यूपीएससी की परीक्षा को सुजावल को मिला 84वां रैंक
मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। यह पंक्तियां अबोहर की नानक नगरी के सुजावल जग्गा पर एकदम फिट बैठती हैं।

संस, अबोहर : मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। यह पंक्तियां अबोहर की नानक नगरी के सुजावल जग्गा पर एकदम फिट बैठती हैं। सुजावल जग्गा ने पीसीएस की परीक्षा पास करने के बाद अब यूपीएससी की परीक्षा पास कर यह सिद्ध कर दिया है मन में किसी मुकाम को पाने का जनून लग जाए तो मंजिल खुद-ब-खुद उसकी तरफ दौड़ी चली आती है। सुभाष जग्गा व सुनैना जग्गा के होनहार बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा में 84वां रैंक हासिल किया है।
सुजावल चंडीगढ़ में एसडीएम के पद के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। सुजावल ने कहा कि उनका सपना आइएएस आफिसर बनने का था। उन्होंने दूसरी बार यह परीक्षा दी व पास कर अपने सपना पुरा कर लिया। सोमवार देर रात घर पहुंचने पर उनका ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया। सुजावल जग्गा ने बताया कि उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने ही पिता के स्कूल न्यू एनडी माडल स्कूल से हासिल की और दसवीं की परीक्षा अजंपशन कान्वेंट स्कूल से 90 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। सुजावल ने बताया कि 12वीं में कामर्स विषय में उसने पूरे जिले में टाप किया था। इसके बाद उन्होंनं सीए की चार वर्ष की शिक्षा दिल्ली में हासिल की और पहली बार में ही सीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। सीए की परीक्षा पास करने के बाद उसे ब्राजील और जापान जाने का मौका भी मिला, जहां पर भी उन्हें काफी अनुभव हासिल हुआ। लेकिन सुजावल का सपना यूपीएससी पास करने का ही रहा। सुजावल ने बताया कि लाकडाउन के दौरान पीसीएस की परीक्षा तैयारी घर में ही रहकर यू टयूब की मदद से ही की व वर्ष 2021 में 8वां रैंक हासिल किया। सुजावल कहते हैं कि आप ने जिस भी लक्ष्य को प्राप्त करना है तो उसे शिद्दत से उसे मोहब्बत करो, बस मंजिल खुद मिलने में देर नहीं लगेगी। परमात्मा व माता पिता व बहन की मदद को दिया श्रेय
सुजावल जग्गा ने बताया कि वह युवाओं को सीए की ट्रेनिग करने मे मदद करता रहा है। इसके लिए उसने अनेक वीडियो यू टयूब पर लोड की। उन्होंने कहा कि अगर कोई युवा पीसीएस या यूपीएससी के बारे में कुछ जानकारी हासिल करना चाहता है तो वह हमेशा उनके मार्गदर्शन व सहायता के लिए तैयार रहेगा। अपनी सफलता का श्रेय वह परमात्मा, अपने माता पिता, बहन व जीजा के अलावा अपने नर्सरी के टीचर से लेकर अब तक के टीचरों को देता है जिन्होंने उनकी हर तरह से मदद की व उसका हौंसला बढ़ाया। माता-पिता बोले-बेटे ने साकार किया सपना
सुजावल जग्गा के पिता सुभाष जग्गा पेशे से प्राइवेट स्कूल चलाते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें बचपन से ही पता चल गया था कि सुजावल होनहार है व उनका नाम रोशन करंगा। माता सुनैना जग्गा व पिता सुभाष जग्गा ने कहा कि बेटे ने उनका व अपना सपना पूरा किया है। सुजावल की बहन प्रियंका कहती है बचपन में जो डांट उसने अपनी भाई को दी व पढ़ाया आज उसका ही फल उसे मिला है। सुजावल जग्गा की बड़ी बहन प्रियका नागौरी ने कहा कि हर बहन का सपना होता है कि उसका भाई जीवन की ऊंचाईयों को छुए और सुजावल ने इसे साकार कर दिया है। जीजा सचीन नगौरी के अलावा अनिल नागौरी, दीपक नागौरी, पवन नगौरी, पयूष नागौरी, जेपी बांसल, नंद लाल पुरुषोत्तम दास ने बहुत-बहुत बधाई दी है।
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