गुरदासपुर में तनाव बढ़ने की संभावना, दिल्ली-जम्मू हाइवे के लिए एक्वायर जमीन पर किसानों ने फिर किया कब्जा
गुरदासपुर के किसानों ने दिल्ली-जम्मू कटरा हाइवे के लिए अधिग्रहित की जा रही जमीन पर फिर से कब्जा कर लिया है। आरोप है कि उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। मंगलवार को पुलिस और किसानों के बीच झड़प में सात किसान घायल हो गए थे। किसानों ने अब रास्ते के दोनों तरफ से मिट्टी की दीवारें बनाकर संगठन के झंडे गाड़ दिए हैं।
संवाद सूत्र, श्रीहरगोबिंदपुर साहिब। गुरदासपुर के पास दिल्ली-जम्मू कटरा हाइवे के लिए एक्वायर जमीन को लेकर आज फिर तनाव की स्थिति है। बीते दिन गांव भर्थ और नंगल झोर में मंगलवार को दिल्ली-जम्मू कटरा हाइवे के लिए एक्वायर जमीन को लेकर सिविल और पुलिस प्रशासन की ओर से किसानों को खदेड़ा गया था।
बुधवार को फिर से किसानों ने एक्वायर जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस दौरान किसानों ने किसान महिलाओं और बच्चों के हित कब्जे वाली जगह पर मार्च निकाल कर पंजाब सरकार का पुतला जलाया और फिर से कब्जा करते हुए रास्ते के दोनों तरफ से मिट्टी की दीवारों का निर्माण करते हुए संगठन के झंडे गाड़ दिए। इससे पहले गांव नंगल झोर में प्रदेश नेता सविंदर सिंह, लखविंदर सिंह वरियाम, रविंदर सिंह मसानियां और जिले की कमेटी की मौजूदगी में बड़ा इक्ट्ठ किया गया।
पुलिस से झड़प के दौरान 7 किसान घायल
मंगलवार को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से करीब 800 मीटर पर कब्जा ले लिया गया है। कब्जे की कार्रवाई के दौरान पुलिस और किसानों में झड़प हो गई, जिसमें सात किसान जख्मी हो गए। इन्हें इलाज के लिए सीएचसी भाम में दाखिल कराया गया है। किसानों का आरोप है कि उन्हें जमीन के पैसे दिए बिना ही प्रशासन कब्जा कर रहा है, जबकि प्रशासन का कहना है कि वह किसानों को तय मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन वे ज्यादा पैसे की मांग कर रहे हैं।
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जमीन बनी जिंदगी और मौत का सवाल
प्रदेश नेता सविंदर सिंह चताला ने कहा कि यह जमीन उनकी जिंदगी और मौत का सवाल है। यह उनकी पीढ़ी का भविष्य है। उन्होंने कहा कि कोढ़ियों के भाव कभी वह वह अपनी जमीन सरकार को नहीं देंगे। इसके लिए भले ही उन्हें अपना जान क्यों न देनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को हुए अत्याचार के दौरान गंभीर रूप में घायल हुए परमिंदर सिंह चीमा खुड्डी की हालत बिगड़ने के कारण उन्हें जालंधर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां पर उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। यदि किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेदारी सिविल प्रशासन, पुलिस प्रशासन और पंजाब सरकार की होगी। इस मौके पर रछपाल सिंह, सतनाम सिहं, गुरप्रीत सिहं, हजूर सिहं, धीरमल सिंह, गुरजीत सिंह बल्लड़ा और जिले के अन्य कई मुख्य नेता धरने पर मौजूद थे।
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