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    गुरदासपुर में बवाल! पुलिस से झड़प में कई किसान घायल; जम्मू-कटड़ा हाईवे अधिग्रहण को लेकर कर रहे थे प्रदर्शन

    पंजाब (Punjab News) के गुरदासपुर (Gurdaspur News) में गांव नंगलझोर में किसान और पुलिस प्रशासन आमने-सामने हो गए। टकराव की स्थिति उत्पन्न होने के बाद किसानों की पगड़ियां भी उतर गईं। इस दौरान आठ किसान भी घायल हो गए। किसानों ने सरकार और पंजाब पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। बता दें कि जम्मू-कटड़ा हाईवे (Katra Expressway Land Acquisition) के लिए कब्जे को लेकर ये विवाद खड़ा हुआ है।

    By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Tue, 11 Mar 2025 01:32 PM (IST)
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    पुलिस और किसानों में झड़प के दौरान की तस्वीरें।

    संवाद सूत्र, श्रीहरगोबिंदपुर साहिब (गुरदासपुर)। दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे (Delhi-Katra Expressway Land Acquisition) के सब डिवीजन बटाला में पड़ते 20 किलोमीटर के एरिया में से 4 किलोमीटर में नेशनल हाईवे अथॉरिटी को जमीन का कब्जा नहीं मिल पा रहा है। मंगलवार को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से करीब 800 मीटर पर कब्जा ले लिया गया है।

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    पुलिस से झड़प के दौरान 7 किसान घायल

    कब्जे की कार्रवाई के दौरान पुलिस और किसानों में झड़प हो गई, जिसमें सात किसान जख्मी हो गए। इन्हें इलाज के लिए सीएचसी भाम में दाखिल कराया गया है। किसानों का आरोप है कि उन्हें जमीन के पैसे दिए बिना ही प्रशासन कब्जा कर रहा है, जबकि प्रशासन का कहना है कि वह किसानों को तय मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन वे ज्यादा पैसे की मांग कर रहे हैं।

    हाईवे अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान।

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    मुआवजा लेने के बाद खेती करने का आरोप

    एसडीएम बटाला बिक्रमजीत सिंह का कहना है कि तीन साल से नेशनल हाईवे अथॉरिटी जमीन का अधिग्रहण कर चुकी है, लेकिन किसान इसका कब्जा नहीं दे रहे। किसान अधिग्रहत जमीन पर तीन साल से लगातार खेती करते आ रहे हैं।

    पुलिस के साथ झड़प के दौरान की तस्वीरें।

    मंगलवार सुबह एसडीएम विक्रमजीत सिंह के नेतृत्व में अथॉरिटी ने पुलिस की मदद से गांव नंगल झोर और भरथ में जमीन का कब्जा लेने का काम शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही किसान बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए और विरोध करना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।

    झड़प के दौरान कई किसानों की उतरी पगड़ियां

    इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कुछ किसानों की पगड़ियां उतर गईं। इसके अलावा झड़प के दौरान किसान परमिंदर सिंह पुत्र सुरजीत सिंह निवासी गांव चीमा खुड्डी, अजायब सिहं पुत्र मंगल सिंह निवासी चीमा खुड्डी, गुरमुख सिंह पुत्र हरबंस सिंह निवासी खानमलक, हरजीत सिंह पुत्र हरपाल सिंह निवासी गांव लील कलां, अजीत सिंह पुत्र किशन सिंह निवासी गांव भरथ, निशान सिंह पुत्र अवतार सिंह निवासी भिट्टेवड्ड और अजीत सिंह पुत्र तरलोक सिंह निवासी भिट्टेवड्ड घायल हो गए। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।

    पुलिस के साथ झड़प के दौरान घायल हुए किसानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

    आखिर क्या है ये विवाद?

    बता दें कि दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे (Delhi-Katra Expressway Land Acquisition) के तहत बटाला तहसील का 20 किलोमीटर लंबा एरिया आता है। इसमें से 4 किलोमीटर का नेशनल हाईवे अथॉरिटी को अभी तक कब्जा नहीं मिल पाया है।

    जिला प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र में करीब 40 लाख रुपये प्रति एकड़ रेट तय किया गया है, जबकि किसानों द्वारा जिले में ही कुछ अन्य इलाकों में मिले 1 करोड़ के मुआवजे की तर्ज पर भुगतान की मांग की जा रही है। इसलिए किसान फिलहाल जमीनों का कोई पैसा नहीं ले रहे और कब्जा भी नहीं छोड़ रहे। किसान तीन साल से अधिग्रहित जमीनों पर लगातार खेती करते आ रहे हैं।

    जिला प्रशासन कर रहा धक्केशाही: हरभजन

    उधर, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता हरभजन सिंह ने कहा कि भरथ और नंगल झोर में हुई कार्रवाई निंदनीय है। एसडीएम बटाला और डीएसपी श्रीहरगोबिंदपुर साहिब ने मिलकर धक्केशाही की है। किसानों को बिना पैसे दिए उनकी जमीन पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है।

    मंगलवार को प्रशासन ने सभी हदें पार कर दी हैं, जिसमें कई किसान जख्मी हुए हैं। सरकार की धक्केशाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन किसानों की जमीन पर कब्जा कर नेशनल हाइवे निकालने का प्रयास कर रही है।

    जल्द बनेगी आगे की रणनीति: पंधेर

    वहीं, घटना के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बयान जारी कर कहा है कि गुरदासपुर के नंगल झोर और भरथ में किसानों को मुआवजा दिए बिना जमीन हथियाने की कोशिश की गई है।

    जब किसानों ने उसका विरोध किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें 7 किसान जख्मी हो गए हैं। पंधेर ने बताया कि घायलों को अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। इस घटना को लेकर बैठक की जा रही है, जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

    कानून के तहत हुई कार्रवाई: एसडीएम

    एसडीएम बटाला बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने नियमानुसार तीन साल पहले दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे के लिए उक्त जमीन अधिग्रहित की थी। बटाला से 20 किलोमीटर रोड निकलेगा, जिसमें से 4 किलोमीटर इलाके में किसान जमीनों का कब्जा नहीं दे रहे।

    किसानों को संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्धारित रेट के बाद नियमों के तहत बढ़ाकर राशि दी जा रही है, लेकिन उक्त इलाके के किसान और ज्यादा पैसे की मांग कर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने किसानों को पैसे बढ़ाने के लिए अपना पक्ष डिवीजनल कमिश्नर या अदालत में रखने के लिए कहा है।

    उन्होंने बताया कि पहले भी कई किसान इनके समक्ष पक्ष रखकर मुआवजा राशि बढ़वा चुके हैं। यहां के किसान बेवजह विरोध कर रहे हैं। नियमों के विपरीत जाकर किसान तीन साल से अधिग्रहित जमीन पर खेती कर रहे हैं और कब्जा नहीं दे रहे। मंगलवार को 800 मीटर का कब्जा लेकर काम शुरू करा दिया गया है।

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