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Lok Sabha Election 2024: पंजाब के गुरदासपुर से किस पर लगाएं दांव? दमदार उम्मीदवार की तलाश में जुटे सभी राजनीतिक दल

Lok Sabha Election 2024 पंजाब के गुरदासपुर में इस समय स्थिति बेहद पेचीदा बनी हुई हैPunjab Lok Sabha Election 2024 लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर में पहली बार ऐसी अजीबोगरीब स्थिति बनी है किस भी राजनीतिक पार्टियां जिताऊ व दमदार उम्मीदवार की तलाश में हैं। किसी भी पार्टी के पास चुनाव में उतारने के लिए पहले से तय कोई बड़ा चेहरा नहीं है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Published: Sat, 23 Mar 2024 06:17 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2024 06:17 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: पंजाब के गुरदासपुर से किस पर लगाएं दांव

सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर। Punjab Lok Sabha Election 2024: साल 1952 में अस्तित्व में आए लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर में पहली बार ऐसी अजीबोगरीब स्थिति बनी है किस भी राजनीतिक पार्टियां जिताऊ व दमदार उम्मीदवार की तलाश में हैं। किसी भी पार्टी के पास चुनाव में उतारने के लिए पहले से तय कोई बड़ा चेहरा नहीं है।

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यही कारण है कि कई दावेदार होने के बावजूद भाजपा, कांग्रेस व आप में और आप आप कांग्रेस शिअद, भाजपा में मजबूत उम्मीदवार की तलाश कर रही है।

गठबंधन की उम्मीद में शिअद अभी प्रत्याशी तय नहीं कर पा रहा है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान गुरदासपुर में भाजपा से सनी देओल, कांग्रेस से सुनील जाखड़ और आप से पीटर मसीह चीदा ने चुनाव लड़ा था। वहीं पांच साल में हालात ऐसे बन चुके हैं कि चुनाव लड़ चुके सभी चेहरे मैदान से बाहर दिख रहे हैं।

कांग्रेस : कई नेता कर रहे जोर आजमाइश, रंधावा का नाम सबसे ऊपर

कांग्रेस के पास पहले बड़ा चेहरा प्रताप सिंह बाजवा व सुनील जाखड़ थे। बाजवा ने 2009 में विनोद खन्ना को हराया था। वहीं, विनोद खन्ना के निधन के बाद 2017 में हुए उपचुनाव में सुनील जाखड़ ने भाजपा प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया को हराया था। हालांकि, वर्ष 2019 का चुनाव वह सनी देओल से हार गए थे। कांग्रेस के उम्मीदवार रहे सुनील जाखड़ अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

पीटर मसीह भी परिदृश्य से बाहर हैं। कांग्रेस दस वर्ष से केंद्र की सत्ता से बाहर रहने के कारण मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारना चाहती है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के चुनाव न लड़ने के निर्णय के बाद पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है। इनके अलावा गुरदासपुर के विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा भी दौड़ में हैं।

हालांकि, पाहड़ा खुद चुनाव लड़ने के बजाय अपने छोटे भाई नगर कौंसिल के प्रधान और यूथ कांग्रेस के जिला प्रधान एडवोकेट बलजीत सिंह पाहड़ा को चुनाव मैदान में उतारना चाहते हैं। इसी तरह पठानकोट के विधायक अमित विज के नाम पर भी चर्चा हो रही है।

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इन सबके बीच एक नाम अमरदीप सिंह चीमा का भी सामने आ रहा है, जो कि पिछले कुछ माह से फोन मैसेज के माध्यम से लोगों में पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से उनका सीधा तालमेल बहुत कम है।

शिअद: गठबंधन की उम्मीद में अकाली दल तय नहीं कर पा रहा प्रत्याशी

अकाली दल के नेता गठबंधन की उम्मीद में दावेदारी नहीं जता रहे हैं। यही वजह है कि पार्टी अभी उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। यही नहीं गठबंधन की चर्चाओं के बीच भाजपा और शिअद कार्यकर्ता भी एक दूसरे पर बयानबाजी से कतरा रहे हैं। शिअद के पूर्व विधायक गुरबचन सिंह बब्बेहाली के आप में शामिल होने की चर्चा भी हो रही है।

आप: क्षेत्र में कोई बड़ा चेहरा नहीं

दूसरी पार्टी के नेताओं पर नजर सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी के पास क्षेत्र में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। पंजाब हेल्थ कारपोरेशन सिस्टम के चेयरमैन रमन बहल और प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन जगरूप सिंह सेखवां का नाम भी समय-समय पर चर्चा में आ रहा है। हालांकि, आप में किसी दूसरी पार्टी के बड़े नेता को भी चुनाव मैदान में उतारने की चर्चाएं जोरों पर हैं।

भाजपा: सनी देओल ने छोड़ा मैदान, चर्चा में गायिका सत्ती का नाम

1999 से 2014 तक भाजपा के पास अभिनेता विनोद खन्ना बड़ा चेहरा होते थे। उनके निधन के बाद 2019 के चुनाव में भाजपा ने सनी देओल को मैदान में उतारा था। इस चुनाव में सनी देओल खुद ही चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

सनी देओल के मैदान छोड़ने के बाद भाजपा नया उम्मीदवार ढूंढ़ रही है। सनी देओल के पांच साल क्षेत्र से गायब रहने के कारण लोगों में उनके प्रति नाराजगी है।

यही कारण है कि भाजपा चर्चित चेहरे की तलाश कर रही है। कुछ दिन पहले गुरदासपुर पहुंचीं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया के दौरे में उनके साथ नजर आईं पंजाबी फिल्म स्टार, एंकर और गायिका सतिंदर सत्ती का नाम भी एकदम से चर्चा में आ गया है। सतिंदर सत्ती जहां फिल्म स्टार होने के कारण मशहूर हैं, वहीं बटाला निवासी होने के कारण स्थानीय भी हैं।

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