निर्माण, मरम्मत या अन्य प्रकार से निर्माण कार्य चलते हैं, तो ऐसी जगहों पर सम्बंधित विभाग द्वारा नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया जाता है। कई लोग इन चेतावनियों के बावजूद भी इन जगहों पर वाहन ले जाते है जोकि खतरनाक हो सकता है। ऐसे में नो एंट्री के बोर्ड का खास ख्याल रखें।
- वाहन चलाते समय सीट बेल्ट या हेलमेट पहनने की सलाह दी जाती है, परन्तु इन चेतावनियों के बावजूद भी लोग इन नियमों का पालन नहीं करते है। सीट बेल्ट और हेलमेट वाहन चलाते समय महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण हैं और दुर्घटना होने पर चोट लगने की सम्भावना को कई गुना कम कर देते हैं।
- कई लोग वाहन चलाते समय अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाते रहते है। इससे ना सिर्फ दूसरे वाहन चालकों का ध्यान भंग होता है अपितु वाहन दुर्घटना होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
- हमेशा अपनी लेन में ही वाहन चलाएं। अनावश्यक रूप से लेन बदलने से आपके पीछे चल रहे वाहन चालक कंफ्यूज हो सकते हैं और दुर्घटना की सम्भावना भी प्रबल हो जाती है।
- निर्धारित सीमा से अधिक गति का होना ही सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण है। देश में अधिक सड़क दुर्घटनाएं ओवरस्पीड की वजह से ही होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने वाहन की गति हमेशा निर्धारित सीमा में ही रखें और ओवरस्पीड एवं रैश ड्राइविंग से दूर रहें।
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