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    Punjab ByPoll result: विधायक बनने से चूकीं जतिंदर कौर रंधावा, आगे चुनाव लड़ने की अब कोई संभावना नहीं

    पंजाब के डेरा बाबा नानक विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर उनकी पत्नी जतिंदर कौर रंधावा को शिरोमणि अकाली दल के रविकरण सिंह काहलों ने हराया है। रंधावा अपने बेटे उदयवीर सिंह रंधावा को राजनीति में लाना चाहते थे लेकिन उम्र के चलते यह नहीं हो पाया।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 23 Nov 2024 06:26 PM (IST)
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    डेरा बाबा नानक से हारीं जतिंदर कौर रंधावा, फाइट फोटो।

    जागरण संवाददाता, गुरदासपुर। सुखजिंदर सिंह रंधावा के सांसद बनने के बाद खाली हुई विधानसभा हलका डेरा बाबा नानक की सीट कांग्रेस के हाथ से फिसल गई है।

    हालांकि, खुद सांसद बनने के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा अपने बेटे उदयवीर सिंह रंधावा को भी हलके की राजनीति में सक्रिय कर रहे हैं। 

    चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित कम से कम आयु पूरी न होने के कारण उन्हें अपनी पत्नी जतिंदर कौर रंधावा को चुनाव मैदान में उतारना पड़ा, लेकिन वह अपनी पत्नी को पहली जीत नहीं दिला पाए।

    कांग्रेसी हलका होने का लगा था ठप्पा

    गौरतलब है कि डेरा बाबा नानक हलका 2012 में अस्तित्व में आया था। इसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल उम्मीदवार सुच्चा सिंह लंगाह को हराया, जबकि साल 2022 के चुनाव में वह शिअद के उम्मीदवार रविकरण सिंह काहलों को हराकर अपनी जीत की परंपरा को कायम रखा और इस हलके पर कांग्रेसी हलका होने का ठप्पा लगा दिया।

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    बेटे को सौंपना चाहेंगे अपनी विरासत

    इसी उम्मीद के चलते सुखजिंदर सिंह रंधावा वैसे तो अपने बेटे उदयवीर सिंह को भी चुनाव मैदान में उतारना चाहते थे, लेकिन चुनाव के लिए निर्धारित उम्र पूरी न होने के चलते उन्होंने अपनी पत्नी जतिंदर कौर रंधावा को मैदान में उतारा।

    जतिंदर कौर रंधावा के लिए विधायक बनने का शायद यह पहला और आखिरी मौका था क्योंकि अब अगले किसी भी चुनाव से पहले उनके बेटे उदयवीर रंधावा की चुनाव लड़ने की आयु पूरी हो जाएगी और जाहिर सी बात है कि वह अपनी विरासत अपने बेटे को ही सौंपना चाहेंगे।

    हार पर क्या बोले पार्टी प्रधान राजा वड़िंग

    मैं चुनावी नतीजों से निराश नहीं हूं। तीन सीटों पर शिरोमणि अकाली दल के न लड़ने के कारण यह वोट आम आदमी पार्टी को चला गया। हमारा वोट बैंक वहीं पर खड़ा है। लोकसभा में हमें बीस हजार वोट मिले। अब 50 हजार मिले हैं हमने अढ़ाई गुणा वोट बढ़ा लिए।

    नगर निगम चुनाव पर असर नगर निगम के चुनाव में इनका कोई प्रभाव नहीं होगा। कांग्रेस सभी सीटों पर पूरे बल से लड़ेगी। पंचायत चुनाव में इन्होंने जो धक्केशाही की उसका प्रतिक्रम सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है। मुझे लगता है कि सरकार इससे सबक सीख लेगी। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, प्रदेश प्रधान, कांग्रेस

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