Updated: Thu, 25 Sep 2025 04:58 PM (IST)
फिरोजपुर में प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद मल्लांवाला क्षेत्र में पराली जलाने के तीन मामले सामने आए हैं। पुलिस ने तीन किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है क्योंकि इससे पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरता को नुकसान होता है। सरकार पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी भी दे रही है।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर। जिले में प्रशासन व कृषि विभाग की ओर से किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा कई बार चेतावनी देने के बावजूद जिले में पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं। थाना मल्लांवाला क्षेत्र के गांव जौड़ा मल्लांवाला में धान की कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों को आग लगाने पर पुलिस ने तीन किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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तीन किसानों के खिलाफ केस दर्ज
थाना मल्लांवाला के एएसआई गुरदीप सिंह ने बताया कि सरकारी आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुछ किसानों ने खेतों में पराली को आग लगाई थी। आग की लोकेशन ट्रैक करने के बाद पुलिस ने सतिंद्रपाल सिंह, जतिंद्र सिंह और बचित्र सिंह तीनों निवासी जौड़ा मल्लांवाला के खिलाफ मामला दर्ज किए गए हैं।
एएसआई ने कहा कि सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देने के साथ-साथ लगातार जागरुकता अभियान भी चलाया है। इसके बावजूद पराली जलाना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि पर्यावरण और मिट्टी की उर्वरता के लिए भी गंभीर खतरा है।
पुलिस ने किसानों को चेतावनी दी है कि पराली को आग लगाने पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और आरोपितों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
डीसी ने की पराली न जलाने की अपील
डीसी ने की किसानों से पराली न जलाने की अपील डिप्टी कमिश्नर दीपशिखा शर्मा ने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है। इस खतरे को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने गांव-गांव जाकर विशेष जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं।
वहीं गुरुद्वारों में अनाउंसमेंट कर किसानों को पराली न जलाने की अपील भी की जा रही है। पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता घटती है, पर्यावरण प्रदूषित होता है और इंसानों व पशुओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि किसानों को पराली को खेत में ही मिलाने के लिए कई आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिन पर सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी आने वाली पीढ़ी को साफ-सुथरा वातावरण देने के लिए पराली को जलाने के बजाय इसे जमीन में मिलाने की जिम्मेदारी निभाएं।
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