उम्र 10 साल, लेकिन दिल बहुत बड़ा... राष्ट्रपति पुरस्कार लेकर पहुंचे घर पहुंचे श्रवण सिंह, खुशी से झूमा पूरा गांव
10 वर्षीय राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता श्रवण सिंह का फिरोजपुर के तरांवाली गांव लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। ग्रामीणों और परिवार ने आतिशबाजी व मिठाइ ...और पढ़ें

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता श्रवन सिंह का फिरोजपुर में भव्य स्वागत
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर। ममदोट क्षेत्र के तरांवाली गांव के रहने वाले 10 वर्षीय श्रवण सिंह के राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित होकर गांव लौटने पर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। शनिवार की देर रात जैसे ही श्रवण अपने गांव पहुंचा, ग्रामीणों और परिजनों ने आतिशबाजी कर उसका जोरदार स्वागत किया। गांव की गलियां रोशनी और उल्लास से जगमगा उठीं।
श्रवण के घर पहुंचते ही परिवारजनों ने फूल-मालाओं से उसका स्वागत किया और मिठाइयां बांटकर खुशी सांझा की। रविवार को श्रवण के स्वागत का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा। घर पर डीजे बजता रहा और रिश्तेदारों, ग्रामीणों व दोस्तों का तांता लगा रहा।

हर कोई श्रवण से मिलकर उसे बधाई देने पहुंचा। इस दौरान घर में लगातार चाय-पकौड़े बनते रहे और आने वाले मेहमानों का सत्कार किया जाता रहा। श्रवण की उपलब्धि पर लोगों ने उसकी मेहनत, लगन और प्रतिभा की जमकर सराहना की। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी के चेहरे पर गर्व और खुशी साफ झलक रही थी।
-1766928044814.jpeg)
ग्रामीणों ने कहा कि श्रवण ने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इतनी कम उम्र में देश के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त करना किसी भी बच्चे के लिए बड़ी उपलब्धि है। श्रवण की सफलता से गांव के अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिली है और वे भी आगे बढ़कर कुछ कर दिखाने का संकल्प ले रहे हैं।

श्रवण के माता-पिता ने भावुक होते हुए कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने बताया कि श्रवण ने छोटी उम्र में जिस तरह मेहनत और अनुशासन के साथ आगे बढ़कर यह मुकाम हासिल किया है, वह पूरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है।

'हमारे बेटे ने राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त किया और स्वयं दिल्ली जाकर राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा, यह हमारे लिए किसी सपने से कम नहीं है । माता-पिता ने श्रवण की इस सफलता का श्रेय उसके शिक्षकों, मार्गदर्शकों और गांव के लोगों को भी दिया, जिन्होंने हर कदम पर उसका उत्साह बढ़ाया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि श्रवण आगे भी इसी तरह मेहनत करता रहेगा और देश का नाम रोशन करेगा। वहीं श्रवण ने भी सभी का आभार जताते हुए कहा कि गांव और परिवार का प्यार ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। उसने भविष्य में और भी अच्छा करने का संकल्प दोहराया। श्रवण की इस उपलब्धि से तरांवाली गांव ही नहीं, बल्कि पूरे ममदोट क्षेत्र में उत्सव का माहौल बना हुआ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।